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Indian Students Abroad: विदेशी धरती पर 6 साल में 403 भारतीय छात्रों की मौत, सरकार ने बताया है ये कारण

Parliament News: विदेश में भारतीय छात्रों की लगातार मौत इस समय चर्चा का विषय है. इसे लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में पूरा डाटा पेश किया है.

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External Affairs Minister S Jaishankar 

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Latest Parliament News: विदेश में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा में है. एकतरफ विदेश में पढ़ने जा रहे भारतीय छात्रों को आ रही समस्याएं सामने आ रही हैं, दूसरी तरफ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन आदि देशों में कई भारतीय छात्रों पर हमले होने का मुद्दा भी बेहद तूल पकड़ गया है. केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया है कि साल 2018 से अब तक विदेश में 403 भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है. इन छात्रों की मौत के अलग-अलग कारण रहे हैं, जिनमें प्राकृतिक कारण से हुई मौत के अलावा एक्सीडेंट और बीमारी भी शामिल है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सदन को आश्वासन देते हुए कहा कि विदेश में पढ़ रहे छात्रों की सुविधा और सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है.

कनाडा में हुई हैं सबसे ज्यादा मौत

जयशंकर ने बताया, मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के हिसाब से विदेश में पढ़ रहे 403 छात्रों की मौत 2018 से अब तक हुई है. इनमें सबसे ज्यादा 91 मौत कनाडा में हुई हैं. जबकि ब्रिटेन 48 मौत के साथ दूसरे नंबर पर है. रूस में 40, अमेरिका में 36, ऑस्ट्रेलिया में 35, यूक्रेन में 21 और जर्मनी में 20 भारतीय छात्रों की मौत हुई है. जयशंकर ने बताया, साइप्रस में 14, फिलीपिंस और इटली में 10-10 तथा कतर, चीन और किर्गिस्तान में 9-9 भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है.

फिलिस्तीन को लेकर नहीं बदली है पुरानी नीति

एक अन्य सवाल का जवाब विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने लोकसभा में दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन को लेकर भारत ने कोई नहीं बदली है. भारत अपनी पुरानी नीति पर ही कायम है. उन्होंने कहा, हम दोनों देशों के बीच हल निकालने के लिए बातचीत का समर्थन करते हैं. ताकि एक संप्रभु, स्वतंत्र और स्थिर फिलिस्तीन देश की स्थापना सुरक्षित व तय सीमाओं के अंदर हो सके. साथ ही इससे इजरायल में भी शांति कायम हो सके. साथ ही उन्होंने एक बार फिर 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास द्वारा इजरायल पर किए हमले की कड़ी निंदा की है.

नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी पर कायम है भारत

विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' को लेकर एक सवाल का जवाब दिया. उन्होंने कहा, भारत अपनी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी पर कायम है, जो उसकी अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों के प्रबंधन को दिखाती है. भारत पड़ोसी देशों में हो रहे उन सभी बदलाव पर नजर रखता है, जो उसके राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से जुड़े हैं. साथ ही अपने सुरक्षा हितों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम भी उठा रहा है. 

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