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DNA TV Show: नीरज चोपड़ा के साथ बेईमानी ने दिखाई चीन की असली नीयत, समझें ड्रैगन की पूरी चालाकी 

China On Neeraj Chopra: एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर नीरज चोपड़ा ने देश का नाम रोशन किया है. हालांकि, चीन में आयोजित इस प्रतियोगिता में चीनी अधिकारियों ने भारतीय खिलाड़ी के साथ बेईमानी की पूरी कोशिश की थी. DNA TV Show में इसका विस्तार से विश्लेषण किया गया है.

DNA TV Show: नीरज चोपड़ा के साथ बेईमानी ने दिखाई चीन की असली नीयत, समझें ड्रैगन की पूरी चालाकी 

Neeraj Chopra

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डीएनए हिंदी: चीन एक ऐसा देश है जो भारत के खिलाफ साजिश करने में कभी पीछे नहीं रहता है. चाहे मंच कोई भी हो, जगह कोई भी हो, मुददा कोई भी हो, वो भारत और भारतीयों के खिलाफ काम करता है. आप जानते ही होंगे कि चीन में इस वक्त 19वां एशियन गेम्स चल रहे हैं. इस बार के एशियन गेम्स में भारत ने अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है. चीन को इस बात से परेशानी है. एशियन गेम्स के आयोजन से जुड़े चीन के अधिकारियों ने भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ षडयंत्र करने की कई कोशिशें कीं. आज हम आपको दो ऐसी घटनाएं बताएंगे जिसमें भारतीय खिलाड़ियों का हौसला तोड़ने की कोशिश की. पूरी दुनिया जानती है कि इस वक्त भाला फेंकने (Javlin Throw) की प्रतियोगिता में भारतीय खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का कोई तोड़ नहीं है. चीन भी यह बात ये जानता है. टोक्यो ओलंपिक 2021 के गोल्ड मैडलिस्ट नीरज चोपड़ा का हौंसला तोड़ने के लिए एशियन गेम्स में इनके खिलाफ चीन ने साजिश की.

एशियन गेम्स में की नीरज के साथ बेईमानी 
Asian Games के Javlin Throw Event में जब नीरज चोपड़ा ने भाला फेंका तो उनका पहला थ्रो नापा ही नहीं गया. चीन के अधिकारियों ने दावा किया कि नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो, फाउल था. नीरज चोपड़ा ने जब अपना पहला थ्रो किया तो वो सही था, लेकिन चीन के अधिकारियों ने तकनीकी खराबी बताकर उसे फाउल बता दिया था. इस वजह से नीरज चोपड़ा को पहला थ्रो, दोबारा करना पड़ा. तकनीकी खराबी के नाम पर चीन के अधिकारियों ने बताया कि नीरज चोपड़ा के थ्रो को ठीक से नापा नहीं जा सका. इससे यह पता चलता है कि चीन के अधिकारी नीरज चोपड़ा की लय बिगाड़ना चाहते थे. इतने बड़े इवेंट में चीन के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाज़ नीरज चोपड़ा को भुगतना पड़ा.

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संदेह के दायरे में है चीन की बहानेबाजी 
इस लापरवाही को तकनीकी खराबी कहना संदेह के दायरे में आता है. हालांकि, नीरज चोपड़ा ने दोबारा अपना पहला थ्रो किया, जो 82.38 मीटर तक गया.  जिन लोगों ने नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो देखा था उनके मुताबिक नीरज का पहला थ्रो, दूसरी बार में फेंके गए थ्रो से ज्यादा दूर गया था. तकनीकी खराबी के नाम पर चीन के अधिकारी जो खेल कर रहे थे, नीरज ने उसका विरोध किया. एशियन गेम्स में पहुंचे खिलाड़ी भी ये बात स्वीकार करते हैं  कि भारतीय खिलाड़ियों को चीन के अधिकारी टारगेट कर रहे हैं. भाला फेंक प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतने वाले किशोर जेना ने भी माना कि नीरज का थ्रो गलत नहीं था.

ज्योति के साथ भी चीन ने की बेईमानी 
सिर्फ नीरज चोपड़ा ही नहीं, कुछ और भारतीय खिलाड़ियों के साथ चीन के अधिकारियों ने भेदभाव किया. इसी में से एक हैं ज्योति. 100 मीटर हर्डल रेस इवेंट में हिस्सा लेने वाली ज्योति को चीन के अधिकारियों नेगलत शुरुआत का दोषी बताकर डिसक्वालिफाई कर दिया था. जबकि सच्चाई यह है कि ज्योति ने गलत स्टार्ट नहीं लिया था. यह गलती चीन के खिलाड़ी ने की थी. चीन अपने खिलाड़ियों और भारतीय खिलाड़ियों के बीच कितना भेदभाव कर रहा है, ज्योति इसका सटीक उदाहरण हैं. चीन के अधिकारी, अपने देश के खिलाड़ियो को जितवाने के लिए साम दाम दंड भेद हर तरह का तरीका अपना रहे है.

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भारत के विरोध के बाद ज्योति को मिला सिल्वर मेडल
ज्योति 100 मीटर हर्डल में हिस्सा ले रही थीं. इसमें कई देशों के खिलाड़ी थे, जिसमें चीन की भी खिलाड़ी शामिल थी. इस रेस में चीन की खिलाड़ी ने फाल्स लिया था. False Start का मतलब है, रेस की शुरुआत गलत तरीके से की थी. अक्सर रेस में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी सिग्नल मिलने से पहले ही दौड़ने लग जाते हैं और इसे ही रेस का False Start कहा जाता है।. 100 मीटर HURDLE Race में भी ऐसा ही हुआ था. इस रेस में चीन की खिलाड़ी Wu yani (वू यानी) ने False Start लिया था. मामला चीन की खिलाड़ी का था और इसलिए चीन के अधिकारियों ने नियम ही बदल दिए. इस रेस को दोबारा शुरू किया गया जिसमें चीन की वू यानी और ज्योति, दोनों ने हिस्सा लिया. अधिकारियों ने तय किया कि रेस के बाद False Start पर फैसला लेंगे. दोबारा रेस  हुई तो इसमें वू यानी ने सिल्वर और ज्योति ने ब्रांड मेडल जीता. चीन के अधिकारियों की इस बेइमानी के खिलाफ, भारत ने पहले ही आवाज उठा दी थी। भारत ने इस मामले में लिखित विरोध दर्ज करवाया था. रेस से जुड़े वीडियो देखने के बाद सारी तस्वीर साफ हो गई। इसके बाद फैसला बदला गया और ज्योति को Silver Medal दिया गया. वू यानी को डिसक्वालिफाई करते हुए जापान की खिलाड़ी तनाका यूमी को Bronze मेडल दिया गया.

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