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Bihar Cabinet: नीतीश की 'अजब' सरकार, कानून मंत्री ही नहीं कृषि मंत्री भी चावल गबन में फंसे तो शिक्षा मंत्री एयरपोर्ट ले गए थे कारतूस

NDA से अलग होकर नीतीश कुमार की नई सरकार बने दो दिन भी नहीं हुए हैं. इससे पहले ही उनके मंत्रियों को लेकर विपक्ष ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया है.

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डीएनए हिंदी: बिहार (Bihar) में NDA से अलग होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राजद (RJD) समेत 7 दलों के साथ महागठबंधन सरकार बना तो ली है, लेकिन पहले ही दिन से विवादों में घिर गए हैं. नीतीश के मंत्रिमंडल में शामिल चेहरों को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं. जहां 'भगोड़ा' होने के बावजूद कार्तिक सिंह (Kartik Singh) को कानून मंत्री बनाने को लेकर विवाद उठा है, वहीं कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) और शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Proffesor Chandrashekhar) के ऊपर भी आपराधिक आरोप सामने आ गए हैं.

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कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर है चावल गबन का मुकदमा

कृषि मंत्री बने सुधाकर सिंह पर खेती-किसानी से जुड़े मामले में मुकदमा रामगढ़ थाने में दर्ज है. उनके ऊपर इस मामले में सरकार का लाखों रुपया भी बकाया है, जिसकी रिकवरी की प्रक्रिया चल रही है. सुधाकर बक्सर की रामगढ़ विधानसभा से विधायक हैं और यहीं पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसे दर्ज कराने वाली सरकार मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही थी. बता दें कि सुधाकर के पिता जगदानंद (Jagadanand) राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं.

एसएफसी कैमूर से मिले दस्तावेज के मुताबिक, सुधाकर राइस मिल सहूका में 365.30 मीट्रिक टन सीएमआर बकाया था, जिसकी कीमत 69 लाख 52 हजार 133 रुपया थी. इसमें विभाग की तरफ से 10 लाख 50 हजार रुपए की रिकवरी की गई है. एसएफसी मैनेजर राजीव कुमार के मुताबकि, अभी भी सुधाकर सिंह के ऊपर सरकार का 59 लाख 02 हजार 133 रुपए बकाया है. इसकी रिकवरी के लिए एसएफसी की तरफ से 35/2012-13 में नीलाम वाद दायर किया गया था. इसके बाद रामगढ़ थाने में 184/13 कांड संख्या के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. यह मुकदमा अब भी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम की अदालत में लंबित है.

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शिक्षा मंत्री के पास दिल्ली एयरपोर्ट पर मिल थे जिंदा कारतूस

नीतीश कुमार की सरकार में शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी प्रोफेसर चंद्रशेखर को दी गई है, जो तीसरी बार मधेपुरा विधानसभा सीट से विधायक हैं. इस बार चंद्रशेखर ने दिग्गज नेता पप्पू यादव (Pappu Yadav) को चुनाव में पटखनी दी थी. चंद्रशेखर इस साल 20 फरवरी को दिल्ली (Delhi) के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट (Indira Gandhi Airport) पर 10 जिंदा कारतूसों के साथ पकड़े गए थे. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था. 

प्रोफेसर चंद्रशेखर ने विकास भवन स्थित अपने सरकारी दफ्तर में कार्यभार ग्रहण करने के बाद बुधवार को इस प्रकरण की सफाई भी दी. उन्होंने Zee Media से बातचीत में कहा कि ये केस हाईकोर्ट में खारिज हो चुका है. मेरे पास पिस्टल का लाइसेंस है. मन में खोट होती तो कोई लाइसेंस होल्डर सिर्फ 10 कारतूस के साथ दिल्ली क्यों जाएगा? वो अपने साथ हथियार लेकर भी जाता. 

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बता दें कि चंद्रशेखर इससे पहले भी नीतीश कुमार के साथ मंत्री रह चुके हैं. साल 2015 में जब नीतीश कुमार की जदयू (JDU) ने लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की राजद के साथ मिलकर पिछली बार बिहार में सरकार बनाई थी, तब भी चंद्रशेखर को आपदा प्रबंधन मंत्री बनाया गया था. 

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कार्तिक सिंह के वकील ने कहा- मेरा मुवक्किल फरार नहीं

बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को विपक्षी दलों की तरफ से 'भगोड़ा' बताए जाने पर उनके वकीलों ने ऐतराज जताया है. उनके वकील मधुसूदन शर्मा ने कहा, वह (कार्तिकेय) न फरार चल रहे हैं और न नामजद अभियुक्त हैं. उन्हें 16 अगस्त को अदालत में पेश होना था, इस बात की कोई सूचना नहीं है. कार्तिकेय सिंह की गिरफ्तारी के आदेश पर 1 सितंबर तक रोक लगी हुई है. 

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अधिवक्ता शर्मा ने कहा, भारतीय संविधान के तहत आपराधिक मुकदमे दो तरह के होते हैं. पहला मुकदमा जो पुलिस जांच के तहत दर्ज होता है और दूसरा मुकदमा किसी मजिस्ट्रेट के यहां दी गई कंप्लेंन के तहत दर्ज होता है. वकील ने कहा कि स्पष्ट तौर पर कहता हूं कार्तिकेय नामजद अभियुक्त नहीं हैं. 

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