Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Mukhtar Ansari के खिलाफ 50 से ज़्यादा केस और सजा एक में भी नहीं? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उठाए सवाल

Mukhar Ansari Cases: हाई कोर्ट ने कहा है कि यह न्याय व्यवस्था के लिए कलंक है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ 50 केस दर्ज हैं और उसे एक में सजा नहीं हो पाई.

article-main

मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhar Ansari) अभी जेल में बंद है. मुख्तार अंसारी के खिलाफ 50 से ज़्यादा मुकदमे चल रहे हैं लेकिन उसे अभी तक एक भी मामले में सजा नहीं हुई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने इसी को लेकर सख्त टिप्पणी की है. हाई कोर्ट ने कहा है कि इतने ज़्यादा मुकदमे जिसके खिलाफ चल रहे हों उसे एक भी केस में सजा न हो पाना न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती की तरह है.

हाई कोर्ट ने स्कूल बनाने के नाम पर विधायक निधि का गलत इस्तेमाल करने के मामले में मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह विधानसभा अध्यक्ष की अगुवाई में तीन अधिकारियों की कमेटी बनाए और मुख्तार अंसारी की ओर से खर्च की गई विधायक निधि का ऑडिट भी करवाए.

जज बोले- यह लोकतंत्र का दुर्भाग्य है
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज राहुल चतुर्वेदी ने यह फैसला देते हुए कहा कि हमारे लोकतंत्र का यह दुर्भाग्य है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ दर्जनों मुकदमे चल रहे हैं जनता उसे छह बार से अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा भेज रही है. यह समझना बेहद कठिन है कि क्या यह व्यक्ति वास्तव में जनप्रतिनिधि है या उसे उसकी हनक का लाभ मिल रहा है.

यह भी पढ़ें- लंबे वक्त के बाद साथ दिखेंगे PM मोदी और उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के राजभवन में होगी मुलाकात

हाई कोर्ट ने कहा कि 58 साल के व्यक्ति के खिलाफ 54 मुकदमे दर्ज होना अपने आप में बहुत कुछ कहता है. वह आदतन अपराधी है और 1986 से अपराधी की दुनिया में सक्रिय होने के बावजूद एक भी मामले में सजा नहीं हो पाई. यह न्यायिक प्रक्रिया के लिए एक कलंक और चुनौती भी है कि अभी तक उसके खिलाफ कुछ नहीं किया जा सका.

क्या है पूरा मामला
24 अप्रैल 2021 को मऊ जिले के राम सिंह ने मुख्तार अंसारी, आनंद यादव, बैजनाथ यादव और संजय सागर के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी कागजात बनाने और आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराई. राम सिंह का आरोप है कि मुख्तार अंसारी ने अपनी पार्टी कौमी एकता दल के जिलाध्यक्ष आनंद यादव को एक नया हाईस्कूल बनवाने के लिए विधायक निधि से 25 लाख रुपये दिए गए. बाद में पता चला कि ऐसा कोई स्कूल बना ही नहीं और जिस जमीन पर स्कूल बनाने का प्रस्ताव था वहां तो खेती हो रही है.

यह भी पढ़ें- Varun Gandhi ने की ओवैसी की तारीफ! जानिए क्या है वजह

इसी मामले को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने कहा कि विधायक निधि किसी की निजी संपत्ति नहीं है. यह जनता के टैक्स का पैसा है और इसका मनमाना इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. अब कोर्ट ने कमेटी बनाकर विधायक निधि का ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए  हिंदी गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement