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UP में Rajya Sabha की 10 सीट और उम्मीदवार 11, कैसे संजय सेठ बिगाड़ेंगे सपा का गणित?

UP Rajya Sabha Elections: यूपी की 10 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में बीजेपी ने अपना 8वां उम्मीदवार उतारकर इसे बेहद रोचक बना दिया है.

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UP में Rajya Sabha की 10 सीट और उम्मीदवार 11, कैसे संजय सेठ बिगाड़ेंगे सपा का गणित?

Sanjay Seth Files Nomination

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उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं. विधायकों की संख्या के आधार पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सात और समाजवादी पार्टी ने तीन उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. अचानक बीजेपी ने आठवां उम्मीदवार उतारकर इन चुनावों को रोचक बना दिया है. बीजेपी के आठवें प्रत्याशी के तौर पर संजय सेठ ने अपना नामांकन भरा है. संजय सेठ वही नेता हैं जो कुछ साल पहले तक अखिलेश यादव के बेहद करीबी और समाजवादी पार्टी (एसपी) के कोषाध्यक्ष हुआ करते थे. संजय सेठ की पकड़ को देखते हुए अब सपा भी टेंशन में आ गई है. अगर वोटिंग की नौबत आती है तो सपा का गणित बिगड़ सकता है.

यूपी कोटे की 10 राज्यसभा सीटों के लिए पहले 10 उम्मीदवार ही थे, ऐसे में वोटिंग की जरूरत नहीं थी. अचानक बीजेपी की ओर से संजय सेठ को उम्मीदवार बनाए जाने से अब वोटिंग की जरूरत है. अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो, बीजेपी को आठवें प्रत्याशी को जिताने के लिए आठ अतिरिक्त विधायकों के वोट की ज़रूरत पड़ेगी. आरएलडी विधायकों को मिलाकर एनडीए के पास 288 वोटों का आंकड़ा है.

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क्या है वोटों का गणित?
वहीं, सपा को अपने तीसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए एक अतिरिक्त विधायक के वोट की ज़रूरत है लेकिन सपा के दो विधायक जेल में कैद हैं. वहीं, पल्लवी पटेल बागी रुख अपना चुकी हैं. सपा-कांग्रेस को मिलाकर 110 विधायक हैं. ऐसे में सपा को चार अतिरिक्त वोट की जरूरत पड़ेगी. एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए प्रत्याशी को 37 विधायकों के वोट की ज़रूरत है. एनडीए के पास 279 सीटें हैं, आरएलडी के 9 मिलाकर कुल आंकड़ा 288 का बनता है. 

सपा और कांग्रेस को मिलाकर 110 और बहुजन समाजवादी पार्टी के पास एक विधायक है. चार सीटें ऐसी हैं, जिन पर कोई विधायक नहीं है यानी वो सीटें खाली हैं. ऐसे में बीजेपी को आठवीं सीट के लिए आठ अतिरिक्त विधायकों के समर्थन की जरूरत है, जिसको लेकर क्रॉस वोटिंग होने के ज्यादा आसार हैं. संजय सेठ सपा का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ आए. इस स्थिति में सपा के कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर अपनी ही पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं.

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संजय सेठ कर देंगे खेला?
दिलचस्प बात यह है कि संजय सेठ पहले सपा में थे. सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा था लेकिन वह बीजेपी में शामिल हो गए और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. अगर यूपी विधानसभा के मौजूदा आंकड़ों को देखें तो 403 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं. बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 और निषाद पार्टी के छह सदस्य हैं. रालोद के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक सदस्य है.

राज्यसभा में नामांकन दाखिल करने के लिए गुरुवार को अंतिम दिन रहा. मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे.

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