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DNA TV Show: क्या है Donkey Route, जिस पर बन रही है शाहरुख की नई फिल्म Dunki, कैसे बनी हुई है ये एक बड़ी समस्या

What is Donkey Route: डंकी रूट एक ऐसा रास्ता है, जिनके जरिये भारत से लोग अवैध तरीके से अमेरिका या कनाडा जैसे देशों में भेजा जाता है. कैसे ये अवैध धंधा काम करता है इसका डीएनए पेश कर रही है ये रिपोर्ट.

DNA TV Show: क्या है Donkey Route, जिस पर बन रही है शाहरुख की नई फिल्म Dunki, कैसे बन�ी हुई है ये एक बड़ी समस्या

DNA TV SHOW

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डीएनए हिंदी: Shahrukh Khan New Movie Dunki- हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के किंग कहलाने वाले शाहरुख खान के जन्मदिन पर उनकी आने वाली नई फिल्म का टीजर रिलीज हुआ है. इस फिल्म का नाम है 'Dunki' 'डंकी'. Producer-Director राजकुमार हिरानी और शाहरुख खान की यह फिल्म जिस विषय पर बनी है, उसे Donkey Route यानी गधे का मार्ग कहते हैं. यह ऐसा विषय है, जो भारत के युवाओं की एक ऐसी चाहत है, जो भारत के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है. सुनने में ये थोड़ा अजीब है, लेकिन ये फिल्म अवैध रूप से विदेश जाने के खतरनाक खेल से जुड़ी है. आप ये फिल्म अगले महीने थिएटर में देख पाएंगे, लेकिन आज हम आपको सच्ची घटनाओं पर आधारित इस फिल्म की सच्ची घटनाएं ही दिखाने जा रहे हैं. सबसे पहले तो आपको ये बताना जरूरी है कि इस फिल्म का Donkey Connection क्या है तो आपको बता दें कि फिल्म का विषय Donkey Route पर आधारित है.

पहले जान लीजिए Donkey Route क्या है

Donkey Route यानी एक ऐसा रास्ता, जो अवैध रूप से लोगों को भारत से अमेरिका या कनाडा जैसे देशों में ले जाता है. आपने अवैध रूप से दूसरे देशों में पहुंचाने के एक और तरीके,'कबूतरबाजी' के बारे में सुना होगा. ठीक उसी तरह से Donkey Route भी अवैध रूप से लोगों को अन्य देशों में ले जाने का एक तरीका है. कबूतरबाजी में व्यक्ति किसी समूह में शामिल होकर, वैध वीज़ा के साथ किसी देश में पहुंचता है, फिर वीज़ा खत्म होने के बावजूद, वापस अपने देश नहीं लौटता, वो उसी देश में कहीं गायब हो जाता है. इस तरीके में पकड़े जाने के चांस ज्यादा होते हैं, क्योंकि सरकारी एजेंसियों के पास, वीज़ा खत्म होने के बावजूद रुके हुए लोगों का डेटा पहले से होता है, वो उन्हें TRACK भी कर सकते हैं. लेकिन Doneky Route के साथ ऐसा नहीं है. Donkey Route एक ऐसा तरीका है, जिसमें सिर्फ पहले देश तक पहुंचने के लिए वैध वीज़ा चाहिए होता है, उसके बाद बिना किसी कागज़ात के लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया जाता है. इसमें खतरा भी ज्यादा होता है. 

बहुत बड़ा Nexus है अवैध प्रवासी बनाने का

लोगों को अवैध रूप से दूसरे देशों में ले जाने के लिए देश में एक बड़ा Nexus चल रहा है. जो लाखों रुपये लेकर बिना कागजात के लोगों को अमेरिका, कनाडा या ब्रिटेन जैसे देश में ले जाने का सपना दिखाते हैं. वो इस तरह का अवैध रास्ता चुनते हैं. इसमें कभी flight, तो कही समुद्री मालवाहक जहाजों के Container में बैठकर, तो कभी दो देशों की सीमाएं पार करने के लिए कार की डिक्की में छिपकर यात्रा करनी पड़ती है. इस तरह के अवैध रास्तों को चुनने में जान का खतरा भी होता है. बावजूद इसके लोग इस तरह के रास्ते चुनते हैं. अब सवाल ये है कि अवैध रूप से दूसरे देशों तक ले जाने वाले लोग, इस तरीके को Donkey Route क्यों कहते हैं तो इसका जवाब ये है कि जिस तरह से Donkey अपनी मंजिल तक जाने के लिए यहां-वहां कूदता हुआ, जाता है, ठीक वैसे ही Donkey Route से जा रहे लोगों को उनकी मंजिल तक जाने से पहले, उन्हें कई अन्य देशों में ले जाया जाता है यानी वो मंजिल तक पहुंचने से पहले एक देश से दूसरे देश फिर तीसरे देश से होते हुए, मंजिल तक पहुंचते हैं.

कैसे काम करता है Donkey Route

ये Donkey Route कैसे काम करता है, अब हम आपको ये बताने जा रहे हैं. उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति को Donkey Route से अमेरिका जाना है, तो इसके लिए Travel Agent क्या तरीका अपनाते हैं, ये आपको बताते हैं.

  • Donkey Route से अमेरिका ले जाने के लिए Travel Agent 40 से 50 लाख रुपये लेते हैं.
  • इस पैसे से व्यक्ति को भारत से वैध पासपोर्ट और वैध वीज़ा के साथ दुबई पहुंचाया जाता है.
  • अमेरिका जाने वाले अलग-अलग देशों के व्यक्तियों को दुबई में इकट्ठा किया जाता है.
  • इसके बाद इस पूरे दल को दुबई से अजरबैजान ले जाया जाता है.
  • फिर इसके बाद उन्हें अजरबैजान से तुर्किए पहुंचाया जाता है.
  • तुर्किए से इन लोगों को पनामा ले जाया जाता है, जिसके बाद पनामा से ये लोग El Salvador पहुंचते हैं.
  • El Salvador से इस पूरे दल को Mexico पहुंचाया जाता है.
  • Mexico से इन लोगों को मौका देखकर अमेरिका की सीमा में पहुंचा दिया जाता है.
  • Donkey Route से अमेरिका जाने वाले लोगों को कम से कम 3 से 4 महीने लगते हैं.

क्या कहते हैं पीड़ित परिवार

अब हम आपको ऐसे परिवारों से मिलवाने जा रहे हैं, जिनसे कोई ना कोई व्यक्ति Donkey Route से अमेरिका, कनाडा या इंग्लैंड गया है. आप खुद उनकी जुबानी उनकी परेशानी सुनिए.

  • भोलाराम का इकलौता बेटा था अरविंद, जिसे भोलाराम ने इस उम्मीद से अमेरिका भेजा था कि बेटा डॉलर में कमाएगा तो घर के वारे-न्यारे हो जाएंगे. बेटे को डंकी रूट से अमेरिका भेजने के लिए इन्होंने 45 लाख रुपये खर्च किए. बेटे को अमेरिका पहुंचे तीन महीने भी नहीं हुए थे. खबर आई कि अब उनका बेटा अमेरिका से कभी नहीं लौटेगा, उसकी हत्या हो गई है. आज भोलाराम का पूरा परिवार उस दिन को कोस रहा है जब उन्होंने अपने बेटे को अमेरिका भेजने का फैसला किया था. अरविंद का शव भी बेहद मुश्किल से वापस मिल पाया, क्योंकि अरविंद, डंकी रूट से अवैध तौर पर अमेरिका पहुंचा था.
  • बलवान सिंह ने पिछले साल ही अपनी पत्नी के भाई को डंकी रूट से अमेरिका भेजा था, जिसके लिए एजेंट को लाखों रुपये दिए थे. लेकिन डंकी रूट से अमेरिका जाने की असली कीमत क्या होती है. ये बलवान सिंह को बाद में पता चला.
  • करनाल के शामगढ़ गांव में रहने वाले सतवीर के भतीजे ने भी डॉलर कमाने की चाहत में अमेरिका जाने के लिए डंकी का रास्ता चुना. वो बता रहे हैं कि हरियाणा के युवाओं को डंकी रूट से अमेरिका पहुंचाने का जिम्मा गली-गली दुकान खोलकर बैठे ट्रेवल एजेंट ही नहीं बल्कि रसूखदार लोग भी उठा रहे हैं और बदले में लाखों की कमाई कर रहे हैं. सतवीर के मुताबिक, गांव के बहुत से युवक जो अवैध Donkey Route से अमेरिका गए थे, वो अभी अमेरिका की जेलों तक में फंसे हुए हैं.

पंजाब ही नहीं अब हरियाणा के युवा भी फंस रहे जाल में

जिस तरह पंजाब को विदेश जाने वाले युवाओं के लिए जाना जाता है, उसी तरह अब हरियाणा की पहचान. डंकी रूट से विदेश जाने वालों के तौर पर बन रही है. हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों से ये ट्रेंड तेजी से बढ़ा है. रघुबीर पंडित कहते हैं कि यह सब कुछ एक दूसरे के बच्चे को देख कर हो रहा है. अगर पड़ोसी का बच्चा अमेरिका गया है कमाने तो हमारा बच्चा भी जाएगा अमेरिका, फिर चाहें अवैध रूप से Donkey के सहारे ही क्यों ना भेजना पड़े.

