Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Rajasthan Assembly Elections 2023: बूथ कैप्चरिंग, फायरिंग और उपद्रव के बीच हुआ मतदान, 70% रहा पोलिंग

Rajasthan Assembly Polls 2023: श्रीगंगानगर जिले की करनपुर सीट पर मौजूदा विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर के निधन के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया है.

Rajasthan Assembly Elections 2023: बूथ कैप्चरिंग, फायरिंग और उपद्रव के बीच हुआ मतदान, 70% रहा पोलिंग

 Rajasthan Elections 2023.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: Rajasthan Elections 2023- राजस्थान में पिछले कई दिन से चल रही कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी छींटाकशी पर आज शनिवार (25 नवंबर) को विराम लग जाएगा. राज्य की 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे 1,875 कैंडीडेट्स की किस्मत का फैसला जनता आज मतदान के जरिये EVM में बंद करेगी, जो 3 दिसंबर को मतगणना के बाद सामने आएगा. इनमें 183 महिला उम्मीदवार भी शामिल है. श्रीगंगानगर की करनपुर सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया है. यहां मतदान रोकने का फैसला मौजूदा विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर के असामयिक निधन के बाद लिया गया है. बाकी 199 विधानसभाओं पर 5,26,90,146 मतदाताओं के वोट डालने के लिए 51,507 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जिन पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान कराया जाएगा. इस दौरान सभी की नजर सरदारपुरा, टोंक, झालरापाटन, नाथद्वारा, झूंझुनू, जोतवाड़ा और चुरू सीटों पर रहेगी, जिन्हें इस चुनाव की VIP SEAT कहा जा सकता है. 

रात 9 बजे तक चला मतदान, 70% ने किया मताधिकार का प्रयोग

भारतीय निर्वाचन आयोग ने रात 10 बजे बताया है कि पोलिंग बूथ पर शाम 6 बजे मतदान खत्म होने के समय लाइन में लगे मतदाताओं ने रात 9 बजे तक अपना वोट डाला है. पोलिंग बूथों से मिले रिकॉर्ड के मुताबिक, रात 9 बजे तक 70% वोटर्स ने अपना वोट डाला था.

कई पोलिंग बूथ पर लाइनों में लगे मतदाताओं ने रात तक डाला वोट

राजस्थान के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रवीण गुप्ता के मुताबिक, कई पोलिंग बूथ पर अब भी मतदान चल रहा है. मतदान का समय शाम 6 बजे तक था, लेकिन जिन बूथ पर उस समय भी मतदाता लाइन में खड़े थे, वहां मतदान देर रात तक जारी रहा है. शाम 5 बजे तक राज्य में 68.24% मतदान हो चुका था. मतदान का फाइनल आंकड़ा सुबह तक सामने आएगा.

भरतपुर के द्वारकापुर में बूथ कैप्चरिंग की कोशिश

भरतपुर जिले की डीग-कुम्हेर विधानसभा सीट के द्वारकापुर में राजकीय प्राथमिक स्कूल का पोलिंग बूथ कैप्चर करने की कोशिश हुई है. दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच इसे लेकर झगड़ा इतना बढ़ गया कि आपस में कुर्सी-पत्थर आदि फेंके जाने लगे. पोलिंग पार्टी को बूथ छोड़कर भागना पड़ा है.

धौलपुर की बाड़ी विधानसभा में फायरिंग

धौलपुर जिले की बाड़ी विधानसभा के रजई कलां गांव में फायरिंग होने की सूचना मिली है, जबकि कंचनपुर में पोलिंग बूथ पर दो प्रत्याशियों के समर्थक आपस में भिड़ गए हैं. अब्दुलपुर गांव में भी दो पक्षों के बीच पथराव हुआ है.

राजस्थान में दोपहर 1 बजे तक 40 फीसदी वोटिंग
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए दोपहर एक बजे तक 40% वोटिंग हुई है.  

कांग्रेस-बीजेपी में जुबानी जंग
राजस्थान जीतने को लेकर अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी पार्टी की जीत होगी. जवाब में बीजेपी ने कहा है कि राजस्थान अपना रिवाज दोहराने वाला है. बीजेपी सत्ता में आएगी. जनता कांग्रेस सरकार से ऊब गई है.

चुरू में पोलिंग स्टेशन बाहर हुई झड़प
चुरू जैसे ही मतदान शुरू हुआ, मतदान केंद्र पर भीषण झड़प हो गई. पोलिंग एजेंट का कहना है कि 4-5 लोगों ने उस पर अचानक हमला बोल दिया, जिसके बाद चोटें आई हैं. 

सुबह 11 बजे तक 24.74% वोटिंग

राजस्थान में सुबह 11 बजे तक राजस्थान में 24.74% वोटिंग हुई है.

राजस्थान की कई दिग्गज हस्तियों ने डाला वोट- 
#WATCH | Rajasthan minister & Congress leader Pratap Singh Khachariyawas in Jaipur, says, "I appeal to everyone to cast their vote." pic.twitter.com/Yndf1t4jAC


राजस्थान में सवाई माधोपुर से बीजेपी सांसद और प्रत्याशी किरोड़ी लाल मीणा कहते हैं, 'मतदान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. लोकतंत्र के इस सबसे बड़े त्योहार में लोग खुशी-खुशी मतदान कर रहे हैं. हालांकि एक बात है कि मतदान धीमा है. कई जगह मतदान नहीं हो रहा है.

- राजस्थान में सुबह 9 बजे तक 9.77 फीसदी वोटिंग

 

 

 

- राजस्थान में सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है. पीएम मोदी, अशोक गहलोत समेत कई दिग्गज नेताओं ने मतदाताओं से अपील की है कि लोग बढ़चढ़कर वोटिंग में हिस्सा लें.

इन 9 VIP सीटों पर रहेगी सबसे ज्यादा नजर

  1. सरदारपुरा सीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 1998 से लगातार जीत रहे हैं, जिन्हें घेरने की जिम्मेदारी इस बार कांग्रेस खेमे से भाजपा में आए महेंद्र सिंह राठौड़ को दी गई है.
  2. झालरापाटन सीट से पूर्व मुख्यमंभी वसुंधरा राजे चुनाव लड़ रही हैं. BJP की यह हैवीवेट लीडर यहां 2003 से जीतती रही है. साल 2018 में उन्होंने 54% वोट हासिल कर कांग्रेस नेता मानवेंद्र सिंह को हराया था. 
  3. मानवेंद्र सिंह इस बार भाजपा के टिकट पर सिवाना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. पहले बाड़मेर का हिस्सा रही यह विधानसभा सीट अब नवगठित जिले बालोतरा का हिस्सा है.
  4. टोंक सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है, जहां से कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भाजपा के अजीत सिंह मेहता चुनौती दे रहे हैं. 2018 में पायलट ने यहां भाजपा के यूनुस खान को 54,179 वोट से हराया था.
  5. लक्ष्मणगढ़ सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भाजपा के सुभाष मेहरिया की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
  6. उदयपुर सीट 2003 से भाजपा का मजबूत किला रही है, जिस पर भाजपा के ताराचंद जैन और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ के बीच मुकाबला हो रहा है.
  7. जोतवाड़ा सीट से भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को उतारा है. ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज राठौड़ को कांग्रेस के अभिषेक चौधरी से चुनौती मिलेगी. इस सीट पर 2018 में कांग्रेस के लालचंद कटारिया ने राठौड़ को हराया था.
  8. नाथद्वारा सीट पर भाजपा ने महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ को उतारा है, जिनके सामने राजस्थान विधानसभा के मौजूदा स्पीकर और कांग्रेस के वेटरन नेता सीपी जोशी की चुनौती है.
  9. झूंझुनू सीट पर तीन बार के विधायक व कांग्रेस नेता ब्रजेंद्र ओला के सामने भाजपा के निशीत कुमार खड़े हैं. ओला ने 2018 में 76,177 वोट से जीत हासिल की थी.

45 विद्रोही बदलेंगे चुनावी मैदान का खेल

भाजपा और कांग्रेस, दोनों की तरफ से बहुत सारे विद्रोही नेताओं ने नामांकन कराया था. इनमें से अधिकतर ने बाद में अपना नाम वापस ले लिया, लेकिन अब भी दोनों पार्टियों की तरफ से 45 विद्रोही उम्मीदवार चुनावी मैदान में खड़े हैं. इनमें मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक और पार्टी पदाधिकारी हैं. ये विद्रोही उम्मीदवार चुनावी मैदान का खेल पलटने में सक्षम हैं. 

यह नंबर गेम भी है दिलचस्प

सबसे ज्यादा 18 उम्मीदवार जोतवाड़ा सीट पर खड़े हैं, जबकि राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ और पुष्कर सीट पर 17-17 उम्मीदवार हैं.
सबसे कम उम्मीदवार लालसोत सीट पर हैं, जहां महज 3 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हो रहा है.
2018 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों की संख्या 419 कम है.
पिछले चुनाव में 2,294 उम्मीदवार चुनाव में खड़े थे, जबकि इस बार 1,875 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.ॉ
51,507 पोलिंग स्टेशन में से 10,501 शहरी इलाकों में और बाकी को ग्रामीण इलाकों में बनाया गया है.
इस बार 26,393 पोलिंग स्टेशन पर लाइव वेबकास्टिंग की सुविधा दी गई है.
65,277 बैलेट यूनिट्स, 62,372 कंट्रोल यूनिट्स और 67,580 VVPAT मशीन वोटिंग के लिए दी गई हैं.

1 लाख से ज्यादा सुरक्षाकर्मी किए गए हैं तैनात

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए 1,02,290 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. इनमें 69,114 पुलिसकर्मी हैं, जबकि 32,876 होमगार्ड, फारेस्ट गार्ड व RAC के जवान हैं. केंद्रीय सुरक्षा बलों की भी 700 कंपनियां तैनात की गई हैं. 

2018 में कांग्रेस का पलड़ा रहा था भारी

साल 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 200 में से 99 सीट जीती थीं, जबकि भाजपा ने 73 सीट जीती थी. कांग्रेस ने बसपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी, जिसमें अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया था. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement