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कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार पर भड़के क्यों हैं महंत, हिंदूवादी गुटों के निशाने पर क्यों है कांग्रेस सरकार?

कर्नाटक में महंतों ने धर्मांतरण कानून और गोहत्या के कानूनों को रद्द करने के फैसले का विरोध किया है. हिंदूवादी संगठन, कांग्रेस सरकार की आलोचना कर रहे हैं.

कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार पर भड़के क्यों हैं महंत, हिंदूवादी गुटों के निशाने पर क्यों है कांग्��रेस सरकार?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया.

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डीएनए हिंदी: कर्नाटक में हिंदूवादी संघठन और महंत, कांग्रेस सरकार से नाराज हैं. दक्षिण कन्नड़ जिले के अलग-अलग मठों के प्रमुखों ने धर्मांतरण-रोधी कानून और गोहत्या रोकथाम अधिनियम को रद्द करने संबंधी कर्नाटक सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है. 

ओडियुरु मठ के गुरुदेवानंद स्वामी ने कहा है कि महंतों की बैठक में कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण अधिनियम को वापस लेने और कर्नाटक पशु वध रोकथाम एवं संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने के फैसले को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है.

महंतों ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से आग्रह किया कि वे अधिनियमों में बदलाव के किसी भी कदम पर आगे न बढ़ें क्योंकि इससे दक्षिण कन्नड़ और कर्नाटक के अन्य जिलों में सामाजिक अशांति फैल सकती है. 

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भूख हड़ताल पर बैठेंगे महंत

गुरुदेवानंद स्वामी ने इस कदम को हिंदू विरोधी करार देते हुए कहा कि सरकार को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस कदम पर आगे बढ़ती है तो महंत भूख हड़ताल करेंगे. 

कांग्रे सरकार के खिलाफ कोर्ट का रुख करेंगे महंत

वज्रदेही मठ के प्रमुख राजशेखरानंद स्वामी ने कहा कि अगर धर्मांतरण-रोधी कानून रद्द किया जाता है या गोहत्या अधिनियम में बदलाव किया जाता है तो वे कानूनी रास्ता भी अपनाएंगे. बैठक में दक्षिण कन्नड़ जिले के 10 मठों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया. राज्य सरकार ने जून में कहा था कि वह तीन जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में धर्मांतरण-रोधी कानून को रद्द करने के लिए एक विधेयक पेश करेगी. (इनपुट: भाषा)

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