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Mukesh Ambani के दादा ने बनाया था गुजरात के इस गांव में घर, 100 करोड़ कीमत वाली इस पुश्तैनी हवेली में हैं ये खासियत

Mukesh Ambani के मुंबई स्थित घर Antilia को सबसे महंगा माना जाता है, लेकिन उनके दादा की बनाई पुश्तैनी हवेली भी कुछ कम नहीं है. इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं.

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Mukesh Ambani Ancestral Home: जूनागढ़ जिले के चोरवाड़ गांव में मुकेश अंबानी के परिवार की हवेली आज भी मौजूद है.

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मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को दुनिया रिलायंस इंडस्‍ट्रीज (Reliance Industries) के मालिक और एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन के तौर पर जानती है. उनकी दौलत और लाइफस्‍टाइल से हर कोई वाकिफ है. मुकेश अंबानी आज दुनिया के सबसे सफल उद्यमियों में शामिल हैं. उन्होंने लंदन में सबसे कीमती और आलीशान मकान खरीदे हैं. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका में महंगे होटल भी खरीदे हैं. मुंबई में उन्होंने अपने रहन के लिए Antilia नाम से जो घर बनवाया है, वो भी भारत के सबसे महंगे और आलीशान घरों में से एक है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका पुश्तैनी घर कहां है और उसकी क्या कीमत है? चलिए हम आपको बताते हैं.

गुजरात के गांव चोरवाड़ में है ये पुश्तैनी हवेली

मुकेश अंबानी की पुश्तैनी हवेली गुजरात के जूनागढ़ जिले के चोरवाड़ गांव में है, जो अंबानी परिवार का पैतृक गांव है. यहां मौजूद हवेली बेहद आलीशान है, जिसे उनके दादा के बनाए घर में मॉडिफिकेशन करते हुए मुकेश अंबानी के पिता  धीरूभाई अंबानी ने बनवाया था. अब इसे धीरूभाई मेमोरियल हाउस में बदला जा चुका है, जिसकी मौजूदा कीमत करीब 100 करोड़ रुपये है.

यहीं से 500 रुपये लेकर कारोबार करने निकले थे धीरूभाई

चोरवाड़ गांव के इसी मकान में मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी का बचपन बीता था. धीरूभाई अंबानी इसी चोरवाड़ गांव के मकान से महज 500 रुपये लेकर निकले थे लेकिन जब वापस आए तो भारत ही नहीं दुनिया के सबसे सफल कारोबारी बनकर घर लौटे.


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2011 में बदला गया था इस हवेली को मेमोरियल में

जब धीरूभाई अंबानी का निधन हुआ तो संपत्ति और कारोबार के बंटवारे को लेकर मुकेश और अनिल अंबानी के बीच दूरियां बढ़ गई थीं.. साल 2011 में संपत्ति और कारोबार के बंटवारे के बाद दोनों भाइयों के बीच की दूरियां खत्म हो गईं. इसके बाद 28 सितंबर 2011 को धीरूभाई अंबानी की पत्नी कोकिला बेन ने अपने पति की याद में इस मकान को धीरूभाई अंबानी मेमोरियल में बदल दिया था.

कैसी दिखती है ये हवेली?

यह हवेली दो मंजिला है, जिसे नया रूप दिया गया है. हालांकि उसके लकड़ी के सामान, पीतल-तांबे की क्रॉकरी का पुराना आकर्षण अभी भी बरकरार है. धीरूभाई अंबानी मेमोरियल हाउस 1.2 एकड़ की जमीन पर फैला हुआ है. इसे दो हिस्सों में बांटा गया है, जहां एक हिस्सा परिवार के लिए सुरक्षित है और दूसरा जनता के लिए खुला है. यह घर एक एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले सुंदर हरे-भरे लॉन से घिरा हुआ है. मुकेश अंबानी के इस भव्य पुश्तैनी मकान में बरामदे, कमरे, गेस्ट हाउस और किचन घर में देखने को मिलेगा. साथ ही आप यहां पुराने जमाने के कुछ फर्नीचर भी देख सकते हैं. इस घर में बड़ा सा गार्डन है. गार्डन का एक हिस्सा सैलानियों के लिए हैं और दूसरा हिस्सा प्राइवेट है. यहां कई स्थानों पर मुगल स्टाइल फाउंटेन भी लगाए गए हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश अंबानी की सौ साल पुरानी इस हवेली के एक हिस्से को सैलानियों के लिए खोल दिया गया है. यहां विजिट करके कोई भी व्यक्ति अंबानी परिवार के इतिहास के बारे में जान सकता है. इसके साथ ही, मुकेश अंबानी के सौ साल पुराने इस मकान से भारत और खासकर गुजरात की भवन निर्माण कला की जानकारी भी मिलती है. इससे लोगों को यह जानकारी मिलती है कि पुराने जमाने में गुजरात में मकान कैसे बनाए जाते थे.

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