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Lok Sabha Elections 2024: आजादी की जंग छेड़ने वाली Meerut की संसदीय सीट की जंग जीतेगा कौन

Meerut LS Polls: 2019 के लोकसभा चुनाव में मेरठ संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र अग्रवाल ने जीत दर्ज की थी. उन्हें इस क्षेत्र के कुल 586184 वोटरों का सपोर्ट मिला था. राजेंद्र यादव के निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के हाजी मोहम्मद याकूब रहे थे, जिन्हें कुल 581455 वोट मिले थे.

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मेरठ लोकसभा सीट की स्थिति.

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गंगा और यमुना के बीच बसा है मेरठ. आजादी की जंग की धारा इसी शहर से बही थी और इन दिनों यहां लोकसभा चुनाव की लहर चल रही है. बता दें कि मेरठ लोकसभा सीट के लिए मतदान 26 अप्रैल को होना है. मेरठ संसदीय क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें शामिल हैं. ये हैं किठौर, मेरठ कैंट, मेरठ, मेरठ साउथ और हापुड़.


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2019 के लोकसभा चुनाव में मेरठ संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र अग्रवाल ने जीत दर्ज की थी. उन्हें इस क्षेत्र के कुल 586184 वोटरों का सपोर्ट मिला था. राजेंद्र यादव के निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के हाजी मोहम्मद याकूब रहे थे, जिन्हें कुल 581455 वोट मिले थे. इस तरह इन दोनों के बीच हार-जीत का अंतर 4729 वोट थे. चुनाव में नोटा के पक्ष में 6,316 वोट पड़े थे. 2019 के आम चुनाव में मेरठ संसदीय क्षेत्र में कुल वोटरों की संख्या 1892931 थी, इसमें महिला वोटरों की संख्या 859263 थी, जबकि पुरुष वोटर 1033535 थे. मेरठ संसदीय क्षेत्र में दलित और मुस्लिम वोटर्स अधिक हैं. यहां तकरीबन 6 लाख मुस्लिम हैं. यहां जाटव 3 लाख 14 हजार 788 और वाल्मीकि 59,000 के करीब हैं. इस संसदीय क्षेत्र में जाटों की आबादी तकरीबन 1.30 लाख है. गुर्जर और सैनी समाज का भी यहां खासा प्रभाव दिखता है. यहां ब्राह्मण, वैश्य और त्यागी समाज के वोटर्स की अच्छी खासी संख्या में हैं.  


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मेरठ को स्पोर्ट्स उत्पादों का गढ़ माना जाता है. हिंदू मान्यताओं में इस शहर का धार्मिक इतिहास भी रहा है. असुरों के राजा मय इसी मयराष्ट्र के रहे हैं. उनकी बेटी मंदोदरी रावण की पत्नी थी. इसके अलावा जो हस्तिनापुर कौरवों की राजधानी हुआ करती थी, वह अभी के मेरठ जिले में ही है. 1991 से लेकर अब तक मेरठ संसदीय क्षेत्र 8 आम चुनावों का सामना कर चुका है, जिसमें 6 बार बीजेपी जीती है. 1991, 1996 और 1998 के बाद 2009, 2014 और 2019 में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है.

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