अंतर्राष्ट्रीय खबरें
Nancy Pelosi Landed in Taiwan: चीन की तमाम धमकियों को नजरअंदाज करते हुए अमेरिका के संसद की प्रतिनिधि नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंच गई हैं. चीन ने ताइवान पर साइबर हमला किया है.
Updated : Aug 02, 2022, 10:37 PM IST
डीएनए हिंदी: अमेरिकी संसद के निचले सदन की प्रतिनिधि नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) ताइवान पहुंच गई हैं. चीन की लगातार धमकियों और तनावपूर्ण स्थिति के बीच उनकी इस यात्रा पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. ताइवान (Taiwan) को अपना हिस्सा मानने वाले चीन ने अमेरिका को धमकी दी थी कि नैंसी पेलोसी की इस यात्रा को वह अपने आंतरिक मामलों में दखल मानेगा. चीन ने साफ कहा था कि अगर यह यात्रा होती है तो अमेरिका को बुरे अंजाम भुगतने पड़ेंगे.
नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने से पहले ही खबर आई है कि चीन ने ताइवान पर साइबर हमला (Cyber Attack On Taiwan) किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान के राष्ट्रपति दफ्तर की आधिकारिक वेबसाइट पर हैकर्स का हमला हुआ है. दूसरी ओर, ताइवान और चीन के बीच जलसंधि के आसपास उड़े रहे चीनी फाइटर जेट अब सीमा पार करके ताइवान की सीमा में भी घुसने लगे हैं.
यह भी पढ़ें- China से युद्ध की तैयारी कर रहे ताइवान और अमेरिका? नैंसी पेलोसी की यात्रा से पहले बढ़ा तनाव
नैंसी पेलोसी ने लिखा- तानाशाही और लोकतंत्र में से एक चुनने का समय
ताइवान पहुंचने के बाद नैंसी पेलोसी ने ट्वीट किया है, 'हमारा डेलीगेशन की ताइवान यात्रा, अमेरिका के अटूट वादे को और मजबूत करता है जो उसने ताइवान के लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए किया है. ताइवान के नेतृत्व से हमारी चर्चा हमारे समर्थन को फिर से पक्का करती है. इस तरह मुक्त और स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ताइवान और हमारे साझा हित को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
Our delegation’s visit to Taiwan honors America’s unwavering commitment to supporting Taiwan’s vibrant Democracy.
— Nancy Pelosi (@SpeakerPelosi) August 2, 2022
Our discussions with Taiwan leadership reaffirm our support for our partner & promote our shared interests, including advancing a free & open Indo-Pacific region.
यह भी पढ़ें- चीन ने अमेरिका को फिर दी धमकी- आग से मत खेलो, अंजाम बुरा होगा
उन्होंने आगे लिखा है, 'ताइवान के 2.3 करोड़ लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता पहले ही तुलना में आज सबसे ज्यादा अहम है क्योंकि आज दुनिया लोकतंत्र और तानाशाही में से किसी एक को चुनने के दोराहे पर खड़ी है. हमारी यह यात्रा किसी भी तरह से अमेरिका की नीति के विपरीत नहीं है. यह ताइवान रिलेशन एक्ट 1979, अमेरिका-चीन ज्वाइंट कम्यूनिकेशन और छह वादों पर आधारित है.'
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इं