Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

देश का कलंक, राष्ट्रपति का अपमान और ताबूत, नए संसद भवन के उद्घाटन पर क्या बोलीं विपक्षी पार्टियां?

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से विपक्षी पार्टियों ने दूरी बनाई है. आरजेडी की तरफ से सबसे तल्ख बयान सामने आया है. आरजेडी ने नए संसद भवन की तुलना ताबूत से कर दी है. पढ़ें प्रमुख विरोधी दलों ने क्या-क्या कहा है.

article-main

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (तस्वीर-PTI)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: देश को नया संसद भवन मिल गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया है. प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम विपक्षी दलों को रास नहीं आया है. उन्होंने पहले ही समारोह में शामिल न होने का फैसला किया था, अब उनकी तरफ से कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कुछ लोगों ने नई संसद को ताबूत कहा, किसी ने इसे राष्ट्रपति का अपमान बताया तो किसी ने कलंक. 

विपक्षी दलों को नए संसद भवन पर ऐतराज है. उनकी मांग थी कि उद्घाटन राष्ट्रपति करें, क्योंकि देश का सर्वोच्च पद, उन्हीं का है. प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा न करके, आदिवासी और महिलाओं का अपमान किया है. 

आरजेडी ने नई संसद को बताया ताबूत

राष्ट्रीय जनता दल की ओर से नए ससंद भवन पर सबसे तल्ख प्रतिकिया सामने आई है. नई संसद की तुलना आरजेडी ने ताबूत से की है. ताबूत और संसद भवन की तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि यह क्या है. 

इसे भी पढ़ें- संसद नई, पंरपराएं पुरानी, कैसे देश को मिला लोकतंत्र का नया मंदिर? तस्वीरों में देखें

JDU ने नई संसद को बताया देश का कलंक

नई संसद को नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू ने देश का कलंक बताया है. जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, 'नए संसद का उद्घाटन तानाशाही और देश में मोदी इतिहास लागू किया जा रहा है. नए संसद के जरिए देश के कलंक का इतिहास लिखा जा रहा है.'

सेंगोल पर जो शशि थरूर वह कांग्रेस को नहीं आएगा पसंद 

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सेंगोल पर कहा, 'मेरा अपना विचार है कि दोनों पक्षों की दलीलें अपनी-अपनी जगह सही हैं. सरकार का तर्क सही है कि राजदंड पवित्र संप्रभुता तथा धर्म के शासन को मूर्त रूप देकर परंपरा की निरंतरता को दर्शाता है. विपक्ष का तर्क सही है कि संविधान को लोगों के नाम पर अपनाया गया था और यह संप्रभुता भारत के लोगों में, संसद में उनके प्रतिनिधित्व के रूप में मौजूद है और यह दैवीय अधिकार के तहत सौंपा गया किसी राजा का विशेषाधिकार नहीं है.'

क्या है राहुल गांधी का रिएक्शन?

राहुल गांधी ने ने कहा, 'संसद लोगों की आवाज़ है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं.'

कांग्रेस ने बताया राष्ट्रपति का अपमान

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि नए संसद भवन में राष्ट्रपति का न बुलाना, उनका अपमान है. यह हक उन्हीं का है. बीजेपी ने आदिवासी और महिला का अपमान किया है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी राष्ट्रपति को अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने नहीं दिया जा रहा है. उन्हें 2023 में नए संसद भवन के उद्घाटन की इजाजत नहीं दी गई. प्रधानमंत्री को संसदीय प्रक्रियाओं से नफरत है जो संसद में कम ही उपस्थित रहते हैं और कम कार्यवाहियों में भाग लेते हैं. वह प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं.'


इसे भी पढ़ें- RJD ने ताबूत से कर डाली नई संसद की तुलना, बीजेपी बोली- देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए

क्या है NCP का रिएक्शन?

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले ने कहा, 'बिना विपक्ष की उपस्थिति के नए संसद भवन का उद्घाटन संपन्न नहीं हो सकता, इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र नहीं है. ये एक अधूरा कार्यक्रम है. 3 दिन पहले हमें व्हाट्सएप पर निमंत्रण भेजा गया. वे फोन पर विपक्ष के नेताओं से संपर्क कर सकते थे. पुराने संसद भवन से हमारी यादें जुड़ी हुई हैं. हम सभी पुराने संसद भवन से प्यार करते हैं, वह भारत की आजादी का वास्तविक इतिहास है. अब हमें नए संसद भवन में जाना होगा.'

शरद पवार ने भी आयोजन पर उठाए सवाल

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी उद्घाटन पर कहा है कि उन्हें खुशी है वह वहा नहीं गए. यह आयोजन सीमित लोगों के लिए था.
 

क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी?

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'RJD का कोई स्टैंड ही नहीं है. ताबूत क्यों कह रहे हैं वे, कोई और मिसाल भी दे सकते थे. इसमें भी कोई एंगल लाते हैं. कभी सेक्युलर बोलते हैं कभी BJP से निकले हुए नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री बना लेते हैं.'

स्वामी प्रसाद मौर्य को दक्षिण धर्मगुरुओं के शामिल होने पर ऐतराज

समाजवादी पार्टी के नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ''सेंगोल की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. BJP के नेतृत्व वाली सरकार का अगर पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा- बौद्ध धर्माचार्य, जैन आचार्य, गुरु ग्रंथी साहब, मौलवी, पादरी आदि सभी को आमंत्रित किया जाना चाहिए था. ऐसा न कर बीजेपी ने अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है. भाजपा सरकार सेंगोल राजदंड की स्थापना कर न सिर्फ राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है बल्कि दक्षिण के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है.

RJD के ट्वीट पर क्या है बीजेपी का रिएक्शन?

आरजेडी के ट्वीट पर बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि उसी ताबूत में जनता इन्हें समाप्त कर देगी. उन्होंने कहा, 'जनता 2024 और 2025 में उसी ताबूत में बंद कर के राष्ट्रीय जनता दल को समाप्त कर देगी.'

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement