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China की एक बस और 5 लाशों का सच, पढ़ें Bus Route 375 की सबसे रहस्मयी घटना

एक सवाल जो आज भी लोगों के लिए पहेली बना हुआ है वह यह कि क्या वाकई वो 3 लोग इंसान नहीं थे? क्या वे सचमुच भूत थे?

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डीएनए हिंदी: चीन के बीजिंग शहर में एक ऐसी घटना घटने का दावा किया जाता है जिसकी वजह से आज भी देर रात लोग बसों में सफर करने से डरते हैं. यहां करीब दो दशक से भी ज्यादा समय से रूट नंबर 375 की भुतहा बस की कहानी सुनाई जाती रही है. कहानी में कितनी सच्चाई है, इसे लेकर कुछ भी कहना सही नहीं है. हालांकि बीजिंग की तमाम वेबसाइट्स समेत कई अंग्रेजी वेबसाइट्स पर इसे लेकर काफी कुछ बताया गया है.

क्या है 27 साल पुरानी कहानी?
बात 14 नवंबर 1995 की है. नवंबर का महीना था इसलिए ठंड भी अपने चरम पर थी. घने कोहरे के साथ सर्द हवाएं तेजी से बह रही थीं. इस दौरान चीन की रूट नंबर 375 बस अपने निर्धारित समय पर Yuan Ming Huan’s बस टर्मिनल से Xiang Shan (Fragrant Hill) के लिए निकलती है. बस यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी. हालांकि जैसे-जैसे स्टेशन आते जाते, यात्री भी धीरे-धीरे कर बस से उतर जाते. देखते ही देखते अब बस पूरी तरह से खाली हो चुकी थी. बस में अब एक ड्राइवर और एक महिला कंडक्टर ही बचे थे.

Fragrant Hill का सफर अभी लंबा था क्योंकि अभी और 7 स्टॉप बचे थे. लगभग आधी रात का समय हो चुका था, चारों ओर सन्नाटा पसरा था. जिस रास्ते से यह बस जा रही थी वह गांव और घने जंगलों के बीच से होकर गुजरता था. 1-2 स्टेशन गुजरने के बाद बस नंबर 375 समर पैलेस के बस स्टॉप पर रूकती है. यहां से एक वृद्ध महिला, एक 19 साल का लड़का और एक कपल बस में चढ़ जाते हैं. यंग कपल ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर तो लड़का बस के गेट की साइड वाली सीट पर जाकर बैठ जाता है. वहीं, वृद्ध महिला लड़के के ठीक पीछे बैठी होती है. अब बस में कुल 6 लोग थे. 4 यात्री और 2 बस कर्मचारी. 

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बस दोबारा अपनी मंजिल की ओर चल पड़ती है. अंदर का माहौल एक दम शांत था. इन 6 लोगों के अलावा दूर-दूर तक कोई इंसान नजर नहीं आ रहा था. लगभग 4 स्टॉप और गुजरने के बाद बस के ड्राइवर को 2 लोग सड़क किनारे खड़े नजर आए. यह देख पहले तो ड्राइवर ने बस को रोकने का नहीं सोचा क्योंकि वो लोग जहां खड़े थे, वह कोई बस स्टॉप नहीं था. हालांकि महिला कंडक्टर के समझाने पर ड्राइवर ने बस रोक दी क्योंकि इस रूट की यह आखरी बस थी.

खैर, बस रुकती है और वे पीछे वाले दरवाजे से अंदर दाखिल हो जाते हैं. तभी हैरान कर देने वाली बात यह हुई कि बस में 2 नहीं बल्कि 3 लोग अंदर आए जबकि बाहर केवल दो ही लोग दिखे थे. उनमें से 2 व्यक्तियों के चेहरे बिल्कुल सफेद थे आम लोगों से भी ज्यादा सफेद और तीसरे व्यक्ति को उन्होंने अपने कंधे के सहारे खड़ा कर रखा था. तीसरे व्यक्ति का सिर नीचे की ओर था बाल बिखरे हुए और उसका चेहरा बिल्कुल ढका हुआ था. तीनों लोगों ने चीन के प्राचीन काल के कपड़े पहने हुए थे. ये तीनों पैसेंजर बस की सबसे पीछे वाली सीट पर जाकर बैठ गए. बस में अशांति ना फैले इसके लिए महिला कंडक्टर ने लोगों को समझाया कि हो सकता है ये लोग किसी नाटक कंपनी में काम करते हों और देर रात होने की वजह से या घर जाने की जल्दी में वे अपने कपड़े उतारना भूल गए हों. 

बस नंबर 375 यहां से आगे की ओर बढ़ी. वृद्ध महिला बार-बार पीछे की तरफ मुड़-मुड़ कर देख रही थी. अगला स्टॉप आता है तो यंग कपल वहां उतर जाता है. अब बस में कुल 7 लोग थे. अभी भी वह वृद्ध महिला बार-बार मुड़कर उन 3 लोगों को देख रही थी. वे लोग उनको कुछ अजीब लग रहे थे लेकिन बाकि लोग अपने आप में व्यस्त थे. महिला कंडक्टर भी ड्राइवर से बात करने में व्यस्त हो गई.

