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Sonam Wangchuk ने खत्म की भूख हड़ताल, 21 दिन से लद्दाख में कर रहे थे अनशन, जानें क्या हैं उनकी मांगें

Sonam Wangchuk Hunger Strike End: सोनम वांगचुक ने कहा कि पिछले 20 दिनों में लद्दाख के तीन लाख निवासियों में से करीब 60,000 लोग इस अनशन में शामिल हुए. लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.

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Sonam Wangchuk ने खत्म की भूख हड़ताल, 21 दिन से लद्दाख में कर रहे थे अनशन, जानें क्या हैं उनकी मांगें

Sonam Wangchuk ends hunger strike

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लद्दाख में मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने मंगलवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया. वह पिछले 21 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे थे. अनशन खत्म करने के बाद वांगचुक ने कहा कि मेरी लड़ाई जारी रहेगी. मैं लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों और लोगों के राजनीतिक अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा. इससे पहले उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से लोगों से किए वादे पूरा करने की अपील की थी.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किए एक वीडियो में कमजोर दिख रहे सोनम वांगचुक ने लद्दाख के लोगों से राष्ट्र हित में इस बार बहुत सावधानीपूर्वक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का आह्वान किया. वह पिछले 21 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे थे. वांगचुक लेह में स्थित एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के संयुक्त प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के एक दिन बाद 6 मार्च से शून्य से भी नीचे डिग्री तापमान अनशन कर रहे थे. Sonam Wangchuk लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और उसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे.

बता दें कि छठी अनुसूची में स्वायत्त जिला परिषदों के जरिए असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी इलाकों के प्रशासन से जुड़े प्रावधान हैं. वांगचुक के अनशन खत्म होने के बाद एपेक्स बॉडी और केडीए बुधवार को आगे की कार्रवाई की घोषणा करेंगे.

PM मोदी को याद दिलाया बीजेपी का घोषणापत्र
वांगचुक ने कहा, ‘भारत लोकतंत्र की जननी है और हम नागरिकों के पास एक बहुत विशेष शक्ति है. हम निर्णायक भूमिका में हैं, हम किसी भी सरकार को उसके तौर तरीके बदलने के लिए विवश कर सकते हैं या काम न करने पर सरकार बदल सकते हैं. राष्ट्र हित में इस बार बहुत सावधानीपूर्वक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना याद रखना.’ पीएम मोदी को बीजेपी के पिछले चुनाव घोषणापत्र में किए वादों की याद दिलाते हुए वांगचुक ने कहा कि मोदी भगवान राम के भक्त हैं और उन्हें ‘प्राण जाए पर वचन ना जाए’ की उनकी सीख का पालन करना चाहिए. 

वांगचुक ने कहा कि पिछले 20 दिनों में लद्दाख के तीन लाख निवासियों में से करीब 60,000 लोग इस अनशन में शामिल हुए. लेकिन इस पर सरकार ने एक शब्द तक नहीं कहा. उन्होंने कहा, "हम लद्दाख में हिमालयी पहाड़ों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और यहां की अद्वितीय स्वदेशी जनजातीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चेतना को जगाने का प्रयास कर रहे हैं.

सोनम वांगचुक से मिले Prakash Raj
बॉलीवुड अभिनेता प्रकाश राज ने सोनम वांगचुक से मंगलवार को मुलाकात की थी और उनकी मांगों का समर्थन किया. प्रकाश राज ने पोस्ट में कहा, ‘आज मेरा जन्मदिन है और मैं सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोगों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन कर इसका जश्न मना रहा हूं जो हमारे लिए. हमारे देश, हमारे पर्यावरण और हमारे भविष्य के लिए लड़ रहे हैं. आइए उनके साथ खड़े हों.’ 

वांगचुक से मुलाकात करने के बाद प्रकाश राज ने कहा, ‘हमने लोगों और वैज्ञानिकों से सुना है कि उनसे भाजपा द्वारा (लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने का) वादा किया गया है, और जब हम उन्हें उनके वादे की याद दिलाते हैं तो वे उन्हें अपराधियों के रूप में देखते हैं. नेता चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं और झूठी उम्मीदें पैदा कर रहे हैं, लेकिन बाद में जब वे हमसे वोट लेते हैं, तो अगले पांच साल तक पीछे मुड़कर नहीं देखते. उनका हमसे कोई लेना-देना नहीं है, हम मूर्ख हैं जो उनकी बातों पर भरोसा कर रहे हैं.

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