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कर्नाटक में ड्राइवर ने छात्राओं को बिना बुर्के के बस में चढ़ने से रोका, जानिए पूरा मामला

Karnataka News: एक छात्रा ने बताया कि बस चालक ने उनकी धार्मिक पहचान पर सवाल उठाते हुए बुर्का पहनने पर जोर दिया. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

कर्नाटक में ड्राइवर ने छात्राओं को बिना बुर्के के बस में चढ़ने से रोका, जानिए पूरा मामला

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डीएनए हिंदी: कर्नाटक से बुर्के को लेकर एक नया मामला सामने आया है. यहां पर एक बस ड्राइवर ने स्कूली छात्राओं को बस में केवल इसलिए नहीं बैठने दिया क्योंकि उन लोगों ने बुर्का नहीं पहन रखा था. इस घटना के सामने आते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है? 

यह मामला कर्नाटक के कलबुर्गी जिले का है. जहां पर कुछ मुस्लिम लड़कियां बिना बुर्के के बस में चढ़ने लगी तो ड्राइवर ने कहा कि पहले बुर्का पहनकर आओ और फिर यात्रा करो. इसके साथ ही वहां पर कुछ लड़कियों ने हिजाब पहन रखा था लेकिन उन्हें भी बस में एंट्री नहीं दी गई.  बस ड्राइवर ने कहा कि मुस्लिम छात्राएं केवल बुर्का पहनकर ही बस में यात्रा कर सकती हैं.

 

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ड्राइवर ने छात्राओं को बस में बैठने से रोका

इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बस ड्राइवर ने छात्राओं से कहा कि अगर तुम मुस्लिम हो तो बुर्का पहनो, हिसाब नहीं. इसके बाद ही तुम्हें बस में बैठने दिया जाएगा. एक छात्रा ने बताया कि ड्राइवर ने उनकी धार्मिक पहचान पर सवाल किया और उनसे बुर्का पहनने के लिए कहा. जब छात्रा ने बात मानने से इंकार कर दिया तो उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया. इसके साथ ही छात्रा को वहां से भगा दिया गया. इस बात को लेकर आसपास के लोग हंगामा करने लगे तो बस ड्राइवर ने कहा कि बस चलने की हालत में नहीं थी, छात्राएं उपद्रव कर रहीं थी इसलिए उन्हें नहीं बैठने दिया गया.

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कर्नाटक में हिजाब को लेकर हो चुका है विवाद

कर्नाटक के पीयू कॉलेज में अक्टूबर 2021 में कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनने की मांग शुरू की थी. जिसके बाद कुछ लड़कियां क्लास में हिजाब पहनकर आने लगी थी तो उन्हें रोक दिया गया था. इस मामले के बाद कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों में जमकर हंगामा हुआ था. यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंच गया था. मार्च 2022 में हाईकोर्ट ने हिजाम मामले पर अपना फैसला सुनाया और कहा कि हिजाब धार्मिक लिहाज से अनिवार्य नहीं है इसलिए शैक्षणिक संस्थानों में इसे नहीं पहना जा सकता है.

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