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DNA TV Show: चरण सिंह से नरसिम्हा राव तक, 4 शख्सियत बनीं Bharat Ratna, आज तक 53 ही लोगों को क्यों मिला है सर्वोच्च सम्मान?

DNA TV Show: देश की चार महान शख्सियतों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. यह सर्वोच्च सम्मान महज एक मेडल नहीं है बल्कि इसकी अहमियत कहीं ज्यादा है. भारत रत्न की हर जानकारी का डीएनए पेश कर रही है ये रिपोर्ट.

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DNA TV Show: राष्ट्रपति भवन में हुए एक भव्य कार्यक्रम में शनिवार को 4 महान शख्सियतों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया. इन सभी विभूतियों के परिवार के लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिन्होंने इस सम्मान को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ग्रहण किया. भारत रत्न सम्मान मात्र एक मेडल या सर्टिफिकेट नहीं है. ये एक ऐसा सम्मान है, जो हर किसी की किस्मत में नहीं होता है. इसकी अहमियत क्या है, ये इस बात से आपको पता चलेगा कि आजादी से बाद से अब तक मात्र 53 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. भारत रत्न सम्मान जिन लोगों को मिलता है, उनकी शख्सियत एक आम नागरिक से विशेष नागरिक में कैसे बदल जाती है, आज हम आपको ये बताने वाले हैं. साथ ही आपको बताएंगे कि भारत रत्न सम्मान से एक भारतीय नागरिक को क्या-क्या मिलता है.

शनिवार को इन्हें मिला है मरणोपरांत भारत रत्न

इस बार केंद्र सरकार ने 5 लोगों को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया था. इनमें से 4 महान विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. इन चारों को ही शनिवार को इस सम्मान से नवाजा गया है. देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जाना था, लेकिन आज उनकी तबियत खराब थी तो वो नहीं आ पाए. इसलिए 31 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, लालकृष्ण आडवाणी के घर जाकर उन्हें ये सम्मान देंगी. उस मौके पर उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा होंगे. आज मरणोपरांत सम्मानित किए गए नेताओं में निम्न नाम शामिल हैं-

  1. देश के पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह.
  2. हरित क्रांति के जनक और कृषि क्षेत्र के महान वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन.
  3. बिहार के महान क्रांतिकारी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर. 
  4. देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव.

इन्होंने लिया अपने बुजुर्ग की जगह सम्मान

जिन शख्सियतों को आज राष्ट्रपति भवन में भारत रत्न सम्मान दिया गया है, उनके परिवार के सदस्यों ने ये ग्रहण किया है. स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के लिए उनके पोते जयंत चौधरी ने भारत रत्न सम्मान ग्रहण किया. इसी तरह से कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने सम्मान लिया. पीवी नरसिम्हा राव के परिवार से उनके बेटे पीवी प्रभाकर राव ने भारत रत्न सम्मान ग्रहण किया और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने राष्ट्रपति से ये सम्मान ग्रहण किया.

विवादों में घेरने की कोशिश की गई सर्वोच्च सम्मान को भी

इस बार जिन लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है, उसको लेकर राजनीति भी खूब हुई. दरअसल इस बार कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. जब इनके नाम का ऐलान हुआ था, तब ये माना गया कि बीजेपी बिहार में अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है, इसलिए कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बारे में सोचा है. इसी तरह से जब कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को सम्मानित करने का ऐलान हुआ तो ये माना गया कि किसानों को साधने के लिए ही हरित क्रांति के इस जनक को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया गया है. यही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भी जब भारत रत्न दिए जाने का ऐलान हुआ तो किसान और जाट वोटबैंक को साधने का आरोप लगा.

  • वर्ष 2014 में बीजेपी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद अब तक कई लोगों को भारत रत्न सम्मान से नवाजा है. इनमें स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन मालवीय, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, गायक भूपेन हज़ारिका और समाज सेवी नानाजी देशमुख को ये सम्मान दिया जा चुका है.
  • अब वर्ष 2024 में भी मोदी सरकार ने 5 हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया. इस तरह से देश में अब तक कुल 53 नागरिकों को, देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है.

सम्मान की सबसे ऊंची पायदान है भारत रत्न

देश में नागरिकों और अपने क्षेत्र में महान कार्य करने वालों लोगों को अलग-अलग तरह के शासकीय सम्मान दिए जाते हैं. पद्मश्री, पद्मविभूषण जैसे तमाम सम्मान देकर, देश के नागरिकों को अच्छा काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है. इन सम्मान की लिस्ट में सबसे ऊंचा पायदान भारत रत्न का है. इसलिए भारत रत्न सम्मान को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान माना जाता है.

