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Delhi Schools Winter Vacation: प्रदूषण ने रोक दी दिल्ली की सांस, स्कूलों में हो गया सर्दियों की छुट्टी की ऐलान

Delhi Pollution Update: राजधानी दिल्ली में जारी प्रदूषण के चलते स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियां पहले कर दी गई हैं.

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डीएनए हिंदी: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण, धुएं से भरी हवा और खतरनाक AQI लेवल के बीच स्कूलों को बंद किया गया है. अब दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियों का ऐलान कर दिया है. नए आदेश के मुताबिक, दिल्ली में स्कूल 9 से 18 नवंबर तक बंद रहेंगी. इस तरह इस बार दिल्ली के स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियां पहले ही आ गई हैं. दिल्ली में AQI का लेवल अभी भी 450 के ऊपर है और GRAP-IV से जुड़े प्रतिबंध लागू हैं. दिल्ली सरकार और अन्य एजेंसियों की ओर से भी प्रयास किए जा रहे हैं ताकि दिल्ली की हवा में सुधार लाया जा सके और लोगों को इससे राहत मिले.

शिक्षा विभाग के निदेशक हिमांशु गुप्ता की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, 'दिल्ली में खराब हवा के चलते GRAP-IV के नियम लागू हैं और मौसम विभाग का अनुमान है कि अभी इससे राहत नहीं मिलने वाली है. ऐसे में 2023-24 के लिए स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियां पहले की जा रही हैं. इस दौरान स्कूल पूरी तरह से बंद रहेंगे ताकि स्टूडेंट्स और टीचर्स अपने पर पर रहें.'

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20 नवंबर को खुलेंगे स्कूल
सभी स्कूलों को 9 नवंबर से 18 नवंबर तक बंद रखा जाएगा. 19 तारीख को रविवार है, ऐसे में अगर छुट्टियां बढ़ाई नहीं जाती हैं तो स्कूल 20 नवंबर को खुलेंगे. सभी स्कूलों के हेडमास्टर को कहा गया है कि वे पैरेंट्स को इसकी सूचना दे दें. बता दें कि दिल्ली की हवा खराब होने के बाद से पहले प्राइमरी स्कूलों को बंद किया गया था और बाद में बाकी की कक्षाओं को भी बंद कर दिया गया. पहले ऑनलाइन क्लास का विकल्प दिया गया था लेकिन अब स्कूलों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.

लगातार खराब हो रही है दिल्ली की हवा
बता दें कि दिल्ली में मंगलवार शाम 4 बजे तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 421 दर्ज किया गया जो पहले 395 था. प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आने के बावजूद पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना अधिक रही. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित स्वस्थ सीमा (15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से 30 से 40 गुना अधिक है.

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दिल्ली के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के आंकड़ों के अनुसार, पड़ोसी राज्य विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से निकले धुएं की मंगलवार को दिल्ली में बिगड़ी वायु गुणवत्ता में 37 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही जबकि बुधवार को इसके 33 फीसदी होने की संभावना है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, क्षेत्र में पांच से छह दिन और वायु गुणवत्ता गंभीर रहने की आशंका है.

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