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Shiv Sena Crisis: संकट में घिरे उद्धव तो बदले सुर, कार्यकर्ताओं को देने लगे संयम का मंत्र

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी प्रवक्ताओं से शालीनता बनाए रखने की अपील की है. शिवसैनिक जमीन पर अपने अस्तित्व को बचाए रखने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

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उद्धव ठाकरे

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना (Shiv Sena) अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कैसे सूबे की सियासत में खुद को प्रासंगिक बनाए रखें. उद्धव ठाकरे के करीबियों पर केंद्रीय एजेंसियों (Central Agencies) की नजर पर है, ऐसे में अब उद्धव ठाकरे के सुर बदलते नजर आ रहे हैं.

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को पार्टी के प्रवक्ताओं के साथ बैठक कर पार्टी के मौजूदा राजनीतिक संकट पर चर्चा की. इसी बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा है कि कार्यकर्ताओं को शालीनता का मंत्र दिया है.

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'पार्टी पर हो रहे हमलों का जवाब दें लेकिन शालीनता जरूरी'

बैठक के बाद शिवसेना प्रवक्ता अरविंद सावंत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने प्रवक्ताओं को संदेश दिया है कि वे पार्टी पर होने वाले हमलों का जवाब दें लेकिन साथ ही भाषा की शालीनता बनाए रखें. 

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संगठनात्म बदलाव से गुजर रही है शिवसेना

प्रवक्ता सचिन अहीर ने कहा कि आदित्य ठाकरे ने उन्हें प्रभावी रूप से अपना कर्तव्य निभाने के लिए मार्गदर्शन किया. शिवसेना के अन्य प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी में हालिया बिखराव की वजह से उद्धव ठाकरे ने संगठन में बड़े बदलाव किए हैं. शिवसेना अध्यक्ष ने पार्टी के कुछ और नेताओं को प्रवक्ता बनाया गया है. उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान पार्टी के मौजूदा राजनीतिक संकट पर भी चर्चा हुई. 

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क्या शिवसेना को दोबारा खड़ा कर सकेंगे उद्धव ठाकरे?

उद्धव ठाकरे, शिवसेना को दोबारा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. जल्द ही उद्धव ठाकरे राज्यव्यापी दौरा करेंगे और शिवसैनिकों को जोड़ने की कोशिश करेंगे. शिवसैनिकों की सबसे बड़ी चुनौती है कि वे दोबारा जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत बनाएं. मौजूदा स्थिति यह है कि शिवसेना के ज्यादातर विधायक और सांसद एकनाथ शिंदे के साथ जा चुके हैं. उद्धव ठाकरे के पास गिनती के विधायक और सांसद बचे हैं. ऐसे में उनका सियासी भविष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है.

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