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Sweet Craving Effects: शुगर क्रेविंग के चक्कर में खूब खा रहे मीठा तो जान लें इसका शरीर-दिमाग पर क्या हो रहा असर

Sugar Side Effects: मिठाई-चॉकलेट देखते ही अगर आपका खाने का मन मचल जाता है तो जान लें ऐसा कभी-कभार तो ठीक हैं लेकिन अगर रोज ही आप मीठा खा रहे तो इससे आपके शरीर ही नहीं, ब्रेन को भी नुकसान हो रहा है.

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Sweet Craving Effects: शुगर क्रेविंग के चक्कर में खूब खा रहे मीठा तो जान लें इसका शरीर-दिमाग पर क्या हो रहा असर

ज्यादा मीठा खाने के नुकसान

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बहुत कम लोगों को ये पता होगा की चीनी केवल डायबिटीज में ही जानलेवा नहीं होती बल्कि इससे कई और बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है. शरीर ही नहीं, मीठी चीजों दिमाग पर भी बुरा असर डालती हैं. चलिए आपको बताएं कि अगर आप रोज 10 ग्राम से अधिक चीनी लेते हैं या बहुत ज्यादा चॉकलेट या मीठी चीजी ले रहे तो आपको किन-किन बीमारियों से जूझना होगा.

मीठी चीजों से इन बीमारियों का बढ़ेगा पारा

बैड कोलेस्ट्रॉल- अगर आप मीठी चीजें ये सोचकर खाते हैं कि आपका ब्लड शुगर कंट्रोल है तो जान लें इससे आपको बैड कोलेस्ट्रॉल यानी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) बढ़ सकता है.  मीठा खाना आपके लीवर को ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बनाने के लिए प्रेरित करता है.

यूरिक एसिड- मिठाई व मीठे पेय पदार्थों में फ्रुक्टोज भरपूर होता है, जो यूरिक एसिड में टूटने लगता है जिससे यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है.

डायबिटीज में शुगर- अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो तय है शुगर खाते ही आपके ब्लड में ग्लूकोज लेवल हाई हो जएगा.

गठिया-हाई फ्रुक्टोज डाइट से यूरिक एसिड बढ़ता है जो गठिया को बदतर बनाता है. सोडा और मीठे पेय में चीनी, एस्पार्टेम और फॉस्फोरिक एसिड होता है, जो शरीर की कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है जिससे हड्डियां कमजोर होती है.

जानिए मीठा खाने का मस्तिष्क पर क्या करता है असर

  1. बहुत अधिक चीनी मस्तिष्क में सूजन और मस्तिष्क कोहरे का कारण बन सकती है.
  2.   बहुत अधिक चीनी मस्तिष्क में सूजन और मस्तिष्क कोहरे का कारण बन सकती है.
  3.   अगर आप रोजाना बहुत अधिक चीनी खाते हैं तो इससे मूड स्विंग, चिंता और डिप्रेशन की समस्या बढ़ जाती है.
  4.   ज्यादा चीनी खाने से दिमाग में डोपामाइन रिलीज होता है. इस कारण आप चिड़चिड़े और तनावग्रस्त रहने लगे.

 (Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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