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DNA TV Show: टीम इंडिया की जीत में विपक्षी तलाश रहे 'साजिश', जानिए कितनी खोखली हैं हारने वालों की दलीलें

Indian Team in World Cup 2023: भारतीय क्रिकेट टीम ने अपनी धरती पर खेले जा रहे वर्ल्ड कप में दुनिया की सभी दिग्गज टीमों को धूल चटा दी है. अब हारने वाली टीमें तरह-तरह के बहाने बनाकर टीम इंडिया की जीत को कमतर ठहरा रही हैं. जानिए इस साजिश का पूरा DNA क्या है.

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DNA TV SHOW

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डीएनए हिंदी: World Cup 2023 Latest News- खेल में जीत-हार होती रहती है. किसी भी मुकाबले में एक टीम जीतती है और दूसरी हार जाती है, लेकिन हारने के बाद बहाने बनाना और जीतने वाली टीम की मेहनत को 'साजिश' साबित करने की कोशिश करना, ये किसी भी तरह से खेल भावना की निशानी नहीं हैं. कुछ ऐसा ही खेल भावना के विपरीत व्यवहार वर्ल्ड कप 2023 में भारतीय क्रिकेट टीम से हारने वाली टीमें कर रही हैं. दरअसल सच्चाई ये है कि किसी भी खेल में  जीतने वाला खुशियां मनाता है, लेकिन हारने वालों को दो श्रेणियां होती हैं. पहली श्रेणी उन लोगों की होती है, जो हार की वजह तलाशकर खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं. दूसरी श्रेणी होती है, उनकी जो हार के बाद, हार के बहाने बनाते हैं और जीतने वाले पर बेइमानी का आरोप लगाते हैं.

कल विश्वकप के सेमीफाइनल मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को 70 रनों से हराकर, फाइनल में अपनी सीट पक्की कर ली. ये इस विश्वकप में भारत की लगातार 10वीं जीत थी. भारत, इस विश्वकप की मेजबान टीम है. जिस तरह से टीम इंडिया खेल रही है, अभी तक न्यूजीलैंड के अलावा किसी भी टीम ने उनको तगड़ी चुनौती नहीं दी है. देखा जाए तो इस विश्वकप में टीम इंडिया के खिलाड़ियों का स्तर, बाकी टीमों से कहीं ज्यादा बेहतर नजर आया है. टीम इंडिया का ऐसा प्रदर्शन देखकर, कई लोगों को मिर्ची लग गई है. खेल में हार जीत होती रहती है, लेकिन हार हारकर परेशान हो चुकी टीमें और उनके देश के पत्रकारों को कुछ समझ नहीं आ रहा है, इसलिए वो अलग-अलग तरह की Conspiracy Theory बता रहे हैं. हारने के बाद ये लोग ऐस ऐसे बहाने बना रहे हैं, जिससे सुनकर हंसी आती है.

किस तरह के बहाने बना रही हैं हारने वाली टीमें

  • टीम इंडिया के कैप्टन रोहित शर्मा टॉस कॉइन दूर फेंकते हैं, ताकि विरोधी टीम के कैप्टन ना देख सकें, इससे रोहित टॉस जीत जाते हैं.
  • टीम इंडिया पिच बदल देती है. अपनी बैटिंग के लिए बैटिंग पिच तैयार करवाती है, विरोधी टीम की बैटिंग के लिए बॉलिंग पिच तैयार करवाती है.
  • टीम इंडिया को अलग बॉल दी जाती है, जो बहुत स्विंग और स्पिन होती है. विरोधी टीमों को अलग बाल दी जाती है, जो स्विंग और स्पिन नहीं होती है.
  • विश्वकप BCCI का Event है ICC का नहीं.
  • भारतीय स्टेडियम में दिल-दिल पाकिस्तान नहीं बजाया गया इसलिए पाकिस्तान हार गई थीं.

ये वो बहाने है, जो अलग अलग टीमों के पूर्व खिलाड़ी या खेल पत्रकार बता रहे हैं. आज हम इन्हीं बहानों का विश्लेषण करने जा रहे हैं. हार के बाद बनाए जा रहे ये बहाने, बहानेबाजों की कोरी कल्पना है. इन पर जवाब देते भी नहीं बनता है, लेकिन फिर भी हम इसका विश्लेषण करेंगे, ताकि इससे भारत की जीत से चिढ़ने वाले लोगों का दर्द बढ़े और टीम इंडिया की जीत से खुश होने वालों को अच्छा महसूस हो.

पहले जान लीजिए क्या बदली जा सकती है पिच?

सबसे बड़ी Conspiracy Theory पिच बदलने को लेकर बनाई जा रही है. इसमें दो तरह के दावे किए गए हैं. पहला तो ये है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले सेमीफाइनल मैच से एक दिन पहले ही पिच को बदल दिया गया था. दूसरी Theory ये है कि टीम इंडिया अपनी बैटिंग के समय बैटिंग पिच पर मैच करवाती है और विरोधी टीम के आने पर बॉलिंग पिच पर बैटिंग करवाती है.

British अखबार Daily Mail ने एक खबर छापी कि न्यूजीलैंड से होने वाली सेमीफाइनल मैच के लिए, मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच को एक दिन पहले बदल दिया गया. इस खबर के बाद ये Conspiracy Theory बनाई जाने लगी कि टीम इंडिया ने ICC के साथ मिलकर, अपने मुताबिक पिच पर मैच करवा दिया. दावा ये किया गया कि न्यूजीलैंड टीम, पहले बॉलिंग करना पसंद करती है, इसलिए वो बॉलिंग पिच चाहती थी, लेकिन एक दिन पहले ही Used पिच पर मैच करवाना तय कर दिया गया है.

इस तरह पिच बदल दिए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कई पूर्व क्रिकेटर्स और खेल पत्रकारों ने सेमीफाइनल मैच को नई पिच के बजाए, पहले ही इस्तेमाल की जा चुकी पिच पर करवाने पर सवाल उठाए है. ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचाने के लिए ICC ये सारे कदम उठा रहा है. हालांकि इस तरह के आरोपों में कोई दम नहीं है। जिसने भी ये मैच देखा होगा, वो जानते हैं कि इस टॉस को जीतकर पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम इंडिया ने 397 रन बना दिए थे, जिसके बाद न्यूजीलैंड ने भी बैटिंग करके 300 से ऊपर रन बना डाले थे. वो 70 रन से मैच हारे तो ये कहना गलत होगा कि पिच का फायदा किसी एक टीम को मिला.

क्या कहा है ICC ने इस पर

ICC ने इस मुद्दे पर हो रहे विवाद को शांत कर दिया। ICC ने पिच बदलने के मामले में कहा, 'इतने लंबे Events के दौरान आखिर में Pitch Rotation का होना आम बात हैं. ऐसा पहले भी कई बार किया जा चुका है. Venue Curator की सिफारिश और Host से बातचीत के बाद ये फैसला लिया गया. बयान में आगे कहा गया, 'ICC का अपना एक Pitch Consultant होता है. उन्हें इस बारे में पहले से जानकारी दे दी गई थी. उनका मानना है कि जो पिच इस्तेमाल की जा रही है, उस पर भी अच्छा क्रिकेट खेला जाएगा.'

इस तरह से ICC ने एक बार में ही Conspiracy Theory की हवा निकाल दी है. जिन लोगों को नहीं पता है उन्हें बता दें कि सेमीफाइनल से पहले 45 मैच हुए, जिनमें 4 बार आखिरी मौके पर पिच को बदलने का फैसला ICC ने लिया था यानी ऐसा नहीं है कि सेमीफाइनल के लिए खासतौर से पिच बदल दी गई हो. ये ICC की SOP का हिस्सा था.

अब टॉस को लेकर फैलाए जा रहे झूठ का खोखलापन देखिए

एक Conspiracy Theory रोहित शर्मा के टॉस को लेकर भी फैली हुई है. ये आरोप लग रहे हैं कि रोहित शर्मा टॉस करते वक्त toss coin को दूर फेंकते हैं, जिससे विरोधी टीम के कैप्टन, toss देख ना पाएं. आरोप है कि इसका लाभ रोहित शर्मा को दिलवाया जाता है, मैच रेफरी, रोहित के टॉस जीतने की घोषणा कर देते हैं. ये आरोप पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर सिकंदर बख्त ने लगाया है.

इस तरह के आरोपों पर केवल हंसा जा सकता है. कुछ अन्य पाकिस्तानी पूर्व क्रिकेटर भी इसको लेकर बवाल खड़ा कर रहे हैं. इसे पाकिस्तान की विश्व कप में हुई बेइज्जती से भी जोड़ा जा रहा है. पाकिस्तान टीम का जो हाल, इस विश्वकप में हुआ है, उससे पाकिस्तान के कुछ पूर्व क्रिकेटर चिढ़े हुए हैं. यही वजह है कि वो अलग अलग तरह की Conspiracy Theory लेकर आ रहे हैं. वैसे उन्हें भी मालूम है कि ये सब झूठ है, लेकिन हार भुलाने के लिए ये ख्याल अच्छा है. 

आंकड़े भी बता रहे टॉस फ्रॉड के झूठे दावे का सच

जिन लोगों को लगता है कि रोहित शर्मा, टॉस जीतने के लिए टॉस काइन को फिक्स कर लेते हैं, उनके लिए हम इस विश्वकप में भारत के मैचों से जुड़ा आंकड़ा लेकर आए हैं.

  • भारत का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया से था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने toss जीतकर बैटिंग चुनी थी.
  • दूसरा मैच अफगानिस्तान से था, जिसमें अफगानिस्तान ने toss जीतकर बैटिंग चुनी थी.
  • तीसरा मैच पाकिस्तान से था, जिसमें भारत ने toss जीता था और गेंदबाजी चुनी थी.
  • चौथा मैच बांग्लादेश से था, जिसमें बांग्लादेश ने toss जीतकर बैटिंग चुनी थी.
  • पांचवा मैच न्यूजीलैंड से था, जिसमें भारत ने toss जीतकर बॉलिंग चुनी थी.
  • छठवां मैच इंग्लैड से था, जिसमें इंग्लैंड ने toss जीकर बॉलिंग चुनी थी.
  • सातवां मैच श्रीलंका से था, जिसमें श्रीलंका ने toss जीकर बॉलिंग चुनी थी.
  • आठवां मैच South Africa से था, जिसमें भारत ने toss जीता और बैटिंग चुनी थी.
  • नौवा मैच Netherlands के साथ था, जिसमें भारत ने toss जीतकर बैटिंग चुनी थी.
  • New Zealand के साथ हुए सेमीफाइनल मैच में भारत ने toss जीता और बैटिंग चुनी थी.

इस तरह से देखा जाए तो विश्वकप के अपने 10 मैचों में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने 5 टॉस जीते हैं यानी 5 बार वे टॉस हारे भी हैं. इस हिसाब से अगर भारत की जीत से चिढ़ने वाले लोग, टॉस के फिक्स होने की बात कह रहे हैं, तो इस पर क्या ही कहा जा सकता है. 