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करीब 2-3 किलोमीटर ऐसे ही आगे जाने के बाद वृद्ध महिला अपने आगे बैठे हुए लड़के को एक तमाचा लगा देती है. महिला जोर से चिल्लाती है और कहती है, 'मेरा पर्स कहां है? उसे मुझे जल्दी वापस करो.' यह सुनकर महिला कंडक्टर वृद्ध महिला से कहती है, 'आपका पर्स इसने नहीं चुराया है, यह तो आपके आगे बैठा हुआ है.' लड़के ने भी अपनी सफाई में यही बात कही लेकिन वृद्ध महिला अपनी बातों पर अडी हुई थी. वह लड़के को पुलिस के हवाले करने की बात करने लगी. ड्राइवर और महिला कंडक्टर वृद्ध महिला को समझाते रहे लेकिन वह नहीं मानी. उसने ड्राइवर को अगले स्टॉप पर बस रोकने के लिए कहा. बस रुकते ही वृद्ध महिला ने लड़के का कॉलर पकड़कर घसीट कर नीचे उतारा और बस वापस अपनी मंजिल की ओर निकल गई. 

अपने साथ हुई इस घटना से लड़का बहुत परेशान हो चुका था. लड़के ने वृद्ध महिला से कहा,'मैंने आपका पर्स नहीं चुराया और आपके गलत इल्जाम की वजह से मेरी यह आखरी बस भी छूट गई. अब मैं घर कैसे जाऊंगा और आप मुझे कौन से पुलिस स्टेशन लेकर जा रही हैं क्योंकि यहां आसपास तो कोई पुलिस स्टेशन है ही नहीं.' 

तभी वृद्ध महिला एक लंबी गहरी सांस भरने के बाद लड़के से कहती है, 'मैंने तुम्हें पुलिस स्टेशन ले जाने के लिए बस से नहीं उतारा और ना ही तुमने मेरा पर्स चुराया है. यह इल्जाम मैंने तुम्हारी जान बचाने के लिए लगाया था.' वृद्ध महिला कहती है, 'याद है तुम्हें, वे तीन व्यक्ति जो बस में आखरी में चढ़े थे? मैं पूरे रास्ते उन पर नजर रखे हुए थी. मुझे शुरू से वे लोग अजीब लग रहे थे. रास्ते के दौरान जब मैंने उनकी और देखा तो दंग रह गई. तेज हवा के कारण उनके कपड़े उड़े थे और तभी मैंने देखा कि उनके पैर ही नहीं हैं. मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ, ऐसा लगा जैसे मैंने कोई सपना देखा हो. मैं लगातार उन पर नजर रखे हुए थी तभी तीसरा व्यक्ति जो उन दोनों के कंधों पर था उसका चेहरा मुझे दिखा. यह देख मैं समझ चुकी थी वह कोई इंसान नहीं है. मुझे जितना जल्दी हो सके उस बस से उतरना था और तुम्हारी भी जान बचानी थी. इसलिए मैंने अपना पर्स चोरी होने का झूठा इल्जाम तुम्हारे ऊपर लगाया ताकि उन लोगों को कोई शक भी ना हो और हम दोनों उस बस से सही सलामत नीचे भी उतर जाएं.'

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इसके बाद वृद्ध महिला और लड़का तुरंत वहां से पुलिस स्टेशन जाते हैं और पुलिस कर्मचारियों को अपने साथ घटी इस घटना के बारे में बताते हैं. हालांकि यहां कोई भी उनकी बातों पर यकीन नहीं करता है. पुलिस उन्हें वापस घर लौट जाने की सलाह देती है. इसके बाद वृद्ध महिला और लड़का अपने-अपने घर चले जाते हैं. 

अगले दिन 15 नवंबर की सुबह पुलिस को सूचना मिलती है कि Yuan Ming Huan’s बस टर्मिनल से Fragrant Hill तक जाने वाली रूट बस नंबर 375 गायब है. बस अपने निर्धारित टर्मिनल तक नहीं पहुंची थी. इसके बाद बिना देरी किए वृद्ध महिला और उस लड़के को पुलिस स्टेशन बुलाया गया. यहां उनकी बातें रिकॉर्ड की गईं और देखते ही देखते यह खबर पूरे चीन के Beijing में आग की तरह फैल गई.

रूट नंबर 375 की बस गायब है. पुलिस काफी मशक्कत और छानबीन करने के बाद भी बस नंबर 375 का पता नहीं लगा पाई. यहां तक कि पुलिस ने सारे सीसीटीवी कैमरे तक खंगाले डाले मगर कुछ पता न चल सका. 16 नवंबर को पुलिस को सूचना मिलती है कि एक बस नदी में गिरी हुई है. यह वही बस थी.

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पुलिस क्रेन की मदद से उस बस को नदी से बाहर निकालती है. बस के अंदर कुल 5 लोगों की लाश थी. दो लाशों की पहचान ड्राइवर और एक महिला कंडक्टर के रूप में की गई. इस दौरान चौंकाने वाली बात यह रही कि कंडक्टर और ड्राइवर कि लाश से अलग बाकी तीन लाशे बुरी तरह सड़ चुकी थीं. उन लाशों से बहुत बदबू आ रही थी. इतना ही नहीं, मामले को लेकर जब डिपो से संपर्क किया गया तो पता चला कि बस में इतना फ्यूल ही नहीं था कि वह 100 किलोमीटर आगे तक जा सके. इसके बाद फ्यूल टैंक खोलकर देखा गया तो लोगों के होश उड़ गए. फ्यूल टैंक ताजे खून से भरा था. जिस स्टेशन पर वृद्ध महिला और लड़का उतरे थे, उसके बाद के रूट में जितने भी CCTV थे, उनमें से एक भी CCTV में वो बस कैद नहीं हुई. 

यह घटना 1995 की सबसे बड़ी घटना थी जिसे ग्लोबल टाइम्स ने अपने चैनल पर दिखाया था. बाल-बाल बचे वृद्धि महिला और उस लड़के को लोग भाग्यशाली समझने लगे. ऐसे में एक सवाल जो आज भी लोगों के लिए पहेली बना हुआ है वह यह कि क्या वाकई वो 3 लोग इंसान नहीं थे? क्या वे सचमुच भूत थे?

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