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Lok Sabha Elections 2024: Mandla सीट पर कांग्रेस करेगी वापसी या बीजेपी बनाएगी हैट्रिक, जानें समीकरण

Mandla LS Polls: आजादी के बाद वर्ष 1977 (आपातकाल के बाद) के चुनाव को छोड़ दें तो 1991 तक लोकसभा की इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने ही बाजी मारी. लेकिन इसके बाद यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई. 1996 से अब तक बीजेपी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते 6 बार जीत चुके हैं.

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मंडला सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर.

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मंडला लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यह सीट शुरुआती दौर में कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, बाद में यह सीट बीजेपी के पाले में चली गई. 2014 के आम चुनाव में मंडला सीट से भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने 2014 के आम चुनाव में दूसरे नंबर पर रहने ओमकार सिंह मरकाम पर दांव खेला है. इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच रोचक मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है. एक तरफ कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है कि वह अपनी खोई सीट वापस पा ले, जबकि बीजेपी जीत की हैट्रिक की तैयारी में जुटी है. इस सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है.


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2019 के आम चुनाव में मंडला लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार फग्गन सिंह कुलस्ते की जीत हुई थी. उन्हें इस चुनाव में कुल 737266 वोट मिले थे. फग्गन सिंह कुलस्ते के निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कमल सिंह मरावी रहे थे, जिन्हें इस क्षेत्र के कुल 639592 वोटरों का समर्थन मिला था. इस तरह फग्गन सिंह 97674 वोटों के अंतर से विजयी रहे थे. 2019 के आम चुनाव में मंडला संसदीय क्षेत्र में कुल वोटर 1951267 थे. इसमें महिला वोटरों की कुल संख्या 967907 थी, जबकि पुरुष वोटरों की संख्या 983335 थी.


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मंडला शहर को नर्मदा नदी तीन तरफ से घेरती है. मंडला संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की कुल 8 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - मंडला, बिछिया, निवास, डिंडौरी, शहपुरा, गोटेगांव, लखनादौन और केवलारी. आजादी के बाद वर्ष 1977 (आपातकाल के बाद) के चुनाव को छोड़ दें तो 1991 तक लोकसभा की इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने ही बाजी मारी. लेकिन इसके बाद यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई. 1996 से अब तक बीजेपी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते 6 बार जीत चुके हैं. हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार बसोरी सिंह मसराम ने बीजेपी के जीत के सिलसिले पर अंकुश लगा दिया था. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते फिर यह सीट बीजेपी के हिस्से में आई और अब तक बीजेपी के पास है.

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