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'दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण धर्मगुरु क्यों आए,' स्वामी प्रसाद मौर्य ने सेंगोल स्थापना पर उठाए सवाल

स्वामी प्रसाद मौर्य ने दक्षिण भारतीय पुजारियों के संगोल स्थापना समारोह में मौजूदगी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि उत्तर भारत के लोगों को क्यों नहीं बुलाया गया.

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समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य.

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डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह रास नहीं आया है. उन्हें कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों का वैदिक मंत्रोच्चारण पसंद नहीं आया है. उन्होंने पुजारियों को दक्षिण का कट्टरपंथी ब्राह्मण भी बता दिया है. उन्होंने इस अवसर को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.

समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सेंगोल की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर ब्राह्मण परंपरा अपनाने का आरोप भी लगाया है.

'दक्षिणपंथी ब्राह्मण गुरुओं का आना दुर्भाग्यपूर्ण'

उन्होंने कहा, 'सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार का अगर पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा बौद्ध धर्माचार्य, जैन आचार्य, गुरु ग्रंथी साहब, मुस्लिम धर्मगुरु, पादरी आदि सभी को आमंत्रित किया जाना चाहिए था.'

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'BJP ब्राह्मणवाद को कर रही है स्थापित'

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, 'ऐसा न करके बीजेपी ने अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है. BJP सरकार सेंगोल राजदंड की स्थापना कर न सिर्फ राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है बल्कि दक्षिण के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है.'

होम, अनुष्ठान और पूजा पर स्वामी प्रसाद ने उठाए सवाल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह नए संसद भवन का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्’ अनुष्ठान किया.स्वामी प्रसाद मौर्य को यह पसंद नहीं आया है.

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कहां रखा गया है सेंगुल?

प्रधानमंत्री मोदी ने सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया. इसके बाद ‘नादस्वरम्’ की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नये संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान पर स्थापित किया. (इनपुट: भाषा)

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