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Akshay Navami: आज अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ के नीचे जरूर बनाएं भोजन, ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Akshay Navami Date: अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है. आज अक्षय नवमी का व्रत को रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु और आंवला पेड़ की पूजा है.

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अक्षय नवमी

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डीएनए हिंदीः कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आज अक्षय नवमी (Akshay Navami) है. अक्षय नवमी पर आंवला (Amla)की पूजा होती इस दिन पेड़ के नीचे खाना बनाने (Cook Food Under Amla Tree) और खाने से पुण्य लाभ मिलता है. मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन लोग आंवला के पेड़ के नीचे भोजन बनाकर भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में में ग्रहण करने से हमारे जाने-अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.

अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ आंवले के वृक्ष की भी पूजा होती है. इसके अलावा इस दिन लोग आंवला पेड़ के नीचे ब्राह्मण भोजन कराते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, आंवला के पेड़ में भगवान विष्ण का वास होता है. ऐसे में  करना शुभ माना गया है.इस साल अक्षय नवमी 02 नवंबर, 2022 बुधवार को मनाया जाएगा. 

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अक्षय नवमी (आंवला नवमी 2022) तिथि और शुभ मुहूर्त | Akshay Navami 2022 Date, Shubh Muhurat

अक्षय नवमी तिथि की शुरुआत- 01 नवंबर को रात 11 बजकर 04 मिनट से 
अक्षय नवमी तिथि का समापन- 02 नवंबर को रात 09 बजकर 09 मिनट पर
अक्षय नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 34 मिनट से 12 बजकर 04 मिनट तक

अक्षय नवमी (आंवला नवमी) 2022 पूजा विधि | Akshay Navami 2022 Puja Vidhi

अक्षय नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन आंवले की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. ऐसे में आवला नवमी यानी अक्षय नवमी को सुबह स्नान करके पवित्र वस्त्र धारण करें. शुभ मुहूर्त में चंदन, हल्दी-कुमकुम से आंवले वृक्ष की पूजा करें. इसके बाद आंवले के पेड़ में गाय का कच्छा दूध अर्पित करें. इसके बाद आंवले के पेड़ की परिक्रमा करें. साथ ही पेड़ के तने में 8 बार कच्चा सूत या मौली लपेटें. पूजन के बाद अक्षय नवमी पढ़ें या सुनें. इसके बाद आंवला पेड़ के नीचे ब्राह्मण भोजन कराएं. ब्राह्मण भोजन के बाद उन्हें कुछ दक्षिणा देकर आदरपूर्वक विदा करें. 

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अक्षय नवमी (आंवला नवमी 2022) का महत्व | Akshay Navami 2022 Importance

अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह के प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तिथि तक आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. वैसे तो कार्तिक माह में हर दिन आंवला के पेड़ की पूजा का महत्व होता है. लेकिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के दिन आंवला के पूजन का महत्व बढ़ जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बनाकर ब्राम्हणों तो कराकर खुद भी आंवले के पेड़ के छांव में करना बहुत शुभ होता है. अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से हमारी सभी मनोकामना पूरी होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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