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कौन है आनंद मोहन, जिसकी रिहाई के लिए कानून बदल बैठे नीतीश कुमार?

बिहार के बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की राह साफ होती नजर आ रही है. सरकार ने रिहाई में रोड़ा बने एक कानून को हटा दिया है.

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बाहुबली आनंद मोहन. (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता नीतीश कुमार सरकार ने साफ कर दिया है. सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें जेल से रिहाई के नियमों में ही बदलाव कर दिया गया है. इस छूट का सीधा लाभ डीएम जी कृष्णैया मर्डर केस में सजा काट रहे आनंद मोहन को मिलेगा.

आनंद मोहन अब जेल से रिहा हो सकते हैं. बिहार के गृह विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना में 10 अप्रैल को कहा गया है कि बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम - 481 (i) (क) में संशोधन किया जा रहा है.

बिहार सरकार ने बिहार कारा हस्तक 2012 नियम- 481 (i) (क) में वर्णित वाक्यांश 'या काम पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या' को खत्म किया जा रहा है. 

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'सरकारी सेवक की हत्या पर बदला कानून'

कानून के शब्दों में संशोधन किया गया है. अब तक एक सरकारी सेवक की हत्या अलग से इस अधिनियम में शामिल था. अधिसूचना के बाद से अब ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद नहीं बल्कि साधारण हत्या है.

कैसे आनंद मोहन की मदद करेगा कानून?

बिहार सरकार की नई अधिसूचना का लाभ सीधे तौर पर आनंद मोहन को मिलेगा. सरकारी अधिकारी की हत्या के मामले में ही उन्हें सजा मिली थी. पहले सरकारी अफसर की हत्या के दोषी को रिहा नहीं करने का प्रावधान था, अब उनकी रिहाई हो सकेगी.


डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में क्यों आया था आनंद मोहन का नाम

5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर जिले में डीएम जी कृष्णैया की मॉब लिंचिंग हुई थी. इसकी अगुवाई आनंद मोहन ही कर रहे थे. छोटन शुक्ला की हत्या के बाद भीड़ बेकाबू हो गई थी. लोग शव के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. मॉब लिंचिंग और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच डीएम को गोली मार दी गई थी. आनंद मोहन इस केस में मुख्य आरोपी हैं.

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