Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Kartik Purnima 2022: इस दिन है कार्तिक पूर्णिमा, नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, स्नान-दान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री हरि मत्स्य रूप में जल में विराजमान होते हैं इसलिए इस दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व है, यहां जानें डेट, शुभ मुहूर्त

article-main

इस दिन है कार्तिक पूर्णिमा नोट कर लें डेट

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: Kartik Purnima Snan, Puja vidhi, Tithi, Significance- सनातन धर्म में सभी मास में कार्तिक माह को बेहद खास और पवित्र माना जाता है. विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही मत्स्यावतार धारण किया था जिसे श्रीहरि का पहला अवतार माना जाता है. इसलिए ही कार्तिक माह के पूर्णिमा तिथि को (Kartik Purnima 2022 Date) बेहद खास माना जाता है. कार्तिक माह में भगवान विष्णू और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए लोग पवित्र नदी में स्नान करते हैं. मान्यता है कि इस महीने में दीपदान और पूर्णिमा का व्रत करने से श्रीहरि का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है. चलिए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा कब है, इसका शुभ मुहूर्त और इस दिन स्नान-दान करने का क्या महत्व है...


कार्तिक पूर्णिमा तिथि (Kartik Purnima 2022 Date)

कार्तिक पूर्णिमा तिथि- 8 नवंबर 2022 दिन मंगलवार
कार्तिक पूर्णिमा प्रारंभ तिथि- 7 नवंबर शाम 4.15 मिनट से
कार्तिक पूर्णिमा समाप्त तिथि- 8 नवंबर शाम 4.31 मिनट तक

कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Shubh Muhurat)

इस बार कार्तिक पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त 8 नवंबर 2022 को शाम 4.57 मिनट से शुरू होकर 5.49 मिनट तक है. ऐसे में इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त लगभग 52 मिनट तक होगा. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर सूर्योदय से पूर्व स्नान का विशेष महत्व है ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ रहेगा.

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04.57 - सुबह 05.49 (8 नबंबर 2022)

यह भी पढ़ें- देवउठनी एकादशी के बाद इस बार नहीं होंगे मांगलिक कार्य, 16 दिन बाद मिल रहे हैं विवाह के मुहूर्त

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima Puja Vidhi)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और स्नान के बाद उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत करते हुए भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी पूजा का भी महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन दान पुण्य करने से भगवान विष्णु का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है.

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान का महत्व (Kartik Purnima Importance)

पद्मपुराण के अनुसार कार्तिक मास में भगवान विष्णु मत्स्य रूप में जल में विराजमान रहते हैं. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा पर नदी, तालाब या जलकुंड में स्नान और दान करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है.  मान्यता है कि इस दिन जो भी सूर्योदय से पहले स्नान कर लेता है उसके दैहिक, दैविक, भौतिकताप शांत हो जाते हैं और आरोग्य का वरदान मिलता है.

यह भी पढ़ें- कार्तिक मास में क्यों किया जाता है दीपदान, कब है सही दिन और शुभ समय

कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध कर पुन: तीनों लोकों में धर्म की स्थापना की थी.  तभी से भगवान शिव का नाम महादेव त्रिपुरारी पड़ा. कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली भी मनाई जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement