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Sania Mirza ने क्यों किया संन्यास का ऐलान? जानिए 5 बड़ी वजह 

भारत की सबसे सफल महिला टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि 2022 उनका अंतिम सत्र होगा.

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डीएनए हिंदी: भारत की दिग्गज टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने बुधवार को संन्यास की घोषणा कर चौंका दिया. सानिया ने ऑस्ट्रेलियन ओपन के एक मैच के बाद कहा, वह 2022 को आखिरी सीजन के रूप में खेल रही हैं. सानिया तीन बार की महिला युगल और मिश्रित युगल ग्रैंड स्लैम विजेता हैं. पूर्व डबल्स नंबर 1 ने करियर में छह ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं. 2003 से 2013 में एकल से रिटायरमेंट तक उन्हें महिला टेनिस संघ द्वारा भारत की नंबर 1 खिलाड़ी के रूप में स्थान दिया गया था. वह भारत की ओर से खेल खेलने वाली अब तक की सबसे सबसे सफल महिला खिलाड़ी हैं. सानिया के रिटायरमेंट के ऐलान के साथ ही भारत के लिए 'टेनिस का एक दौर' खत्म हो गया.  

आखिर सानिया ने संन्यास का ऐलान क्यों किया. आइए जानते हैं 5 बड़े कारण

1. घुटने की समस्या 

सानिया इन दिनों घुटने की समस्या से जूझ रही है. वह इससे उबर पाने में ​कठिनाई महसूस कर रही हैं जिससे उन्हें टेनिस खेलने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. सानिया मिर्जा को यूक्रेन की अपनी जोड़ीदार नादिया किचेनोक के साथ महिला युगल में शुरुआती दौर में हार का सामना करना पड़ा. 

स्लोवेनिया की काजा जुवान और तमारा जिदानसेक ने मिर्जा और किचेनोक को 6-4, 7-6 से हराया. सानिया ने कहा, मुझे लगता है कि मेरा शरीर कमजोर पड़ रहा है. मेरा घुटना आज वास्तव में दर्द कर रहा था और मैं यह नहीं कह रही कि यही कारण है कि हम हार गए लेकिन मुझे लगता है कि जैसे-जैसे मैं बड़ी हो रही हूं, ठीक होने में समय लग रहा है. 35 वर्षीय खिलाड़ी अब ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिश्रित युगल में राजीव राम के साथ खेलेंगी. 

 

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2. बच्चे की परवरिश पर ध्यान
सानिया अब 3 साल के बच्चे की परवरिश पर ध्यान देना चाहती हैं. संन्यास का ऐलान कर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मेरे ठीक होने में अधिक समय लग रहा है, मैं अपने 3 साल के बेटे को उसके साथ इतनी यात्रा कर जोखिम में डाल रही हूं. यह कुछ ऐसा है जिसे मुझे ध्यान में रखना है.


3. खेल के बाद की थकान
सानिया खेल के लिए मेहनत और उसके बाद की थकान के लिए खुद को उतना एक्टिव नहीं मान रहीं. टेनिस स्टार मार्टिना हिंगिस टखनों और कूल्हे की चोटों की वजह से फरवरी 2003 में 22 साल की उम्र में रिटायरमेंट के लिए मजबूर कर दिया था. हालांकि वह 2005 में डबल्स के मुकाबलों में सफलता के साथ लौटीं और 2006 में भारत के महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता. 

सानिया ने कहा, मेरे लिए हर रोज उस प्रेरणा और ऊर्जा को खोजना अब मुमकिन नहीं है. पहले की तुलना में अब ऐसा करने का मन नहीं करता. मैंने हमेशा कहा है कि मैं तब तक खेलूंगी जब तक मैं ग्राउंड का आनंद उठा रही हूं. अब मुझे इस बात पर यकीन नहीं है कि मैं इस खेल को उतना एंजॉय कर पा रही हूं. 

 

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4. सही समय 

हर खिलाड़ी को एक उम्र के बाद उसकी विदाई का सही समय ढूंढ़ना होता है. सानिया को ऑस्ट्रेलियन ओपन जैसा बड़ा मंच इसके लिए मुफीद लगा. सानिया को लगता है कि अब खेल से विदाई का सही समय है हालांकि वह खेल को एंजॉय कर दूसरों की प्रेरणा बनना चाहती हैं. उन्होंने कहा, मैं अभी भी सीजन खेलना चाहती हूं. मैंने फिट होने, वजन कम करने और नई माताओं के लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित करने की कोशिश की है ताकि वे सपने देख सकें और इसका आनंद ले सकें. मुझे नहीं लगता कि अब मेरा शरीर ऐसा कर रहा है. 

5. लगातार हार का सामना 

सानिया एक के बाद एक लगातार हार का सामना कर रही हैं. टोक्यो ओलंपिक्स में वह पहले ही दौर में हारकर बाहर हो गईं थी. महिला युगल में सानिया मिर्जा और अंकिता रैना की जोड़ी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. इस भारतीय जोड़ी को उक्रेन की लिडमयला और नादिया किचनोक की बहनों की जोड़ी ने 6-0, 6-10, 10-8 से हराया. सानिया ऑस्ट्रेलियन ओपन में लौटीं तो यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा. संभवतया सानिया अपने खेल पर उतना ध्यान नहीं दे पा रहीं. ये कुछ कारण सानिया के संन्यास का कारण बने हैं. 

सानिया के करियर पर एक नजर
- सानिया ने डबल्स और मिक्स्ड डबल्स में ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, विंबलडन और यूएस ओपन की ट्राफियां जीती हैं. 

- जुलाई 2016 में मिर्जा ने 'ऐस अगेंस्ट ऑड्स' नामक एक आत्मकथा प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने अपने सफर को साझा किया है. 

- सानिया को 2004 में अर्जुन अवॉर्ड, 2006 में पद्मश्री, 2015 में खेल रत्न और 2016 में पद्मभूषण जैसे सम्मान मिल चुके हैं. 

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