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न डिग्री न एक्सपीरियंस, फिर कैसे बने सर्जन, जानें दिल्ली के 4 फर्जी डॉक्टरों की Inside Story

Fake Doctors Gang Greater Kailash Delhi: दिल्ली में ग्रेटर कैलाश में एक प्राइवेट नर्सिंग होम खोलकर चार फर्जी डॉक्टर ऑपरेशन करते थे. जिसके चलते कुछ मरीजों की मौत चुकी थी.

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डीएनए हिंदी: देश के ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की करतूत तो बहुत बार देखी होगी. जहां इलाज के नाम गरीब लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं. उनके पास न तो डिग्री होती और न ही एक्सपीरियंस. लेकिन ऐसी हरकत देश की राजधानी दिल्ली में भी हो सकती है, यह हैरान करने वाली बात है. दक्षिण दिल्ली के एक पॉश इलाके में ऐसा मेडिकल रैकेट चल रहा था, जहां खुद को डॉक्टर बताकर 4 लोग सर्जरी करते थे. पुलिस ने इन चारों को धर दबोचा है. जांच में जब उनके अपराधों की परतें खुली तो पुलिस भी दंग रह गई.

दिल्ली पुलिस को जांच में पता चला कि यह फर्जी डॉक्टर एक निजी नर्सिंग होम चला रहे थे. जिसमें गॉल ब्लैडर के मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा था. एक सप्ताह पहले एक मरीज की मौत हो गई थी. जिसकी वजह से फर्जी डॉक्टरों की करतूत उजागर हुई. हालांकि यह पहला मामला नहीं था. पुलिस ने बताया कि इससे पहले 10 अक्टूबर 2022 को संगम विहार में रहने वाली एक महिला ने ग्रेटर कैलाश थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. 

पुलिस को दी शिकायत में महिला ने बताया कि 19 सितंबर 2022 को पित्ताशय की पथरी (Gall Bladder) निकलवाने के लिए उन्होंने अपने पति को ग्रेटर कैलाश के अग्रवाल मेडिकल सेंटर, जीके-1 में भर्ती किया था, जहां अस्पताल के निदेशक डॉक्टर नीरज अग्रवाल ने बताया कि उनके पति की सर्जरी डॉक्टर जसप्रीत सिंह करेंगे. लेकिन ऑपरेशन करने से कुछ देर पहले डॉक्टर नीरज अग्रवाल ने बताया कि डॉ. जसप्रीत दूसरी सर्जरी की वजह से नहीं आ पाए और अब उनकी सर्जरी डॉक्टर महेंद्र सिंह करेंगे.

प्रसव बिना ही मरीज की कर दी थी सर्जरी
महिला ने बताया कि इसके बाद डॉक्टर नीरज ने महेंद्र सिंह और पूजा नाम की डॉक्टर से मिलवाया. तीनों में मिलकर उनके पति की सर्जरी की. सर्जरी के बाद उन्हें ऑपरेशन थिएटर के बाहर लाया गया, जहां उसके पति दर्द से चिल्ला रहे थे. बाद में उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जांच में पता चला कि फर्जी डॉक्टरों ने प्रसव बिना ही मरीज की सर्जरी कर दी थी.

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असली डॉक्टर का नाम पर हो रहा था खेल
पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह पूरा रैकेट असली सर्जन डॉक्टर जसप्रीत सिंह के नाम पर चल रहा था. नर्सिंग होम में कोई भी मरीज आता तो उसे ऑपरेशन के लिए बोला जाता था. मरीज दिया जाना वाला प्रस्क्रिप्शन डॉक्टर जसप्रीत के नाम पर होता था. लेकिन ऑपरेशन टेक्नीशियन महेंद्र सिंह, नीरज अग्रवाल और उनकी पत्नी पूजा अग्रवाल करती थीं. जिनके पास न तो कोई एक्सपीरियंस था और न ही डॉक्टर की डिग्री. इन तीनों के पास मेडिकल लाइन का कोई डिप्लोमा भी नहीं था. इन फर्जी डॉक्टरों के ऑपरेशन से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

फिलहाल पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने हेल्त सेंटर से भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयां, एक्सपायरी सर्जिकल ब्लेड, 47 चेक बुक, 56 एटीएम कार्ड समेत कई मरीजों के प्रिसक्रिप्शन बरामद किए हैं. पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है कि यह लोग कितने समय और कहां-कहां ऐसा रैकेट चला रहे थे.

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