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बढ़ती महंगाई के बीच RBI का बड़ा फैसला, रेपो रेट में इस बार भी नहीं हुआ कोई बदलाव

RBI ने आज फाइनेंशियल ईयर की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक की. इस बैठक में पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

बढ़ती महंगाई के बीच RBI का बड़ा फैसला, रेपो रेट में इस बार भी नहीं हुआ कोई बदलाव

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

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डीएनए हिंदी: रिजर्व बैंक ने लगातार 11वीं बार पॉलिसी रेट को एक जैसा रखा है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को फाइनेंशियल ईयर की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक की. इस समीक्षा बैठक में पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है और इसे चार प्रतिशत के निचले स्तर पर कायम रखा गया है. नीतिगत दर जैसे का तैसा रहने का मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि को कायम रखने के लिए केंद्रीय बैंक ने अपने नरम रुख में थोड़ा बदलाव किया है. रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई, 2020 को रेपो दरों में बदलाव किया था. इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर को भी 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है. रेपो दर वह दर है जिसपर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये कर्ज देता है. जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत बैंकों को अपना पैसा आरबीआई को देने पर ब्याज मिलता है.

2020 में रेट कट हुआ था

मौद्रिक समीक्षा बैठक में एकमत से इंटरेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया. कमिटी ने मई 2020 में आखिरी बार रेट में कट किया था. कोरोना महामरी की वजह से फरवरी 2019-2020 तक RBI ने रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की डिडक्शन की थी. बता दें कि रेट घटाने से ग्रोथ मिलता है जबकि रेट बढ़ाने से RBI को महंगाई पर काबू पाने में आसानी मिलती है. पिछले कुछ महीनों से महंगाई दर बढ़ती जा रही है. ऐसे में कयास लगाया जा रहा था कि RBI बैंक रेट में बढ़ोतरी कर सकती है. 2020 को रेपो रेट में बदलाव होने के बाद अब तक रेपो रेट 4 प्रतिशत के हिस्टोरिकल लेवल पर स्थिर है.

हर दो महीने पर होती है मीटिंग 

RBI की मौद्रिक समीक्षा बैठक हर दो महीने पर होती है. इस मीटिंग में पॉलिसी रिव्यू की जाती है. 6 अप्रैल को शुरू हुई यह फिस्कल ईयर 2023 की पहली रिव्यू मीटिंग है. तीन दिन के इस मीटिंग में RBI ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है.

कंट्रोल से बाहर महंगाई

जनवरी में खुदरा महंगाई दर 6.01 प्रतिशत थी जो फरवरी में बढ़कर 6.07 प्रतिशत हो गई थी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का महंगाई दर को 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत के बीच बनाकर रखने का टारगेट है. फिस्कल ईयर 2023 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक समीक्षा बैठक 6 बार होगी. अब अगली बैठक 6 जून से 8 जून तक होगी.

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