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वेंटिलेटर पर Salman Rushdie, खो सकते हैं एक आंख, जानें लेखक पर हुए जानलेवा हमले की पूरी कहानी

Salman Rushdie Attacked: सलमान रुश्दी की हालत नाजुक बताई जा रही है. डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा है. लेखक पर अमेरिका के न्यूयार्क में जानलेवा हमला हुआ है.

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लेखक सलमान रुश्दी

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डीएनए हिंदी: बुकर पुरस्कार विजेता और द सैटेनिक वर्सेज के लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर अमेरिका के न्यूयार्क में हमला हमला हुआ है. एक कार्यक्रम के दौरान हमलावर ने चाकू घोंपकर समलान रुश्दी को घायल कर दिया. हमले में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. लेखक को वेंटिलेटर पर रखा गया है. फिलहाल वह बोल नहीं पा रहे हैं.

सलमान रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली का कहना है कि खबर अच्छी नहीं है. सलमान रुश्दी बोल नहीं पा रहे हैं. डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा है. उन्होंने बताया कि सलमान रुश्दी की सर्जरी हुई है. उनके मुंह और गर्दन पर चाकू से वार किए गए हैं. इसके कारण हो सकता है रुश्दी अपनी एक खो दें.

हमलावर को पुलिस ने किया गिरफ्तार
वहीं, पुलिस ने हमलावर को हिरासत में ले लिया है. पुलिस के मुताबिक, हमलावर का नाम हादी मतार है और वह 24 साल का है. हमलावर न्यूजर्सी के फेयरव्यू का रहने वाला है. पुलिस का कहना है कि अभी तक हमलावर की मंशा का नहीं पता चला है. हमले के कारण जानने के लिए FBI की मदद ली जा रही है.

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इस्लामी आतंक के निशाने पर हैं सलमान रुश्दी
सलमान रुश्दी ने 1988 में एक नॉवेल 'द सेटेनिक वर्सेज (The Satanic Verses)' लिखा था, जो इस्लाम पर आधारित है. इसे आज तक की सबसे विवादित किताबों में से एक माना जाता है और दुनिया के अधिकतर देशों में इस पर प्रतिबंध लग चुका है. इस नॉवेल को लिखने के लिए वे लगातार इस्लामी आतंकवाद के निशाने पर रहे हैं. 

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33 लाख डॉलर का इनाम 
द सेटेनिक वर्सेज नॉवेल के लिए ईरान के दिवंगत सर्वोच्च नेता अयात्तुल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी ने 1989 में उन्हें मारने के लिए फतवा जारी कर दिया था. इस फतवे में रुश्दी को मारने के लिए 30 लाख डॉलर का इनाम रखा गया था, जो आज भी चला आ रहा है. ईरान की सरकार ने खोमैनी के फतवे से लंबे समय तक अपनी दूरी बनाई रखी, लेकिन रूश्दी के खिलाफ भावनाएं भड़कती रहीं. नतीजतन 2012 में एक अर्द्धसरकारी ईरानी धार्मिक संगठन ने रूश्दी के इनाम की रकम को 28 लाख से बढ़ाकर 33 लाख डॉलर कर दिया.

10 साल तक फतवे के कारण छिपे रहे रुश्दी
अपने सिर पर फतवे के कारण रुश्दी को करीब 10 साल तक दुनिया से छिपकर लगभग अज्ञातवास की तरह बिताना पड़ा, इस दौरान कई गंभीर घटनाएं हुईं. रुश्दी की किताब के ट्रांसलेटर्स पर हमला किया गया, किताब बेचने वाले बुकस्टोर्स पर बमबारी की गई. रुश्दी हालांकि अपने सिर पर रखे गए इनाम वाले फतवे का मजाक उड़ाते रहे हैं, उनका कहना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लोगों की इस इनाम में कोई दिलचस्पी है. लेकिन शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयार्क में हुए इस हमले को इस धमकी से जोड़ा जा रहा है. हालांकि, अमेरिकी पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. पुलिस हमलावर को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है.

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