  • भारत रत्न देश के उन नागरिकों को दिया जाता है, जो कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवाओं और खेल में अपना योगदान देकर लोगों को प्रेरित करते हैं.
  • भारत रत्न दिए जाने की शुरुआत 2 जनवरी वर्ष 1954 से हुई थी. उस वक्त देश के राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद थे.
  • वर्ष 1954 में सबसे पहले भारत रत्न कांग्रेस नेता और स्वतंत्र भारत के दूसरे गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक सीवी रमन को दिया गया था.
  • भारत रत्न पहले किसी शख्सियत के जीवित रहते ही दिया जाता था, लेकिन वर्ष 1966 में संशोधन किए गए, जिसमें मरणोपरांत भी भारत रत्न दिए जाने की पहल शुरू हो गई.
  • प्रक्रिया के मुताबिक देश का प्रधानमंत्री भारत रत्न के लिए किसी नागरिक के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति से करते हैं.
  • जिस शख्स को भारत रत्न दिया जाता है, उन्हें एक मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाता है.
  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को मिले सर्टिफिकेट पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते हैं.
  • भारत रत्न सम्मान के साथ धनराशि मिलने का भी मिथक है, लेकिन ऐसा नहीं है. भारत रत्न सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है.
  • वर्ष 2020 से 2023 के बीच किसी को भी 'भारत रत्न' पुरस्कार नहीं दिया गया है.
  • क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सबसे कम उम्र में भारत रत्न से सम्मानित होने वाले शख्स हैं. 
  • भारत रत्न पाने वाली 53 शख्सियतों में सचिन तेंदुलकर इकलौते खिलाड़ी भी हैं.

ऐसा होता है भारत रत्न का मेडल

भारत रत्न का मेडल तांबे का बना होता है, जो पीपल के पत्ते के डिजाइन का होता है. इस पर प्लैटिनम धातु से बना हुआ चमकता सूर्य होता है. पीपल के पत्ते के किनारों पर भी प्लैटिनम होता है. मेडल के नीचे एक तरफ चांदी से हिंदी भाषा में भारत रत्न लिखा होता है. इसके पीछे की तरफ अशोक स्तंभ होता है. जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा होता है.

धनराशि नहीं मिलती तो भारत रत्न मिलने से क्या लाभ?

कई लोगों के दिमाग में ये बात आती होगी कि भारत रत्न जिन्हें दिया जाता है, उन्हें यदि कोई धनराशि नहीं मिलती तो इस सम्मान से क्या लाभ मिलता है. देखा जाए तो देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान हासिल करना, अपने आप में बहुत बड़ी बात है. ये सबके लिए नहीं होता है. देश में उन्हीं को ये सम्मान मिलता है, जिन्हें देश में उनकी काबिलियत या सेवा से पहचान मिली हो. भारत रत्न सम्मान में पैसा नहीं मिलता है, लेकिन भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति जहां भी रहता है, वो राज्य अतिथि के तौर पर माना जाता है.

  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति देश का महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है.
  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को राज्य अतिथि का दर्जा मिलता है.
  • वो जहां भी रहता है, उसे वहां राज्य की ओर से परिवहन और ठहरने की सुविधाएं दी जाती है.
  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को भारत सरकार की ओर से महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का न्योता मिलता है.
  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को Order Of Precedence in India में जगह मिलती है.
  • Order Of Precedence In India देश के महत्वपूर्ण व्यक्तियों का वरीयता क्रम है.
  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को इस वरीयता क्रम में 7वें नंबर पर शामिल किया जाता है. 
  • इस कॉलम में कैबिनेट मंत्री, NSA, पूर्व प्रधानमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को शामिल किया गया है. 
  • इस कॉलम के 7A में 'भारत रत्न' से सम्मानित व्यक्ति होते हैं.

इससे आप समझ सकते हैं कि जब किसी नागरिक को भारत रत्न मिलता है, तो उसे भारत सरकार देश का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति मानती है. वरीयता क्रम में शामिल होने के बाद से उसी के हिसाब से सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन अब सवाल ये है कि जब किसी व्यक्ति को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान मिलता है, तो उसका क्या लाभ मिलता है?

  • मरणोपरांत जब किसी व्यक्ति को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है, तो उनके परिवार के सदस्य ये सम्मान ग्रहण करते हैं.
  • मरणोपरांत भारत रत्न मिलने पर उस व्यक्ति के पति या पत्नी और बच्चों को राज्य अतिथि वाली सुविधाएं मिलती हैं. हालांकि इस विषय में कोई लिखित निर्देश नहीं हैं.

दिखावा नहीं कर सकते भारत रत्न होने का

'भारत रत्न' एक ऐसा सम्मान है, जिसका दिखावा करना भी उस सम्मान का अपमान माना जाता है. जिस भी व्यक्ति को भारत रत्न मिलता है, वो अपने नाम के साथ 'भारत रत्न' नहीं लिख सकता है. लेकिन भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति अपने बायोडेटा या लेटरहेड पर 'भारत रत्न प्राप्तकर्ता' या 'राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित' लिख सकते हैं.

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