टॉस से जुड़ा यह नियम भी समझ लीजिए

टॉस कॉइन दूर फेंकने के मामले में सवाल उठाने वालों को भी हम नियमों के बारे में बताना चाहते हैं. अक्सर जिस मैच में मेजबान टीम खेल रही होती है, तो ICC की ओर से नियुक्त मैच रेफरी टॉस कॉइन उछालने के लिए मेजबान टीम के कैप्टन को ही बुलाते हैं. इस दौरान Call करने का अधिकार यानी Heads या Tails बोलने का अधिकार मेहमान टीम को दिया जाता है. इसके बाद मैच रेफरी ही टॉस का निर्णय सुनाते हैं. फिर चाहे टॉस कॉइन पास में गिरा हो या बहुत दूर जाकर गिरा हो. इस हिसाब से टॉस कौन जीता और कौन हारा, इसका निर्णय मैच रेफरी करता है. वो मैच रेफरी, जिसे ICC ने नियुक्त किया होता है, और जिस पर मैच को सही और साफ-सुथरे तरीके से कराने की जिम्मेदारी होती है.

ऐसे में अगर कोई ये आरोप लगा रहा है कि टॉस फिक्स कर लिया जाता है, तो ये सरासर गलत है. अगर कोई ये कहता है कि BCCI ने ICC से फिक्सिंग कर ली है, तो आपको बता दें कि पूरी दुनिया में क्रिकेट खिलाने वाली एक ही इंटरनेशनल संस्था है और वो International Cricket Council ही है. इसमें अब अगर कोई ये आरोप लगा दे कि यह संस्था ही बिक चुकी है तो फिर ऐसे आरोप लगाने वाले से कोई कुछ नहीं कह सकता.

पाकिस्तान से ही सामने आ रही सारी थ्योरी, गेंद वाला दावा भी जान लीजिए

जबसे पाकिस्तानी टीम इस विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद बाहर हुई है, तभी से पाकिस्तान में भारत की जीत को लेकर जलन बढ़ती जा रही है. toss fixing, पिच बदल देना, इस तरह की Conspiracy Theory का जन्म पाकिस्तान से ही हुआ है. यही नहीं, पाकिस्तान में एक विवाद और खड़ा करने की कोशिश की गई थी. आरोप लगाए जा रहे थे कि भारत, मैच के दौरान अपने फायदे के लिए ball ही बदल देता है यानी bowling के वक्त ज्यादा swing वाली ball ले लेता है और batting के वक्त विरोधी टीम को swing और spin ना होने वाली ball दे देता है. यही नहीं यहां तक कहा जा रहा है जो ball भारतीय टीम को दी जाती है, उसमें chip लगी हुई है. वो भारतीय गेंदबाजों के हिसाब से swing करती है, spin करती है यहां तक कि bounce भी करती है. यही नहीं भारतीय गेंदबाज chip वाली गेंद से जहां चाह रहे हैं वहीं पर गेंद फेंक पा रहे हैं.

यह दावा किया है हसन रजा ने. अब आप पाकिस्तान के इस पूर्व क्रिकेटर की मानसिक स्थिति का अंदाजा लगाइए. पाकिस्तानी टीम की शर्मानक हार से निराश और टीम इंडिया के विजय रथ से परेशान ये लोग, वही होंगे जो कुछ दिन बाद कोहली और रोहित के bat में spring होने का आरोप लगाएंगे. इस तरह के आरोपों से पता चलता है कि भारत का जश्न देखकर, हमारे विरोधियों में केमिकल लोचा हो गया है.

ये भी हैं पाकिस्तान के अजीबोगरीब दावे

यही नहीं DRS को लेकर भी पाकिस्तान के कुछ पूर्व क्रिकेटर परेशान हो रहे हैं. उनके मुताबिक DRS की मदद से भी भारत को जितवाया जा रहा है. आपको याद होगा कि जब टीम इंडिया ने पाकिस्तान को लीग मैच में बुरी तरह से हराया था. उसके बाद पाकिस्तान टीम के coach mickey arthur ने अजीब सा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान इसलिए हारा, क्योंकि उस दिन स्टेडियम में दिल-दिल पाकिस्तान नहीं बज रहा था. मतलब उनकी coaching पर सवाल ना उठे, इसके लिए उन्होंने अलग ही बहाना बना दिया.

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