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Vishnu Puran: किस आधार पर नया जन्म तय होता है? जानिए क्या कहता है विष्णु पुराण

New birth Secret After Death: विष्णु पुराण कथा राजा जड़भरत की कहानी बताती है. इस कहानी में बताया गया है कि मनुष्य को पशु योनि कैसे प्राप्त हुई. विष्णु पुराण में जड़भरत की कथा से आइए जानते हैं कि व्यक्ति को अगला जन्म कैसे मिलता है.

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अगले जन्म कैसे तय होता है?

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Vishnu Puran Story: मृत्यु को आत्मा की यात्रा में एक पड़ाव माना जाता है क्योंकि अंत शरीर का होता है, आत्मा का नहीं. ऐसा कहा जाता है कि आत्मा की यात्रा किसी शरीर तक ही सीमित नहीं है. उसे कई शरीरों से गुजरना पड़ता है और हर शरीर के मिलने का कोई न कोई कारण होता है. ऐसा विष्णु पुराण, गीता और अन्य ग्रंथों में कहा गया है. लेकिन आत्मा का उद्देश्य भटकना नहीं है, बल्कि उसे मोक्ष प्राप्त करना है. मोक्ष तब प्राप्त होता है जब आत्मा परमात्मा के साथ एक हो जाती है. आत्मा परमात्मा को पाने के लिए ही विभिन्न शरीर धारण करती है, लेकिन एक ही इच्छा के चक्र में फंसने के कारण आत्मा को बार-बार अलग-अलग योनियों से गुजरना पड़ता है.

आत्मा और उसके नए जीवन से जुड़ी विष्णु पुराण में एक जड़भरत की कहानी है. जड़भरत एक महान संत राजा थे. वह धार्मिक थे और लोगों की परवाह भी करते थे. लेकिन एक दिन ऐसा हुआ कि जब वह नदी में नहा रहे थे तो शेर से डरकर एक हिरण नदी में कूद गया, लेकिन नदी पार नहीं कर सका. हिरणी गर्भवती थी और उसने पानी में ही अपने बच्चे को जन्म दिया. हिरण जन्म देकर मर गई. बच्चे को देखकर राजा को दया आ गई और वह हिरण के बच्चे को अपने महल में ले आए.
  
राजा जड़भरत उस हिरण को अपने पुत्र की तरह पालने लगे. हिरण भी राजा के साथ खुश था. हिरण के बच्चे के प्रति राजा का प्रेम बढ़ता ही गया और वह बूढ़े होते गए और उनकी मौत हो गई. लेकिन मरते समय भी उसका उस हिरणी के प्रति मोह ख़त्म नहीं हुआ, वह हिरण के बारे में ही सोचते रहे. परिणाम यह हुआ कि उन्हें मनुष्य योनि से पशु योनि में जाना पड़ा और स्वयं हिरणी की योनि में प्रवेश कर अगला जन्म हिरणी के रूप में लिया.

इस प्रकार इस कहानी में कहा गया है कि मृत्यु के समय व्यक्ति जिस भावना में होता है, उसी भावना से वह अगला जन्म लेता है. गीता यह भी कहती है कि मृत्यु के समय जिसका मन भगवान के नाम का जाप करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है, लेकिन यह बहुत कठिन है क्योंकि जो भावना व्यक्ति को जीवन भर प्रभावित करती है वही भावना मृत्यु के समय उसके मन पर हावी हो जाती है.

आपने यह भी देखा होगा कि अगर परिवार में किसी की मृत्यु के बाद कुछ वर्षों के भीतर कोई बच्चा पैदा होता है, तो लोग कहते हैं कि परिवार का वही सदस्य आपके घर बच्चे के रूप में लौट आया है. दरअसल यह व्यक्ति का अपने परिवार के प्रति प्यार और स्नेह को दर्शाता है. क्योंकि मनुष्य अपनी वासना और परिवार के प्रति मोह से जल्दी छुटकारा नहीं पा सकता.

गरुड़ पुराण में कर्म के महत्व के बारे में बताया गया है, जिसके अनुसार व्यक्ति जो कर्म करता है उसी के अनुसार उसे अगला जन्म मिलता है. इसलिए, कर्म और कामना दोनों को अगले जन्म का कारण माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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