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Malegaon Bomb Blast Case में नया मोड़, सु्प्रीम कोर्ट ने इस आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने पर लगाई रोक

Malegaon Bomb Blast Case: महाराष्ट्र के नासिक जिले में साल 2008 में बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी. कांग्रेस नेतृत्व वाली तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसे हिंदू आतंकवाद बताया था.

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Malegaon Bomb Blast Case में नया मोड़, सु्प्रीम कोर्ट ने इस आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने पर लगाई रोक

Supreme Court

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Malegaon Bomb Blast Case: सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों की गहमागहमी के बीच चर्चित मालेगांव बम ब्लास्ट केस में एक बड़ा फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के एक आरोपी समीर कुलकर्णी के खिलाफ मुकदमा चलाने पर रोक लगा दी है. इस ब्लास्ट केस में भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. साल 2008 में हुए ब्लास्ट के बाद कांग्रेस नेतृत्व वाली तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसे 'हिंदू आतंकवाद' बताया था. इस मामले में अभी तक सुनवाई चल रही है.

क्या था पूरा मामला

महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को ब्लास्ट हुआ था. इस बम धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी और बहुत सारे लोग जख्मी हुए थे. इस मामले की जांच महाराष्ट्र ATS ने की थी, जिसने 12 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें साध्वी प्रज्ञा और मेजर रमेश उपाध्याय शामिल थे. इसके बाद यह केस NIA को सौंप दिया गया था. NIA ने भी दो लोगों को गिरफ्तार किया था.

7 आरोपी किए जा चुके हैं बरी

इस मामले में NIA ने 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिनमें से 7 लोगों को कोर्ट ने साल 2017 में निर्दोष मानते हुए रिहा कर दिया था. बाकी 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. इन लोगों में साध्वी प्रज्ञा सिंह, मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी उर्फ शंकराचार्य और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं. 

समीर ने दाखिल की थी पिछले साल याचिका

पिछले साल समीर कुलकर्णी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट में 5 सितंबर 2023 को दाखिल याचिका में समीर ने अपने खिलाफ गलत तरीके से UAPA लगाने का दावा किया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया था. इसके बाद मंगलवार (30 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की, जिसमें समीर कुलकर्णी के वकील हरिशंकर जैन ने बहस की. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए समीर कुलकर्णी के खिलाफ मामला चलाने पर रोक लगा दी है.

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