हरियाणा में डंकी रूट से विदेश जाने के इच्छुक युवाओं की संख्या बढ़ी है तो उनसे लाखों रुपये वसूलकर विदेश भेजने वाली दुकानें भी सजी हैं. करनाल के शामगढ़ गांव के निवासी राजबीर सिंह के बच्चे भी विदेश में हैं. वो दावा करते हैं कि उनके गांव और आसपास के इलाके से 200 बच्चे डंकी रूट से विदेश गए हैं. राजबीर सिंह के मुताबिक, गांव के कुल 500 से ज्यादा बच्चे विदेश में हैं और जिसमे से 200 से ज्यादा अवैध डोंकी रूट से गए हैं. राजबीर की माने तो बच्चों के विदेश जाने का चलन दो वजह से है. पहली आरक्षण व्यवस्था जिसकी वजह से उनकी बेटी को 97% मार्क्स आने के बाद भी दिल्ली विश्विद्यालय में एडमिशन नहीं मिला और दूसरा है हरियाणा में नौकरी की कमी. प्राइवेट नौकरी में व्यक्ति जिस काम ने अधिकतम व्यक्ति 20 से 30 हजार कमाता है, विदेश में उसी काम की कीमत लाखों में होती है.

हैरानी तो होती है कि हरियाणा में खुद माता-पिता लाखों रुपये खर्च करके अपने बच्चे की जान को खतरे में डालकर उन्हें डंकी रूट से विदेश भेज रहे हैं और दुख होता है, जब डंकी रूट से विदेश जाते भारतीयों की मौत की खबर आती है.

अमीर लोग भी अपना रहे हैं ये रास्ता

ये बात समझ से परे है कि ऐसे लोग अमेरिका, कनाडा या इंग्लैड जाना चाहते हैं, जिनके पास पहले से ही 50-60 या 70 लाख रुपये होते हैं. दरअसल DONKEY ROUTE से ले जाने वाले Travel Agent करीब करीब इतने ही पैसे लेते हैं और Donkey Route से जाने में जान जाने का खतरा भी रहता है. इसके बावजूद डॉलर में कमाने की चाहत, लोगों को जान दांव पर लगाने के लिए मजबूर कर देती है. भारत से हर साल हजारों लोग अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हैं. अवैध प्रवासियों की समस्या, अमेरिका और इंग्लैड जैसे देशों में एक बड़ा मुद्दा है. पिछले कुछ वर्षों में भारत से अवैध तरीके से विदेश जाने वाले लोगों की संख्या में कई गुना इज़ाफा हुआ है.

  • अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच का US CUSTOM & BORDER PROTECTION ने आंकड़ा जारी किया है.
  • 96,917 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में घुसने से रोका गया है.
  • इनमें 83 हजार 517 पुरुष थे, जबकि 730 बच्चे शामिल थे. ये बच्चे अभिभावक के बगैर आए थे. 
  • कुल 96 हजार 917 भारतीयों में से 41 हजार 770 को तो MEXICO के रास्ते अमेरिका की दक्षिणी सीमा में घुसते हुए पकड़े गए थे.
  • करीब 30 हजार लोगों को Canada के रास्ते अमेरिका की उत्तरी सीमा में घुसते वक्त पकड़ा गया है.

चार गुना बढ़ चुकी है अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने वाले भारतीयों की संख्या

अमेरिका में अवैध रूप से घुसने के लिए Donkey Route के Travel Agent मुख्यतौर पर दो रास्ते अपनाते हैं. पिछले कुछ वर्षों में इन दोनों ही रास्तों से घुसने वालों में भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

  • अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक 19,883 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में घुसने से पहले पकड़ा गया था.
  • अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021 के बीच ये संख्या बढ़कर 30,662 हो गई.
  • अक्टूबर 2021 से सितंबर 2022 के बीच ये संख्या बढ़कर 63,972 हो गई.
  • अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच 96,917 भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में घुसते हुए पकड़े गए. 

इस हिसाब से देखा जाए तो अवैध रास्तों से अमेरिका में दाखिल होने वालों में भारतीयों की संख्या पिछले 4 वर्षों के अंदर करीब 4 गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है. इस वर्ष केवल सितंबर महीने में ही 8,706 भारतीयों को अमेरिका में अवैध रूप से घुसते वक्त पकड़ा गया है. इनमें ज्यादातर लोग गुजरात, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग हैं.

इंग्लैंड में अवैध रूप से घुसने वालों में भारतीयों का दूसरा नंबर

कुछ यही हाल इंग्लैड में अवैध रूप से घुसने वालों का भी है. इंग्लैड, एक island है, इसलिए वहां घुसने के लिए ज्यादातर लोग छोटी नावों का इस्तेमाल करते हैं या फिर वो लोग France पहुंचकर, English Channel के रास्ते इंग्लैंड में दाखिल होते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस वर्ष इंग्लैड में अवैध रूप से घुसते वक्त पकड़े गए लोगों में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं.

  • वर्ष 2020 में चौसठ भारतीयों को अवैध रूप से इंग्लैड में दाखिल होते हुए पकड़ा गया था.
  • वर्ष 2021 में सड़सठ भारतीयों को अवैध रूप से इंग्लैड में दाखिल होते हुए पकड़ा गया था.
  • वर्ष 2022 में ये आंकड़ा 10 गुना बढ़कर छह सौ तिरासी हो गया था.
  • वर्ष 2023 में जनवरी से अप्रैल तक 675 भारतीयों को अवैध रूप से इंग्लैड में दाखिल होते हुए पकड़ा गया है.

इन देशों से भी जमकर जाते हैं अवैध प्रवासी

हालांकि इंग्लैंड और अमेरिका दोनों में ही भारतीयों के अलावा अन्य कई देशों के लोग भी अवैध रूप से दाखिल होते पकड़े जाते हैं. इनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, वेनेजुएला, सीरिया, ईराक जैसे देशों के नागरिक भी होते हैं. अवैध Immigration, इन देशों की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा रहती है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का भी एक मुख्य राजनीतिक मुद्दा यही है. उनका एक राजनीतिक नारा भी Stop The Boats था.

अवैध प्रवासी कितनी बड़ी समस्या, ये डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत से समझिए

इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump की चुनावों में जीत की एक बड़ी वजह, उनका एक वादा था, जो उन्होंने अमेरिका के लोगों से किया था. उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में कहा था कि वो मैक्सिको और अमेरिका के बीच एक बड़ी दीवार खड़ी करेंगे, जिससे अवैध घुसपैठ रुक जाएगा. इस दीवार को बनाने में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद रोजाना हजारों लोग अवैध तरीके से मैक्सिको के रास्ते अमेरिका में दाखिल होते हैं. 

शरणार्थी बनने की अपील बनी सबसे बड़ी आड़

ज्यादातर लोगों के पास शरणार्थी बनाने की अपील वाला एक पत्र भी होता है. अगर किसी वजह से अवैध घुसपैठ करने वाले लोग पकड़े जाते हैं तो वो ये पत्र दिखाकर, शरणार्थी बनने की एप्लिकेशन लगा देते हैं. इस तरह के हजारों एप्लिकेशन अमेरिक के अधिकारियों के पास रहती हैं, जिसमें कई महीनों में लोगों का नंबर आता है. इस तरह से अवैध घुसपैठ करने वालों को अमेरिका में रहने का समय मिल जाता है. पिछले महीने अमेरिका ने अपने देश में अवैध प्रवासियों को लेकर Title 8 नियम लागू किया. इसके तहत अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल होने वालों को तुरंत उनके देश भेज दिया जाएगा और अमेरिका आने के लिए 5 साल का प्रतिबंध लगाय जाएगा. दूसरी बार घुसते वक्त पकड़े गए तो अमेरिकी कानून के तहत सज़ा दी जाएगी.

Donkey Route है मौत का रास्ता

केस नंबर-1: जनवरी 2022 में गुजरात का एक परिवार, कनाडा से अमेरिका में घुसना चाहता था. अमेरिका की सीमा से 10 मीटर की दूरी पर पूरे परिवार की ठंड से ठिठुरकर मौत हो गई. इस परिवार में जगदीश पटेल, उनके पत्नी वैशालीबेन पटेल, 11 साल की बेटी विहांगी और 3 साल का बेटा धार्मिक था. ये लोग पैदल ही कनाडा से अमेरिका में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उस वक्त तापमान माइनस 35 डिग्री था, बर्फीला तूफान आया तो ये परिवार समूह से अलग हो गया. ठंड की वजह से सभी की मौत हो गई.

केस नंबर-2: गुजरात के मेहसाणा का एक परिवार कनाडा से अमेरिका में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था. ये लोग बोट के जरिए अमेरिका जाना चाहते थे, लेकिन बोट डूब जाने की वजह से परिवार के सभी 8 लोगों की डूबकर मौत हो गई. इन लोगों के पास कनाडा का टूरिस्ट वीजा था. ये लोग अवैध रूप से अमेरिका में घुसना चाहते थे.

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