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साल 2025 तक टीबी मुक्त हो पाएगा भारत? देश में हर साल 73,000 लोगों की जान ले लेता है Tuberculosis

Tuberculosis: भारत में दुनिया की करीब 20 प्रतिशत आबादी रहती है लेकिन दुनिया के 25 प्रतिशत टीबी के मरीज भारत में पाए जाते हैं.

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साल 2025 तक टीबी मुक्त हो पाएगा भारत? देश में हर साल 73,000 लोगों की जान ले लेता है Tuberculosis
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डीएनए हिंदीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साल 2025 तक देश  को टीबी (Tuberculosis) से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. बीते हफ्ते राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने 'प्रधानमंत्री TB मुक्त भारत अभियान' की शुरुआत भी कर दी है. इस कार्यक्रम के तहत मरीजों को भोजन, निदान और परिजनों को ट्रेनिंग देने का कार्य होगा. पिछले 4 सालों में टीबी की डेथ रेट में वृद्धि हुई है. देश के कई अपेक्षाकृत समृद्ध राज्यों में डेथ रेट राष्ट्रीय औसत से ज्यादा पाया गया है.    
 
दुनिया के 25 प्रतिशत टीबी मरीज भारत में  
भारत में दुनिया की करीब 20 प्रतिशत आबादी रहती है लेकिन दुनिया के 25 प्रतिशत टीबी के मरीज भारत में पाए जाते हैं. साल 2021 की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार भारत में टीबी की रफ्तार कम हो रही है. साल 2017 में जहां भारत में प्रति लाख आबादी पर 217 टीबी के केस रिपोर्ट होते थे. वहीं साल 2020 तक ये आते आते ये 188 केस प्रति लाख हो गया है. इसके मुकाबले दुनिया में साल 2015 में 142 मामले प्रति लाख रिपोर्ट होते है. वहीं साल 2020 में ये आंकड़ा कम होकर 127 केस प्रति लाख रह गया है.  

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कोरोना से ज्यादा खतरनाक है TB? 
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आकड़ों के अनुसार अब तक देश में कोविड से 5.28 लाख मौतें हो चुकी है. वहीं अगर केस और मृत्यु के आंकड़ों को प्रतिशत में ढालें तो कोरोना का डेथ रेट 1.19 प्रतिशत है. हर साल 70 हजार से ज्यादा लोगों की टीबी से मौत हो जाती है. वहीं अगर टीबी की डेथ रेट देखें तो ये औसतन 3.5 फीसदी से ज्यादा रही है. टीबी के पिछले 4 सालों में औसतन 21 लाख से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए है. जिनमें औसतन 73 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.  
 
बढ़ रहा है टीबी से मरने वालों का प्रतिशत  
टीबी की डेथ रेट का आंकड़ा परेशान करने वाला है. जहां साल 2018 में डेथ रेट 2.51 प्रतिशत थी जो कि साल 2019 में बढ़कर 3.05 प्रतिशत हो गई. कोविड से प्रभावित साल 2020 में हालांकि कोविड के कम केस रिपोर्ट में आए. देश में कई महीने लॉकडाउन और आवागमन पर प्रतिबंध थे और इसके अलावा देश में अस्पतालों ज्यादातर कोविड के मामलों से ही जूझ रहे थे. इसी कारण से इस साल टीबी का डेथ रेट बढ़कर लगभग 5 प्रतिशत हो गया था. साल 2021 में ये थोड़ा सुधरकर 3.5 प्रतिशत पर पहुंच गया था. इस साल के मौजूदा आकड़ों के अनुसार अब भी ये यहीं बना हुआ है.  

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देश में 50 प्रतिशत टीबी की मौतें इन राज्यों से  
राज्यवार आंकड़ों को खंगालने पर पता चलता है कि देश में सबसे ज्यादा टीबी से सबसे ज्यादा मौतें देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से रिपोर्ट होती है. इसके बाद महाराष्ट्र (9.5 फीसदी), गुजरात (8.34 फीसदी), मध्य प्रदेश (6.31 फीसदी) और कर्नाटक का नंबर आता है. टीबी से होने वाली आधी मौतें इन पांच राज्यों से रिपोर्ट होती है. राज्यों में टीबी केस और मौतों के आंकड़ों को देखें तो कुछ और पैटर्न सामने आता है. देश में टीबी की सबसे ज्यादा डेथ रेट कर्नाटक में रिपोर्ट होती है. जहां हर 100 में 6 रोगियों की मौत हो जाती है. केरल (5.88 फीसदी), त्रिपुरा (5.57 फीसदी), उड़ीसा (5.01 फीसदी), पश्चिम बंगाल (4.7 फीसदी), तमिलनाडू (4.69 फीसदी), हिमाचल प्रदेश (4.49 फीसदी), गुजरात (4.19 फीसदी), छत्तीसगढ़ (3.89 फीसदी), असम (3.76 फीसदी) और आंध्र प्रदेश (3.54 फीसदी) उन राज्यों में शामिल है जहां का डेथ रेट राष्ट्रीय औसत (3.5 फीसदी) से ज्यादा है.  

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