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Agnipath Scheme: प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ विपक्ष, सरकार ने किया योजना का बचाव

Agnipath Scheme: सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी.

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अग्निपथ योजना के कई जगहों पर विरोध

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डीएनए हिंदी: विपक्षी दलों ने थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती से जुड़ी नई "अग्निपथ" योजना का विरोध और प्रदर्शनकारी युवाओं का समर्थन करते हुए गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया तथा इस योजना को निरस्त करने या फिर रोक लगाने की मांग की. दूसरी तरफ, सरकार ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि नया 'मॉडल' न केवल सशस्त्र बलों के लिए नई क्षमताएं लाएगा, बल्कि निजी क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर के द्वार भी खोलेगा. सरकार ने यह भी कहा कि यह योजना युवाओं को मिलने वाले वित्तीय पैकेज के माध्यम से उद्यमी बनने में भी मदद करेगी. इस योजना को लेकर देश के कुछ हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी. इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा.

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, "न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई सीधी भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान. देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हें 'अग्निपथ' पर चला कर इनके संयम की 'अग्निपरीक्षा' मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी."

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पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, "यह योजना विवादित है, इसमें कई जोखिम हैं और सैन्य बलों की पुरानी परिपाटी तथा तानेबाने को भंग करने वाली है. इसकी कोई गारंटी नहीं है कि योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिक बेहतर प्रशिक्षित होंगे और देश की रक्षा के लिए ज्यादा प्रेरित होंगे." चिदंबरम ने कहा कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इस योजना को रोके और सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करे तथा गुणवत्ता, कार्यक्षमता और इससे जुड़ी आर्थिक स्थिति का निदान किया जाए.

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, "माकपा पोलित ब्यूरो ‘अग्निपथ’ योजना को सिरे से खारिज करता है. यह योजना भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है. पेशेवर सशस्त्र बल को ‘चार साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती करके’ तैयार नहीं किया जा सकता." उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए.

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विनय विश्वम ने भी इस योजना का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की. विश्वम ने यह भी कहा कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा, "इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. हमारे युवा उचित, सुरक्षित नौकरी के हकदार हैं."

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल 'अग्निपथ योजना' का विरोध कर रहे सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं के समर्थन में सामने आए और केंद्र सरकार से अपील की कि युवाओं को सिर्फ चार साल नहीं, बल्कि जीवन भर देश की सेवा करने का मौका दिया जाए. केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, "केंद्र सरकार से अपील-युवाओं को चार साल नहीं, पूरी जिंदगी देश सेवा करने का मौका दिया जाए. पिछले दो साल सेना में भर्तियां नहीं होने की वजह से आकांक्षी युवा पात्रता से अधिक उम्र के हो गए हैं, उन्हें भी मौका दिया जाए."

"अग्निपथ" योजना के विभिन्न प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि इससे युवाओं में और अधिक असंतोष पनपेगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे एक पत्र में वरुण गांधी ने मांग की कि सरकार इस योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने लाए और अपना पक्ष साफ करे. वरुण गांधी ने कहा कि देश भर के युवाओं ने इस योजना के प्रावधानों को लेकर उनसे कई सारी शंकाएं और संशय साझा किए हैं.

उधर, केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (PIB) ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, "यह योजना सशस्त्र बलों में नई गतिशीलता लाएगी. यह बलों को नई क्षमताओं को लाने और युवाओं के तकनीकी कौशल और नई सोच का लाभ उठाने में मदद करेगी. यह युवाओं को राष्ट्र की सेवा करने का मौका देगी." चार साल के कार्यकाल के अंत में प्रत्येक रंगरूट को ‘सेवा निधि पैकेज’ से दिए जाने वाले लगभग 11.71 लाख रुपये के वित्तीय पैकेज का उल्लेख करते हुए इसमें कहा गया है कि यह युवाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करेगा और उन्हें उद्यमी बनने में भी मदद करेगा.

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