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मणिपुर हिंसा मामले में केंद्र सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, मैतेई समुदाय के इन संगठनों पर लगाया प्रतिबंध

Manipur Violence News: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मैतेई समुदाय के कई संगठनों को चरमपंथी बताते हुए बैन कर दिया है. गृह मंत्रालय ने इसके पीछे का कारण भी बताया है.

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Modi Govt BIG Crackdown On Manipur Extremist Groups Months After Violence
 

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डीएनए हिंदी: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच केंद्रीय मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. गृह मंत्रालय ने मैतेई समुदाय के 9 संगठनों को चरमपंथी बताया है और उनके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. आर्म विंग मणिपुर पीपुल्स आर्मी (MPA) समेत कई को पांच साल की अवधि के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए बैन लगा दिया है. केंद्रीय मंत्रालय ने इसके पीछे का कारण भी बताया है. 

मंत्रालय ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षाबलों पर घातक हमले करने को लेकर नौ मैतेई चरमपंथी संगठन और उनके सहयोगी संगठनों पर बैन लगा दिया.  मैतेई चरमपंथी संगठनों पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (RPF), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) और इसकी आर्म विंग मणिपुर पीपुल्स आर्मी (MPA) समेत कई को पांच साल की अवधि के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए बैन लगा दिया है. इनमें पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) और इसकी सशस्त्र शाखा रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) सहित कई और सगठनों पर बैन लगाया गया है. 

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गृह मंत्रालय ने बताया कारण 

गृह मंत्रालय के अनुसार,  यदि मैतेई चरमपंथी संगठनों पर तत्काल अंकुश नहीं लगाया गया तो वे अपने अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अपने कैडरों को संगठिन करने का अवसर तलाश सकते हैं. गृह मंत्रालय का कहना है कि ये संगठन अपने हानिकारक ताकतों के राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का प्रचार कर सकते हैं और नागरिकों की हत्याओं में शामिल हो सकते हैं. इसके साथ पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों को निशाना बना सकते हैं. सरकार ने कहा है कि ये संगठन अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से अवैध हथियार और गोला-बारूद खरीदेंगे. 

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इन संगठनों पर लगे ऐसे आरोप 

अधिसूचना के अनुसार, इन संगठनों की ओर से गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जनता से धन भी जुटाया गया है. ऐसे में इन मैतेई चरमपंथी संगठनों पर बैन लगाना जरूरी हो गया है. गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की राय है कि मैतई चरमपंथी संगठनों को 'गैरकानूनी संगठन' घोषित करना आवश्यक है. केंद्र सरकार निर्देश देती है कि यह अधिसूचना 13 नवंबर, 2023 से पांच साल की अवधि के लिए प्रभावी होगी. 

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