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Multiple Rocket Launcher क्या होता है? रूस को हराने के लिए यूक्रेन को यही क्यों चाहिए?

What is Multiple Rocket Launcher: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के दौरान यूक्रेन लगातार पश्चिमी देशों से मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम मांग रहा है.

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मल्टिपल रॉकेट लॉन्चर की मांग कर रहा है यूक्रेन

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 डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर (Multiple Rocket Launcher) काफी चर्चा में आ गया है. यूक्रेन लगातार पश्चिमी देशों से मांग कर रहा है कि उसे लंबी रेंज वाले मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर दिए जाएं, ताकि वह रूस के हथियारों के जखीरे को निशाना बना सके. दूसरी ओर रूस लगातार धमकी दे रहा है कि अगर यूक्रेन को ऐसे हथियार और मिसाइल सिस्टम दिए गए तो वह बाकी देशों को भी नहीं छोड़ेगा.

अब अमेरिका ने ऐलान किया है कि वह यूक्रेन को मदद देना जारी रखेगा. वहीं, ब्रिटेन ने भी साफ किया है कि वह यूक्रेन को दूसरे हथियारों के साथ-साथ मिसाइल सिस्टम भी देगा. आइए विस्तार से समझते हैं कि मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम क्या है और यह इतना अहम क्यों है...

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क्या है मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर?
जैसा कि नाम ही बता रहा है कि इसमें एक साथ कई रॉकेट लॉन्च किए जा सकते हैं. यह सिस्टम किसी बड़े ट्रक या किसी स्थायी प्लैटफॉर्म पर फिट किया जाता है. एक बार में कई सारे रॉकेट एकसाथ लॉन्च किए जाते हैं. गाड़ी पर यह सिस्टम लगाए जा सकने की वजह से इन्हें ले जाना काफी आसान और कम खर्चीला होता है. इसे चलाने के लिए भी ज्यादा आदमियों की ज़रूरत नहीं होती. ट्रक का ड्राइवर ही इसे आसानी से ऑपरेट कर सकता है.

इस रॉकेट लॉन्चर की मदद से बड़े आकार के गोले दागे जा सकते हैं. इसके अलावा, इनकी रेंज भी लंबी होती है तो लंबी दूरी के टारगेट को भी आसानी से निशाना बनाया जा सकता है. एडवांस टेक्नोलोजी होने की वजह से इनमें रीकॉइलिंग का समय कम होता है यानी एक गोला दागने से दूसरे गोले के दागे जाने के बीच का समय बेहद कम हो जाता है और दुश्मन को संभलने का मौका नहीं मिलता.

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सामान्य रॉकेट सिस्टम में कम से कम दो से तीन जवानों की ज़रूरत होती है. उनमें मैनुअल सिस्टम होने की वजह से सैनिक ही गोले भरते हैं तो समय भी ज़्यादा लगता है और मिस फायर करने के चांस भी ज़्यादा होते हैं. इसके अलावा, ये सिस्टम कंप्यूटर ऑपरेटेड और जीपीएस गाइडेड होते हैं इस वजह से किसी भी जगह को निशाना बनाकर हमला करना बेहद आसान हो जाता है.

यूक्रेन को क्यों चाहिए मल्टिपल रॉकेट लॉन्चर?
रूस की सैन्य ताकत यूक्रेन की तुलना में बेहद व्यापक और खतरनाक है. तोप, मिसाइल, ऐंटी डिफेंस सिस्टम, परमाणु हथियार और बाकी के दूसरे मामलों में भी यूक्रेन, रूस से काफी पीछे है. हालांकि, इस सबके बावजूद यूक्रेन ने रूस को कड़ी टक्कर दी है. यूक्रेन का मानना है कि अगर उसे इस तरह के एडवांस हथियार मिल जाएं तो वह रूस को पीछे खदेड़ सकता है.

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यूक्रेनी सेना के अधिकारी और खुद राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेन्स्की पश्चिमी देशों से मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर की मांग कर चुके हैं. यूक्रेन चाहता है कि वह रूस के उन इलाकों पर हमला करे जहां रूस की सेना कैंप कर रही है या जहां रूस ने अपने हथियार छिपाए हैं. यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि अगर वे रूस के हथियारों की सप्लाई रोक सकें और सैनिकों को एकसाथ बड़ा नुकसान पहुंचा सकें तो यूक्रेन इस लड़ाई में आगे बढ़ सकता है.

रूस ने पश्चिमी देशों को दी है धमकी
रूस के विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि अगर वे यूक्रेन को लंबी दूरी के रॉकेट उपलब्ध कराते हैं, तो उनका देश यूक्रेन के बड़े क्षेत्रों पर कब्जा करके इसका जवाब देगा.इससे पहले, अमेरिका और ब्रिटेन ने घोषणा की थी कि वे यूक्रेन को रॉकेट लांचर उपलब्ध कराएंगे जो 80 किलोमीटर दूर तक निशाना लगा सकने में सक्षम हैं. यह प्रणाली लंबी दूरी तक के रॉकेटों के संचालन में सक्षम है जो 300 किलोमीटर दूर तक के इलाके में निशाना लगा सकता है.

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अमेरिका के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन, आर्मी जनरल मार्क मिले ने सोमवार को कहा कि वॉशिंगटन और सहयोगी देश यूक्रेन को मदद मुहैया करना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि यह कदम ‘डेथ-डे’ सैनिकों के सम्मान में उठाया जाएगा जिनकी नाजियों पर जीत ने एक नई विश्व व्यवस्था बनाई और बेहतर शांति स्थापित की. उल्लेखनीय है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक ही दिन में मित्र राष्ट्र के 4,414 सैनिक मारे गये थे जिनमें 2,501 अमेरिकी थे. साथ ही, 5,000 से अधिक सैनिक घायल हुए थे जबकि जर्मनी के कई हजार सैनिक मारे गए थे या घायल हो गए थे.

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