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जब तमिल में बोलने लगे PM Modi, Lok Sabha Elections पर छाया AI का जादू

Lok Sabha Elections 2024 के प्रचार के लिए सभी पॉलिटिकल पार्टियों की ओर से AI का इस्तेमाल जोर-शोर से किया जा रहा है. PM Modi जहां एक ही समय में 8 भाषाओं में भाषण दे रहे हैं, वहीं डीएमके ने अपने दिवंगत नेता एम करुणानिधि को ही वोट मांगने के लिए लगा दिया है.

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जब तमिल में बोलने लगे PM Modi, Lok Sabha Elections पर छाया AI का जादू

AI in Elections 

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18वें लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए पहला मतदान 19 अप्रैल होगा. इस चुनाव में सड़कों पर पॉलिटिकल पार्टियों की हलचल भले ही कम दिखाई दे रही हो, लेकिन अगर आप सोशल मीडिया पर देखें या अपने दाएं-बाएं नजर डालें तो पाएंगे कि हर जगह आर्टिफिशियल इंटेलीजेस (AI) से क्रिएट किए हुए संदेश भरे पड़े हैं. AI न केवल नेताओं की स्पीच को तुरंत ट्रांसलेट कर रहा है..डिजिटल एंकर बना रहा है. इतना ही नहीं काफी पहले मर चुके नेताओं के वीडियो भी बना रहा है. 

दो महीने पहले महिलाओं के साथ गरबा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी का एक वीडियो वायरल हो रहा था. उसके ठीक बाद पीएम ने एक कार्यक्रम में खुद कहा कि सावधान हो जाइए इस चुनाव में AI आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल तेजी से बढ़ेगा.

पीएम मोदी की भविष्यवाणी सही साबित हो रही है, हो भी क्यों न उनकी टीम जोर-शोर से टेक्नोलॉजी और एआई का इस्तेमाल कर रही है. चाहे वो भाषण का ट्रांसलेशन हो या फिर वीडियो. तभी तो पीएम मोदी का भाषण एक समय में आठ भाषाओं में उपलब्ध होता है.  भारतीय जनता पार्टी ने यूट्यूब चैनल बनाए हैं जो एक ही समय में बंगाली, तमिल, उड़िया, मलयालम सहित कई भाषाओं में उनका अनुवादित भाषण चला रहा है.

पीएम मोदी ने सबसे पहले अपने भाषण में AI टूल भाषिणी का इस्तेमाल वाराणसी के एक कार्यक्रम के दौरान 2023 में किया था. उनके भाषण को तमिल में लोग AI टूल की मदद से सुन रहे थे. पीएम ने तभी घोषणा की थी कि मैं इसका आगे भी प्रयोग करूंगा. 

पीएम मोदी चुनाव प्रचार में भाषण से पहले सोशल मीडिया X पर जाकर एआई से ट्रांसलेट हुए उनके भाषण को सुनने के लिए कह रहे हैं. 


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जब दिवंगत करुणानिधि हो गए जिंदा

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का इस्तेमाल दक्षिण भारत की पार्टियां भी जम कर रही हैं. डीएमके ने तो यहां तक किया है कि उन्होंने अपने सबसे चर्चित नेता करुणानिधि तक को जीवित कर दिया है और वो वोट मांगते हुए दिखाई दे रहे हैं. 

इसी साल फरवरी में लोग तब चौंक गए जब डीएमके ने अपने चुनाव प्रचार की स्ट्रैटेजी के तहत पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि का एक वीडियो किया. 

पिछले दिनों एक चुनाव प्रचार के दौरान भी अपने पारंपरिक काले चश्मे, सफेद शर्ट और पीली चद्दर कंधे पर रखे करुणानिधि का एक वीडियो वायरल हुआ. डीएमके के चुनाव प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि, जिनकी 2018 में मौत हो चुकी है, पार्टी के लिए समर्थन मांगते हुए देखा जा रहा है. 

वहीं पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया भी अपने संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए AI से बनी एक एंकर समता का इस्तेमाल कर रही है.

मीडिया के जानकारों का कहना है कि जिस तरह से 2014 के चुनाव में सोशल मीडिया ने चुनाव में अहम रोल निभाया था ठीक वैसे ही इस चुनाव में AI अहम रोल निभाने जा रही है.


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18वीं लोकसभा चुनाव से पहले पीएम ने एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में अपनी सरकार के 100 दिन के रोडमैप पर चर्चा करते हुए कहा कि "उन्होंने अगले 25 वर्षों के लिए भारत की रणनीति तैयार करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली है."

प्रधानमंत्री ने खुलासा किया कि पिछले दो वर्षों से महत्वाकांक्षी 2047 विकसित भारत परियोजना पर काम चल रहा है और उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी की जीत के बाद पहले 100 दिनों के लिए लक्ष्य भी निर्धारित कर लिया है. 

हालांकि, डीपफेक वीडियो को लेकर माइक्रोसॉफ्ट ने पहले ही चेतावनी दी है कि चीन लोकसभा चुनाव में वीडियो के जरिए गड़बड़िया पैदा कर सकता है.

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