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Jammu Kashmir में भाजपा को मिलेंगे मुस्लिम वोट? अमित शाह ने बनाया 'मेगा प्लान'

BJP जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी मुसलमानों पर खास फोकस कर रही है. भाजपा को उम्मीद है कि इस बार वह कश्मीर घाटी में भी खाता खोलने में सफल रहेगी.

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गृह मंत्री अमित शाह

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डीएनए हिंदी: गुजरात और हिमाचल प्रदेश के साथ इस साल के अंत में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान किया जा सकता है. ऐसे अनुमानों के बीच सियासी दल इस जम्मू-कश्मीर में अपनी सक्रियता बढ़ाने लगे हैं. अब भारतीय जनता पार्टी भी जम्मू-कश्मीर में अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करने जा रही है. हालाकि अभी तक बीजेपी की तरफ से आधिकारिक तौर पर ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है लेकिन 30 सितंबर से शुरू हो रहे अमित शाह के दौरे को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. अमित शाह अपने इस दौरे की शुरुआत हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थल वैष्णो देवी यात्रा से करेगे और फिर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में दो रैलियों को संबोधित करेंगे.

दरअसल जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के हिंदू बाहुल्य जम्मू संभाग पर मजबूत पकड़ रखने वाली भाजपा यह अच्छी तरह जानती है कि इस केंद्र शासित राज्य में अकेले सरकार बनाने के लिए उसे मुस्लिम बाहुल्य कश्मीर संभाग और जम्मू संभाग के ऐसे ही जिलों में भी सीटें जीतनी होंगी. इसी कड़ी भाजपा लगातार जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम समुदाय के अलग-अलग समाजों को टारगेट कर रही है. वह कश्मीर घाटी में रहने वाले पहाड़ी लोगों के अलावा गुज्जर मुस्लिम और बकरवालों पर भी खास फोकस कर रही है. अब भाजपा के दिग्गज नेता और गृह मंत्री अमित शाह ऐसे ही इलाकों में रैली करने वाले हैं.

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क्या है अमित शाह का प्लान
अमित शाह 30 सितंबर को जम्मू पहुंचेंगे. वह एक अक्टूबर को माता वैष्णो देवी के दर्शन करेंगे. इसके बाद वह वह जम्मू संभाग के राजौरी जिले में एक रैली को संबोधित करेंगे. इस रैली के बाद अमित शाह उसी दिन कश्मीर जाएंगे. कश्मीर में अमित शाह गांधी जयंती वाले दिन दो अक्टूबर को 11 बजे बारामूला शहर में एक रैली को संबोधित करेंगे. बारामूला को किसी जमाने में आतंकियों का बड़ा गढ़ भी माना जाता था. यहां से अभी भी अक्सर आतंकी वारदातों की खबरें आती रहती हैं.

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अमित शाह ने राजौरी और बारामूला को क्यों चुना?
अमित शाह की बारामूला रैली में पूरे कश्मीर से भाजपा समर्थकों के जुटने की उम्मीद है. हालांकि इस रैली में ज्यादा संख्या उत्तर कश्मीर के लोगों की होगी. दरअसल राजौरी और बारामूला दोनों में पहाड़ी भाषी लोगों की एक बड़ी आबादी रहती हैं, जिन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए भाजपा से बहुत उम्मीदें हैं. कहा जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह अपनी इस रैली में सीधे पहाड़ी समुदाय के लोगों से संवाद करने की कोशिश करेंगे. पहाड़ी मुस्लमानों को भी उनसे गुड न्यूज की उम्मीद है.

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विकास की कई परियोजनाओं का भी करेंगे उद्घाटन
अपनी इस सोशल इंजीनियरिंग के अलावा अमित शाह अपने इस जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान विकास की कई परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन भी कर सकते हैं. अपने इस दौरे के दौरान अमित शाह जम्मू शहर के ईदगाह इलाके में प्रस्तावित कैंसर अस्पताल की आधारशिला भी रख सकते हैं. इसके अलावा वह जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ जम्मू-अखनूर फ्लाईओवर और कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. भाजपा से जुड़े नेताओं ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की इस दौरे पर गृह मंत्री न सिर्फ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे बल्कि यहां के उद्योगपतियों और बुद्धिजीवियों से भी मुलाकात कर सकते हैं.

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