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Chinese Apps कुछ इस तरह काट रहे लोगों की जेब, चंद पैसों के लिए वायरल कर दी महिला की न्यूड तस्वीर

Without KYC Loan: भारत में हजारों ऐसे मोबाइल ऐप्लिकेशन मौजूद हैं जो सस्ता लोन देने के नाम पर लोगों को फंसाते हैं और उनसे पैसे वसूलते हैं.

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सस्ते लोन के चक्कर में लोगों को फंसाते हैं ये ऐप्लिकेशन

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डीएनए हिंदी: चीन के कई मोबाइल ऐप्स पर भारत सरकार प्रतिबंध लगा चुकी है. इसके बावजूद चीन के कई ऐप्स अभी भी गलत गतिविधियों में लिप्त हैं. कई ऐप्स ऐसे हैं जो न सिर्फ़ लोगों की जेब काट रहे हैं बल्कि उन्हें तरह-तरह से ब्लैकमेल भी कर रहे हैं. कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जहां पैसे न देने पर लोगों की तस्वीरें या अन्य निजी जानकारी सार्वजनिक कर दी गई.

ऐसा ही एक वाकया मुंबई की एक 22 साल की लड़की के साथ हुआ. एक ऐप्लिकेशन के जरिए लोन लेने के बाद रिकवरी एजेंट ने वसूली के लिए ब्लैकमेलिंग शुरू कर दीं. इतना ही नहीं, लोन चुकाने में देरी होने पर रिकवरी एजेंट ने महिला की मॉर्फ्ड न्यूड तस्वीरें उसके कॉन्टैक्ट में मौजूद लोगों को भेज दीं.

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पैसों के बदले करने लगे ब्लैकमेल
महिला ने Kreditloan नाम के एक ऐप्लिकेशन से 5000 रुपये का लोन मांगा लेकिन उसे 3000 रुपये ही मिले. लोन लेने के हफ्ते भर के अंदर ही लोन चुकाने के लिए फोन आने लगे. पीड़िता ने बताया कि उन्हें 14 अलग-अलग नंबरों से अश्लील मैसेज भेजे गए. इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर FIR दर्ज की गई है. पहले भी इस तरह के कई और मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों ने बताया है कि उनसे पैसे वापस लेने के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के कई ऐप्लिकेशन के जरिए यह धंधा चीन से ही संचालित होता है. भारत में काम करने वाले ऐसे कई ऐप्लिकेशन हैं जो अपने एजेंट्स के जरिए पैसे जुटाते हैं और उसके क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश में बैठे अपने आकाओं को भेज सकते हैं. इसी साल दिल्ली पुलिस ने लोन देने के नाम पर ठगी करने वाले चाइनीज ऐप्लिकेशन के इंटरनेशल सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक महिला समेत कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया था.

क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए भेजे जाते हैं पैसे
पुलिस के मुताबिक, इन ऐप्लिकेशन के मास्टमाइंड खुद चीन में रहते हैं. ये लोग दुबई, हॉन्गकॉन्ग, नेपाल, मॉरीशमस और भारत में अपने सिंडिकेट को चलाते हैं. ये लोग क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए इधर-उधर पैसे भेजते हैं. दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही पैसे जुटाने वाले एक व्यक्ति के खाते से 8.25 करोड़ बरामद किए थे. इसी तरह के 25 खाते सीज भी किए गए थे. 

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प्रवर्तन निदेशालय ने भी अपनी जांच में पाया था कि ऐसे सैकड़ों ऐप्लिकेशन की मदद से 1400 करोड़ रुपये का लेनदेन हो चुका है. इनमें से ज़्यादातर पैसा चीन, हॉन्गकॉन्ग और मॉरीशस भेजा गया था. इसी मामले में सात चीनी नागरिकों समेत कुल 35 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी.

क्या है ये लोन का झांसा?
कोरोना के समय से ही भारत में कई सारे ऐसे ऐप्लिकेशन सामने आए हैं जो बिना KYC वेरिफिकेशन और बिना किसी अन्य अग्रीमेंट के ही पैसे देने का वादा करते हैं. लोग आसानी से इनके झांसे में आ जाते हैं. भारत में इस तरह 1000 से ज़्यादा ऐप्लिकेशन काम कर रहे हैं. कई ऐप्लिकेशन तो Google के Play Store पर भी मौजूद हैं. कम ब्याज और तुरंत पैसा मिलने के लालच में लोग तकनीकी चीजों को दरकिनार करके सीधे इन ऐप्लिकेशन को डाउनलोड करते हैं और फंस जाते हैं.

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कैसे काम करते हैं ये धोखेबाज ऐप्लिकेशन?
सस्ता लोन पाने के चक्कर में लोग इन ऐप्लिकेशन को डाउनलोड कर लेते हैं. ये ऐप्लिकेशन लोगों से उनके कॉन्टैक्ट, लोकेशन, फाइल मैनेजर और गैलरी को ऐक्सेस करने की परमिशन मांगते हैं. पैसों के लालच में लोग अक्सर इसकी अनुमति भी दे देते हैं. कई बार ये ऐप्लिकेशन इन्हीं अनुमतियों की मदद से फोन में वायरस डाल देते हैं और लोगों की निजी जानकारियां, फोटो और वीडियो चुरा लेते हैं.

इन्हीं जानकारियों का इस्तेमाल बाद में लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता है. यह भी सामने आया है कि ये ऐप्लिकेशन जितना पैसा देने का वादा करते हैं उसका सिर्फ़ 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा ही देते हैं. मतलब अगर कोई 5000 रुपये का लोन लेता है तो उसे 3700-3800 रुपये ही मिलते हैं. बाकी के पैसे किसी न किसी तरीके से काट लिए जाते हैं.

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फोटो लीक करने के नाम पर वसूले जाते हैं पैसे
बाद में पैसे वसूलने के लिए यही ऐप्लिकेशन और इनसे जुड़े एजेंट लोगों को ब्लैकमेल करते हैं. ब्लैकमेल करने के लिए ये लोग ग्राहकों के निजी डेटा, चैट, फोटो और वीडियो का इस्तेमाल करते हैं. कई बार तो यह मामला ब्लैकमेलिंग तक भी पहुंच जाता है. लोगों के निजी फोटो सार्वजनिक करने की धमकी देकर उनसे पैसे भी वसूल लिए जाते हैं.

ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लोगों से अपील की थी कि वे अपना KYC किसी भी अनजान व्यक्ति, अनवेरिफाइड ऐप्लिकेशन या लालच देने वाले प्लैटफॉर्म से शेयर न करें. ऐसी धोखाधड़ी की सूचना पुलिस और RBI को दी जा सकती है. RBI खुद भी ऐसे ऐप्लिकेशन के बारे में जांच में लगा हुआ है.

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