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वसुंधरा ने साधी है राजस्थान की 'धरा', राजे को महारानी मानने पर मजबूर BJP, जानिए वजह

राजस्थान में बीजेपी के पास सबसे बड़ा चेहरा, वसुंधरा राजे ही हैं. पार्टी किसी का नाम तक आगे कर पा रही है. क्यों इतनी मजबूत हैं वसुंधरा, आइए जानते हैं.

वसुंधरा ने साधी है राजस्थान की 'धरा', राजे को महारानी मानने पर मजबूर BJP, जानिए वजह

वसुंधरा राजे.

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डीएनए हिंदी: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब तक मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं किया है. वसुंधरा राजे ने राजस्थान की 'धरा' (जमीन) ऐसे साधी है बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व चुनाव से पहले चाहते हुए नए चेहरे का ऐलान नहीं कर पा रही है. 25 नवंबर को चुनाव होने वाले हैं लेकिन वसुंधरा राजे के समानांतर किसी नेता को खड़ा नहीं किया गया है. कांग्रेस इस चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरोसे है. बीजेपी ने किसी भी ऐसे चेहरे के नाम का ऐलान नहीं किया है जो सीएम फेस हो. बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रांड पर भरोसा कर रही है.

बीजेपी ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए भले ही आधिकारिक तौर पर कोई चेहरा घोषित नहीं किया है, लेकिन वसुंधरा राजे एक मजबूत दावेदार बनी हुई हैं. पार्टी के भीतर उनका ऐसा प्रभाव है कि कोई नेता उनके समानांतर खड़ा नहीं हो रहा है. बीजेपी की ऐसी मजबूरी है कि उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में ज्यादातर वही चेहरे हैं जो वसुंधरा राजे के वफादार हैं.  

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अगर बीजेपी जीत हासिल करती है तो मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए वसुंधरा राजे की सबसे प्रबल दावेदारी होगी. उन्हें पार्टी के भीतर कितनी भी चुनती मिल रही हो, शीर्ष नेतृत्व के लिए उन्हें न चुनना, एक बड़ा फैसला होगा. वसुंधरा राजे चुनावी मंचों पर भी यह इशारा करती नजर आ रही हैं कि यह चुनाव उन्हीं के भरोसे है.

वसुंधरा इन योजनाओं पर कर रही हैं फोकस
कांग्रेस की आलोचना में वसुंधरा राजे अपने कार्यकाल में किए गए कामों की सूची सार्वजनिक कर रही हैं. वसुंधरा राजे के नेतृत्व में, पिछली बीजेपी सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए निर्भया हेल्पलाइन, महिला पुलिस स्टेशन, महिला गश्ती दल और अभय कमांड सेंटर जैसे विभिन्न उपाय लागू किए थे. उनका कहना है कि अशोक गहलोत की सरकार में ये सभी संस्थाएं निष्क्रिय हैं.

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क्या-क्या चुनावी वादे कर रही हैं वसुंधरा 
विधानसभा चुनावों से पहले, वसुंधरा राजे पानी से लेकर बुनियादी ढांचे तक के विकास का वादा कर रही हैं. वे स्थानीय मुद्दों का जिक्र कर रही हैं. उन्होंने भाजपा के सत्ता में आने पर रिंग रोड को पूरा करने का भी वादा किया है. भले ही उन्हें आधिकारिक तौर पर राजस्थान में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश नहीं किया गया है, वसुंधरा राजे हर सर्वे में छाई हैं.

हाल ही में सी-वोटर सर्वे में यह बात सामने आई थी कि उन्हें 22 फीसदी लोग सीएम फेस के तौर पर पसंद करते हैं. यह सर्वेक्षण में शामिल सभी राजस्थान भाजपा नेताओं में सबसे अधिक है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को 10 फीसदी और राज्यवर्धन राठौड़ को 7 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं.

हर वर्ग पर है वसुंधरा की मजबूत पकड़
वसुंधरा राजे झालावाड़ के अपने पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र झालरापाटन से चुनाव लड़ेंगी, जहां उनका काफी प्रभाव है. उनका प्रभाव राजस्थान की हर जाति पर है. जाट, गुज्जर से लेकर राजपूत वोटर तक उन्हें पसंद करते हैं. उनमें जाटों, गुज्जरों और राजपूतों सहित कई जातियों को बीजेपी के पक्ष में एकजुट करने की क्षमता है. उनके रिश्ते राजपूतों से भी हैं और गुज्जरों से भी हैं. उन्होंने लोग कहते भी हैं कि वह राजपूतों की बेटी, जाटों की बहू और गुज्जरों की समधन हैं.

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