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Chhattisgarh Result: छत्तीसगढ़ में क्या रही बघेल सरकार की उपलब्धि और कहां होगी मुश्किल?

Chhattisgarh Election Result 2023: छत्तीसगढ़ में भूपेष बघेल की साफ सुथरी छवि के कारण विरोधी उसकी जमीन को हिला नहीं पाए. उन्होंने 5 साल में राज्य में जिस तरह शासन किया, उसने जनता के बीच उनकी छवि को चमका दी.

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छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: छत्तीसगढ़ में आज पता चला जाएगा की राज्य में किसकी सरकार बनेगी. शुरुआती रुझानों में कांग्रेस पूर्ण बहुत से सरकार बनाती दिख रही है. चुनाव नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल में भी कांग्रेस की सरकार बनती दिखाई गई थी. ऐसे में बीजेपी की सत्ता में वापसी की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिरता दिख रहा है. छत्तीसगढ़ की राजनीति को समझें तो कांग्रेस का एक ही नारा था 'भूपेश हैं तो भरोसा है'. इससे स्प्ष्ट हो गया कि पंजे पर वोट भूपेश बघेल के कारण पड़े.

छत्तीसगढ़ में भूपेष बघेल की साफ सुथरी छवि के कारण विरोधी उसकी जमीन को हिला नहीं पाए. उन्होंने 5 साल में राज्य में जिस तरह शासन किया और कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की, उसने जनता के बीच उनकी छवि को चमका दिया. उन्होंने बिना किसी के विवाद के पांच साल तक कुशलतापूर्वक सरकार को चलाया. कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत 'भूपेश हैं तो भरोसा है' के नारे से की थी. हालांकि बाद में अंदरूनी विवाद के बाद इस नारे को बदल कर 'कांग्रेस है तो भरोसा है' कर दिया गया.

बघेल की वो योजनाएं
राजीव गांधी किसान न्याय योजना- भूपेश बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को 9,000 रुपये प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देकर किसानों को अपने पाले में कर लिया. इसके अलावा किसानों के लिए दर्जनों हितैसी फैसले लेकर बघेल सरकार ने  खेती-किसानी में नया आधुनिक बदलाव किया. जिससे राज्य के किसान आधुनिक खेती की ओर तेजी से बढ़ने लगे हैं. 

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा योजना)- बघेल सरकार ने महात्मा गांधी के गांव को आत्मनिर्भर बनाने का सपना पूरा करने के लिए इस योजना की शुरुआत की. इसके तहत गांव के परंपरागत व्यवसायियों को एक अवसर मिला, जिससे वे अपने परंपरागत व्यवसाय के जरिए स्वयं के साथ-साथ अपने गांव को भी आत्मनिर्भर बना सकें.

बिजली बिल हाफ योजना- भूपेष बघेल की बिजली के बिल की समस्या को दूर करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ बिजली बिल हाफ योजना’ भी लोगों को खूब पसंद आई. इसके तहत प्रदेश के लगभग 42 लाख उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिल रहा है. छत्तीसगढ़ में इस योजना से अब तक लगभग 2500 करोड़ की बिजली उपभोक्ताओं को उसके बिलों में राहत दी गई.

बघेल के लिए क्या होंगी मुश्किल?
भूपेश बघेल को लेकर सबसे बड़ा सस्पेंस तो यह है कि अगर राज्य में कांग्रेस सत्ता पर फिर से काबिज होती है तो क्या वह फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे? इसका जवाब उन्होंने खुद एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में दे दिया. उन्होंने कहा कि ये हाईकमान का अधिकार क्षेत्र है और वही इस पर नतीजों के बाद फैसला लेगा. हालांकि काग्रेंस बघेल के अलावा किसी और को राज्य की कमान नहीं सौंपेगी. 

भूपेष बघेल की असली मुसीबत महादेव सट्टेबाजी ऐप मामला है. जिसके आरोपियों में से एक सुभम सोनी ने दावा किया कि उसने मुख्यमंत्री बघेल के करीबियों को अब तक 508 करोड़ रुपये दिए थे. इस मामले में सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा, सीएम के बेटे बिट्टू समेत कई लोगों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापेमारी कर चुकी है. ऐसे में यह मामले फिर तूल पकड़ सकता है और बघेल मुश्किलों में घिर सकते हैं.

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