Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Zulfikar Ali Bhutto की नहीं हुई निष्पक्ष सुनवाई,' 44 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने मानी गलती, पढे़ं क्या कहा

18 मार्च 1978 को लाहौर हाई कोर्ट ने अहमद रजा कसूरी की हत्या में संलिप्तता के लिए जुल्फिकार अली भुट्टो को मौत की सजा सुनाई थी. इस केस पर सही सुनवाई तक नहीं हुई थी.

Latest News
Zulfikar Ali Bhutto की नहीं हुई निष्पक्ष सुनवाई,' 44 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने मानी गलती, पढे़ं क्या कहा

Pakistan के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो. (फाइल फोटो)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

पाकिस्तान (Pakistan) के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो (Zulfikar Ali Bhutto) को 1979 में सैन्य शासन ने फांसी दी थी, लेकिन उनके मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं की गई थी.

चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के संस्थापक जुल्फीकार अली भुट्टो की न्यायिक हत्या के बारे में अपनी राय रखी. सुप्रीम कोर्ट की 9 सदस्यीय बेंच ने इस फैसले को गलत माना. 

क्यों कोर्ट को याद आई 44 साल पुरानी गलती?
पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपने ससुर भुट्टो को हत्या के एक मामले में उकसाने के लिए दोषी ठहराए जाने और 1979 में उन्हें दी गई फांसी की सजा मामले को दोबारा विचार के लिए 2011 को सुप्रीम कोर्ट भेजा था, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया.
 


इसे भी पढ़ें- Jacqueline Fernandez की बिल्डिंग में लगी आग, सामने आया हैरान करने वाला वीडियो


 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा क्या?
 जस्टिस ईसा ने कहा,'लाहौर हाई कोर्ट की ओर से मामले की कार्यवाही और पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की अपील संविधान के अनुच्छेद 4 और 9 में निहित निष्पक्ष सुनवाई और उचित प्रक्रिया के मौलिक अधिकार से मेल नहीं खाती.'

बिना सुने ही भुट्टो को दे डाली फांसी
सुप्रीम कोर्ट अदालत ने हालांकि अपनी राय व्यक्त की, लेकिन यह भी कहा कि भुट्टो को सुनाई गई मौत की सजा को बदला नहीं जा सकता था क्योंकि इसकी इजाजत न तो संविधान देता और न ही कानून.  इसलिए यह एक फैसले के तौर पर ही देखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट इस पर अपनी विस्तार से राय बाद में जारी करेगा.'  (इनपुट: PTI)

देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement