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सांसद जो हार गए हैं विधायकी क्या चली जाएगी उनकी सदस्यता?

4 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने अपने सांसदों को भी उतार दिया था. सांसद बने रहना है या विधानसभा जाना है, इसके लिए पार्टी के पास कुल 14 दिन का समय है.

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बीजेपी सांसद बंदी संजय कुमार.

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डीएनए हिंदी: 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आ गए हैं. बीजेपी 3 राज्यों में सरकार बना रही है. इस चुनाव को 2024 का लिटमस टेस्ट कहा जा रहा था. चुनाव ने साबित कर दिया कि मोदी मैजिक अभी बरकरार है. बीजेपी के लिए यह चुनाव इतना अहम था कि इसके लिए कई सियासी दिग्गजों को चुनावी समर में उतार दिया था. बीजेपी के कई सांसद भी चुनावी मैदान में उतरे थे. अब बीजेपी पर सबसे बड़ा दबाव यह है कि इन जीते हुए सांसदों को 14 दिनों के भीतर यह फैसला लेना होगा कि वे लोकसभा और राज्यसभा में रहेंगे या विधानसभा जाएंगे.

अगर कोई फैसला वे नहीं लेते हैं तो उनकी संसद सदस्यता 14 दिनों में रद्द हो जाएगी. सांसदों के लिए ये बेहद मुश्किल घड़ी है. वे राज्य में अपनी भूमिका से संतुष्ट होते हैं या केंद्र में अपनी आवाज बुलंद करते हैं. जिन सांसदों की हार हुई है, वे संसद सदस्य बने रह सकते हैं.

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कहां से लड़े थे कितने सांसद?
बीजेपी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में 7 सांसद उतार दिए थे. छत्तीसगढ़ में 4, तेलंगाना में 3 सांसद उतरे थे. इन राज्यों में उतरे ज्यादातर सांसद जीत गए हैं. अब इनके पास संसद या विधानसभा चुनने के लिए सिर्फ 14 दिन हैं. इतने दिनों के भीतर इन्हें कोई फैसला लेना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो वे अपनी सदस्यता गंवा देंगे.

किन सांसदों को मिली है हार
एमपी में फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह हार गए हैं. राजस्थान मे भागीरथ चौधरी, नरेंद्र खीचड़ देवजी पटेल हार गए हैं. छत्तीसगढ़ में विजय बघेल हार गए हैं. तेलंगाना में बीजेपी के बंदी कुमार संजय हार गए हैं. धर्मपुरी अरविंद हार गए हैं. सोयम बाबू हार गए हैं.

क्यों होगा ऐसा?
संविधान का अनुच्छेद 101 के तहत एक साथ दो सदनों की सदस्यता का प्रतिषेध नियम, यह बाध्य करता है कि ऐसी स्थिति में अगर 14 दिन के भीतर कोई फैसला नहीं लेते हैं तो उनकी संसद सदस्यता चली जाती है. उनकी राज्य विधानसभा के भीतर सदस्यता बनी रहेगी.

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कौन-कौन से सांसदों को लेना होगा फैसला?
बीजेपी ने चुनाव समर में केंद्रीय मंत्रियों तक को उतार दिया था. एमपी में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह समेत 7 लोग उतरे थे. राजस्थान में दिया कुमारी, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई दिग्गज उतरे हैं. छत्तीसगढ़ में 4, तेलंगाना में 3 सांसदों को अब यह फैसला लेना होगा कि वे विधानसभा जाते हैं या लोकसभा की राह पकड़ते हैं. फैसला लेने की समयावधि महज 14 दिन है.

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