Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Pakistan में क्यों रहती है राजनीतिक अस्थिरता, क्यों इमरान खान से भी नहीं संभली सरकार?

पाकिस्तान में इमरान खान को सत्ता से बाहर रचने के लिए सभी विपक्षी दल एक साथ आ गए. इमरान के अपने समर्थकों ने भी दगा दे दिया.

article-main

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो क्रेडिट- ImranKhanOfficial/Facebook)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: भारत के पड़ोसी देश अलग-अलग संकटों से गुजर रहे हैं. एक तरफ जहां श्रीलंका (Sri Lanka) आर्थिक संकट की वजह से त्रस्त है तो दूसरी तरफ अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान सत्ता संभाल रहा है. चीन (China) में एक बार फिर कोविड-19 (Covid-19) महामारी ने पांव पसार दिया है तो वहीं पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर शुरू हो चुका है. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी दांव पर लग गई है.

पाकिस्तान की राजनीति हमेशा ऐसी ही रही है. पाकिस्तान में कोई भी सरकार 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाती है. इमरान खान राजनीति में इसी मकसद से आए थे कि वह 5 साल काम करेंगे और देश की तस्वीर बदल देंगे. पाकिस्तान के हालात नहीं बदले और इमरान खान की सरकार बेदखल भी हो ही है. इमरान खान की सरकार को गिराने के लिए कट्टर-प्रतिद्वंद्वी कैसे एक साथ आ रहे हैं.

राजनीति के खेल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Imran khan का उखड़ जाएगा विकेट?

सरकार गिराने के लिए एक हो जाते हैं धुर विरोधी

पाकिस्तान की राजनीति में ऐसे गठबंधन सामने आ रहे हैं जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. धुर विरोधी माने जाने वाले बेनजीर भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने भी गठबंधन किया है. इमरान खान सरकार को गिराने के लिए सभी धुर-विरोधी दल एक साथ आ गए हैं. बेनजीर भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी 1988 से 2018 के बीच लगभग 10 साल तक सत्ता में रही. लगभग ऐसा ही कार्यकाल नवाज शरीफ की पार्टी का भी रहा.



नवाज शरीफ की पार्टी10 साल 4 महीने तक सत्ता में रही. 2018 तक, पाकिस्तान की राजनीति पीपीपी और पीएमएल (एन) तक ही सीमित थी. तब बेनजीर भुट्टो पीएम पद पर थीं, नवाज शरीफ विपक्ष के नेता थे, और जब शरीफ ने सरकार बनाई, तो भुट्टो ने विपक्ष का नेतृत्व किया. आज सभी विरोधी दल एक सुर से इमरान खान सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं.

इमरान खान ने बदल दी है पाकिस्तान की सियासत

पाकिस्तान की राजनीति में सबसे बड़ा मोड़ साल 2018 में आया, जब आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी ने जीत हासिल की. शरीफ और भुट्टो की पार्टियों को विपक्ष में बैठना पड़ा. आज यह कहा जा सकता है कि पाकिस्तान की राजनीति में इमरान खान आज इन दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन बनने की सबसे बड़ी वजह हैं.

Imran Khan अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं हैं, उन्हें इस्तीफा देना होगा: बिलावल

पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने नए प्रधान मंत्री के लिए 70 वर्षीय शाहबाज शरीफ का नाम पेश किया है. शाहबाज, नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. पहले शाहबाज की पहचान एक बड़े व्यवसायी तौर पर होती थी. साल 1988 में वब राजनीति में शामिल हो गए. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. उनका नाम पनामा पेपर लीक में भी सामने आया था. पाकिस्तान की दुर्गति के पीछे हमेशा से वहां के नेता रहे हैं.

5 साल नहीं चल पाती है पाकिस्तान की सरकार 

साल 1947 में भारत के विभाजन के बाद जब पाकिस्तान अस्तित्व में आया, तब वहां भी लोकतंत्र को स्थापित करने की कोशिशें हुईं. लेकिन पाकिस्तान में लोकतंत्र कभी भी अपनी जड़ें नहीं जमा पाया. वर्ष 1947 से आज तक पाकिस्तान का कोई भी प्रधानमंत्री पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है.

मुख्य सहयोगी पार्टी MQM ने छोड़ा साथ, क्या गिर जाएगी Pakistan की इमरान सरकार?

तख्तापलट और फांसी, पाकिस्तान की राजनीति की यही है नियति

16 अक्टूबर 1951 को जब पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की एक रैली के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, तब उन्हें प्रधानमंत्री बने 4 साल 63 दिन हुए थे. पाकिस्तान में किसी भी प्रधानमंत्री का ये दूसरा सबसे लंबा कार्यकाल है. इस सूची में पहले स्थान पर यूसुफ रजा गिलानी हैं, जो वर्ष 2008 से 2012 के बीच 4 साल 86 दिन तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे.

सेना के लंबे शासन के बाद जब वर्ष 1973 में बेनजीर भुट्टो के पिता ज़ुल्फिकार अली भुट्टो आम चुनाव में बहुमत से चुन कर आए तो उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली. हालांकि वो भी अपना 5 साल का कार्यकाल पूरी नहीं कर पाए और पाकिस्तान की सेना के तत्कालीन प्रमुख जनरल जिया उल हक ने तख्तापलट करके उनकी सरकार गिरा दी और खुद राष्ट्रपति बन गए. इस दौरान जुल्फीकार अली भुट्टो को जेल में डाल दिया गया और 4 अप्रैल 1979 को उन्हें देशद्रोह के मामले में फांसी दे दी गई.

रहस्यमयी परिस्थितियों में खत्म होते हैं राष्ट्रपति

जनरल जिया उल हक वर्ष 1988 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे. लेकिन उनकी मौत भी एक विमान दुर्घटना में रहस्मयी परिस्थितियों में हुई थी. इस घटना के बाद पाकिस्तान में लोकतंत्र की फिर से बहाली हुई. लेकिन इसके बावजूद वहां कभी कोई प्रधानमंत्री 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया. नवाज शरीफ पाकिस्तान के 3 बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन वो भी कभी पांच साल तक सरकार नहीं चला पाए.

जब परवेज मुशर्रफ ने किया तख्तापलट

दिलचस्प बात ये है कि अक्टूबर 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख नियुक्त किया था. लेकिन इसके एक वर्ष बाद ही परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट कर दिया और नवाज शरीफ को जेल में डाल दिया और उन्हें भ्रष्टाचार और अपहरण के मामले में फांसी की सजा सुना दी गई. हालांकि सऊदी अरब के हस्तक्षेप के बाद इस सजा को माफ कर दिया गया.

परवेज मुशर्रफ को भी फांसी की सजा!

खास बात ये है कि वर्ष 2013 में जब नवाज शरीफ फिर से सत्ता में आए तो उन्होंने यही सलूक परवेज मुशर्रफ के साथ किया और उन्हें पाकिस्तान के संविधान को समाप्त करने के लिए उन पर मुकदमा चलाया और इस मामले में तब परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा भी हुई थी, जो बाद में माफ हो गई थी. इस समय नवाज शरीफ London में हैं लेकिन हो सकता है कि वो अब जल्द पाकिस्तान आ जाएं और पाकिस्तान की नई सरकार में अहम भूमिका निभाएं. उन्होंने पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोगों की जीत बताया है.

 

 

क्यों है पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता?

पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता की कई वजहें हैं. सबसे बड़ी वजह वहां की आर्थिक बदहाली है. जो भी सरकार सत्ता में आती है, उसके सामने हजार चुनौतियां आती हैं. उन चुनौतियों को कोई पूरा नहीं कर पाता है. जनता विद्रोह करने लगती है और विपक्षी पार्टियां उनके खिलाफ माहौल बनाने में जुट जाती हैं. भ्रष्टाचार और आतंकवाद समर्थन का ठप्पा पाकिस्तान की हर सरकार पर लगता है. एक अस्थिरता की वजह वहां का तानाशाही भरा सिस्टम और सेना भी है. सेना जिसे चाहती है, वही सरकार में रहता है. इमरान खान के खिलाफ सभी समीकरण उल्टे बैठ गए.

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

और भी पढ़ें-
मुख्य सहयोगी पार्टी MQM ने छोड़ा साथ, क्या गिर जाएगी Pakistan की इमरान सरकार?
बहुमत खो चुके हैं Imran Khan, गिरने वाली है PTI सरकार, अपनों ने भी दिया धोखा!

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement