Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

India Bloc के वे नेता जो आसान बना रहे Modi की राह, कहीं बिखर न जाए विपक्षी एकता

ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अधीर रंजन चौधरी, उन नेताओं में शुमार हैं जिन्होंने विपक्षी एकता की चुनौतियां बढ़ा दी हैं.

Latest News
article-main

ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और अधीर रंजन चौधरी.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

INDIA Bloc Updates: नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के सबसे बड़े फैक्टर हैं. चेहरा एक है, उनके खिलाफ देशभर के विपक्षी गठबंधन (Opposition Alliance) लामबंद होने की कोशिशों में जुटे हैं. 

विपक्षी एकता के गठबंधन को नाम तो I.N.D.I.A मिला लेकिन यह अब तक का सबसे बिखरा गठबंधन बनता नजर आ रहा है. इंडिया गठबंधन के नेता एक-दूसरे के खिलाफ इतनी बयानबाजी कर रहे हैं कि अब इस गठबंधन का भविष्य अधर में लटका नजर आ रहा है.

आइए जानते हैं उन नेताओं के बारे में, जो हैं तो इंडिया ब्लॉक के लेकिन काम NDA का आसान बना रहे हैं. 

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)
ममता बनर्जी इंडिया ब्लॉक की बड़ी नेता हैं. अधीर रंजन चौधरी से उनका ऐसा 36 का आंकड़ा हुआ है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन भी खटाई में पड़ा है. ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को 2 सीटें भी देने के लिए तैयार नहीं हो रही हैं. कांग्रेस को यह अपमानजनक लग रहा है. ममता की वजह से भी गठबंधन बिखर रहा है.

अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury)
अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं. ममता बनर्जी उन्हें फूटे आंख नहीं सुहाती हैं. ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ वे जमकर बयानबाजी करते हैं. उनकी वजह से राहुल गांधी तक को सफाई देनी पड़ जाती है. उनके होते इंडिया ब्लॉक का आकार ले पाना टेढ़ी खीर है.

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 20 सीटें मांग रही है. अखिलेश यादव कांग्रेस को इतनी सीटें देने के लिए तैयार ही नहीं हैं. उन्हें पता है कि कांग्रेस राज्य में महज एक सीट पर सिमटी है. राहुल गांधी, कांग्रेस के गढ़ अमेठी तक को गंवा बैठे हैं.

इसे भी पढ़ें- क्यों मोदी सरकार चाहती है संसद में राम मंदिर पर बहस, क्या है रूल 193? जानिए BJP का मास्टर स्ट्रोक

सपा ने 11 सीटों का प्रस्ताव पहले दिया था अब कांग्रेस को उस पर ऐतराज है. अखिलेश यादव को मध्य प्रदेश में कांग्रेस का रवैया भूला नहीं है. ऐसे में अखिलेश यादव भी कांग्रेस के लिए चुनौती हैं.

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)
अरविंद केजरीवाल अपने स्टारडम को भुनाना जानते हैं. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की तूती बोल रही है. वे कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर समझौते के लिए भी तैयार नहीं है. 13 फरवरी को वे राजनीतिक मामलों की इमरजेंसी बैठक बुला रहे हैं. 

ऐसा हो सकता है कि दिल्ली, पंजाब, गोवा और हरियाणा के लिए वे एकला चलो की राह पर निकल पड़ें. दिल्ली ऑर्डिनेंस बिल पर किसी पार्टी ने AAP का साथ नहीं दिया था. केजरीवाल बाखूबी इस बात को याद रखते हैं ऐसे में वे गठबंधन के मूड में भी नजर नहीं आ रहे हैं.

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)
उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में लोकसभा उम्मीदवारों के नामों की तैयारी में जुट गए हैं. वे राज्य में महाविकास अघाड़ी गठबंधन के हिस्सा हैं लेकिन उनकी तैयारी लोकसभा चुनावों को लेकर शुरू हो गई है. कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी में बात नहीं बन पाई है.

दूसरी तरफ उनके बयान भी बीजेपी के लिए उतने कड़वे नहीं रह गए हैं. बिहार में नीतीश ने बीजेपी से हाथ मिला लिया है तो पुरानी सहयोगी शिवसेना भी यह प्रयोग कर ही सकती है.

क्यों ये नेता आसान बना रहे NDA की राह?
इंडिया ब्लॉक के नेताओं में तालमेल की कमी है. राजनीतिक पार्टियों के बीच कोई सहमति नहीं बन पा रही है. उधर बीजेपी अपने केंद्रीय मंत्रियों, सहयोगी दलों के नेताओं और दिग्गजों को राजनीतिक अखाड़े में उतारने के लिए तैयार कर रही है.

खुद ब्रांड मोदी के आगे सारे चेहरे फीके हैं. तड़का योगी आदित्यनाथ का भी है. मोदी, शाह, राजनाथ से लेकर योगी तक, बीजेपी के पास एक से बढ़कर एक मजबूत लोकप्रिय चेहरे हैं. राम मंदिर का उद्घाटन का असर हिंदी हार्ट लैंड पर पड़ना तय है.

इसे भी पढ़ें- Haldwani Violence: कौन है हल्द्वानी को सुलगा देने वाला अब्दुल मलिक, जिसकी उल्टी गिनती धामी सरकार ने की चालू

यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में रामलला का चुनावी लाभ बीजेपी उठाने की कोशिश जरूर करेगी. इंडिया ब्लॉक सड़क से लेकर संसद तक राम से दूरी बरत रहा है.

ऐसी स्थिति में इंडिया ब्लॉक के अपने नेता ही बिखरते नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि इस गठबंधन के लिए कोई गंभीर नहीं है बल्कि लोग अपनी-अपनी पार्टियों का वोट प्रतिशत बढ़ाने की फिराक में लग गए हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement