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बुधवार को Ganesh Puja में इन मंत्रों का करें जप, सभी कष्ट दूर करेंगे विघ्नहर्ता

Budhwar Puja Mantra: बुधवार को गणेश भगवान की पूजा करने के साथ ही इन मंत्रों का जप करना चाहिए. इससे सभी दुख दूर होते हैं.

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Budhwar Puja

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Budhwar Ki Puja: सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित माने जाते हैं. दिनों के अनुसार ही भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे ही बुधवार का दिन भगवान शिव के पुत्र गणेश जी की पूजा (Ganesh Ji Puja) के लिए खास होता है. भगवान गणेश को सर्वप्रथम पूजनीय भी माना जाता है किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा से जीवन से सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं. बुधवार की पूजा में आपको इन मंत्रों (Ganesh Mantra) का जप अवश्य करना चाहिए.

गणेश पूजा में इन मंत्रों का करें जप
गणेश मंत्र

ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा,

ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्, ॐ गं गणपतये नमो नमः
ॐ गं गणपतये नमः, ॐ वक्रतुंडाय हुम्‌

धन लाभ के लिए

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्


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मंगल कार्य के लिए

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः,

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः 
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌,

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌

दुखों का अंत करेगा ये तांत्रिक गणेश मंत्र

ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश
ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, सिदि्ध पति। मेरे कर दूर क्लेश

श्रीगणेशमन्त्रस्तोत्रम्

शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम्
येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि,

चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते
विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम्,

तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः
साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात्,

चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते,

अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक
तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि,

इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः
एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम्,

तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम्
क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः,

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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