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जानें कौन है IPS जीपी सिंह, देशद्रोह में हुए थे बर्खास्त, अब दोबारा करेंगे नौकरी

छत्तीसगढ़ पुलिस के पूर्व सीनियर IPS अधिकारी जीपी सिंह को CAT (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) ने फिर से बहाल किए जाने का आदेश दिया है.

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छत्तीसगढ़ पुलिस के पूर्व IPS अधिकारी जीपी सिंह को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) से बड़ी राहत मिली है . कैट ने चार हफ्तों के अंदर जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकरण कर बहाल किए जाने का आदेश दिया है. 

कौन है  IPS जीपी सिंह?
आईपीएस गुरजिंदर पाल सिंह यानी की जीपी सिंह छत्तीसगढ़ कैडर के 94 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. आईपीएस जीपी सिंह ने अपना प्रशिक्षण ग्वालियर, मध्य प्रदेश में शुरू किया और एमपी के विभिन्न जिलों में तैनात रहने के बाद साल 1998-1999 में जिला इंदौर के अतिरिक्त एसपी के रूप में चुने गए. एडिशनल एसपी सिटी, इंदौर, मध्य प्रदेश के रूप में, आईपीएस जीपी सिंह ने कई संवेदनशील इलाकों में कई सांप्रदायिक स्थितियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.


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आपको बता दें कि आईपीएस जीपी सिंह ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कई बहादुरी वाले कारनामे किए हैं. आईपीएस जीपी सिंह छत्तीसगढ़ ने एक नक्सली शिविर पर छापा मारा था. अपने बेदाग पेशेवर ट्रैक रिकॉर्ड के कारण आईपीएस जीपी सिंह छत्तीसगढ़ को 2004 के लोकसभा चुनावों में भारत के चुनाव आयोग द्वारा एसपी महासमुंद (2004-2005) के रूप में चुना किया गया था.

कैसे हुए बर्खास्त?
जानकारी के अनुसार, एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जुलाई 2021 में जीपी सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले समेत राजनादगांव और ओड़िसा के 15 जगहों पर छापामारी की थी. जिसमें 10 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति के साथ ही कई दस्तावेज मिले थे. छापे से मिली संपत्ति के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज की थी.

इसके बाद सरकार ने 5 जुलाई 2023 को उन्हें सस्पेंड कर 8 जुलाई की रात को उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. राज्य सरकार की सिफारिश के लगभग 10 महीने बाद गृह मंत्रालय ने बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी थी. लेकिन अब उन्हें बड़ी सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने बड़ी राहत दी है. कैट ने सभी मामलों को निराकरण कर फिर से बहाली का आदेश दिया है. 

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