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Delhi Air Pollution: दिल्ली में दोबारा 999 पर प्रदूषण, नोएडा में भी 600 के पार, कृत्रिम बारिश से राहत की कोशिश में सरकार

Delhi Air Quality Today: दिल्ली में वायु प्रदूषण के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इसका असर पड़ोसी राज्यों पर भी दिखने लगा है. गुरुग्राम-फरीदाबाद में भी पेट्रोल-डीजल के BS-III व BS-IV वाहनों के चलने पर रोक लगा दी गई है. 

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Delhi Air Pollution का स्तर रोजाना तेजी से बढ़ रहा है.

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डीएनए हिंदी: Delhi Weather Updates- दिल्ली में सोमवार को स्मॉग (Smog) के हालात में हल्का सुधार दिखने के बाद फिर से स्थिति बेहद खराब हो गई है. राजधानी के अधिकतर इलाकों में बुधवार को भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) का स्तर 'गंभीर' कैटेगरी में बना रहा, लेकिन आनंद विहार इलाके की हवा भयानक जहरीली दर्ज की गई है. आनंद विहार इलाके में एक बार फिर AQI लेवल ने 999 का आंकड़ा छू लिया है, जिसमें सांस लेने का मतलब धीमी मौत के करीब पहुंचना है. दिल्ली के बदतर हालात का असर उससे सटे हुए इलाकों पर भी दिखने लगा है. नोएडा के सेक्टर-62 पर भी AQI लेवल 647 पर दर्ज किया गया है. ये आंकड़े वेदर एजेंसी aqicn.org ने जारी किए हैं. हालात में सुधार नहीं होता देख दिल्ली सरकार ने एक बार फिर राजधानी में कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) कराने की कोशिश शुरू कर दी है. इसके लिए राज्य सरकार की कानपुर IIT के वैज्ञानिकों के साथ लंबी बैठक हुई है. 

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वैज्ञानिकों ने बताई है कृत्रिम बारिश की पूरी प्रोसेस

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को मीडिया को बताया कि AAP सरकार ने वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने का विकल्प भी खुला रखा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने IIT-Kanpur के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक की है. इस बैठक में वैज्ञानिकों ने उन्हें विस्तार से बताया है कि क्लाउड सीडिंग के जरिये कृत्रिम बारिश कराना तभी संभव है, जब वातावरण में बादल या नमी मौजूद हों.

20 नवंबर से पहले नहीं दे पाएगी कृत्रिम बारिश भी राहत

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, गोपाल राय ने बताया कि एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है कि कृत्रिम बारिश के लायक हालात 20-21 नवंबर के आसपास ही बना पाएंगे. हमें उन्हें कृत्रिम बारिश कराने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करके गुरुवार को सरकार को सौंपने का निर्देश दिया है. यह प्रस्ताव हम सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे. राय की इस बात का मतलब है कि कृत्रिम बारिश के जरिये राहत भी 20 नवंबर से पहले नहीं मिल पाएगी. राय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि क्लाउड सीडिंग टेक्नोलॉजी के लिए राज्य और केंद्र सरकारों से आवश्यक क्लियरेंस और परमिशंस हासिल करना एक टाइम-सेंसेटिव मैटर है.

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सितंबर में दिया था IIT कानपुर ने कृत्रिम बारिश पर प्रेजेंटेशन

IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बारिश कराने में सफलता हासिल करने का दावा किया है. उन्होंने 12 सितंबर को इसे लेकर मंत्रालय के सामने एक प्रजेंटेशन भी दी थी. इसके बावजूद दिल्ली जैसे बड़े शहर में कृत्रिम बारिश कराने का उनके पास भी कोई अनुभव नहीं है. ऐसे में यह कोशिश कितनी सफल रहेगी, यह बात इस कोशिश के बाद ही पता चल सकती है. 

फरीदाबाद-गुरुग्राम में भी लागू हुआ डीजल-पेट्रोल वाहनों पर बैन

लगातार खराब हो रहे प्रदूषण के स्तर को देखते हुए हरियाणा ने भी दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद में वाहनों पर बैन लागू कर दिया है. हरियाणा के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने मंगलवार को इन दोनों शहरों में BS-III पेट्रोल इंजन वाले व BS-IV डीजल इंजन वाले चौपहिया वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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