Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Munawwar Rana:मुनव्वर राना की बेबाक शख्सियत, पीएम मोदी हों या योगी खूब चलाते थे जुबानी तंज

Munawwar Rana Passes Away: शायरी की दुनिया के बेहद चर्चित नाम मुनव्वर राना का निधन हो गया है. 71 वर्ष की उम्र में उन्होंने लखनऊ के एक अस्पताल में आंखिरी सांस ली. वह लंब वक्त से बीमार थे और आईसीयू में एडमिट थे.

Latest News
article-main

Munawwar Rana

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: मशहूर शायर मुनव्वर राना ने रविवार देर रात लखनऊ के अस्पताल में आखिरी सांस ली. वह संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI Lucknow) में इलाज के लिए भर्ती थे. मां और देश के भीषण बंटवारे पर लिखी उनकी नज्में और शायरी काफी चर्चित रही हैं. वह बेबाकी से अपने बयान रखने के लिए भी जाने जाते थे. उन्होंने शायरी और अदब की दुनिया में बड़ा नाम कमाया और भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी कई मुशायरों में हिस्सा लिया था. साहित्य में योगदान के लिए साल 2014 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. अपनी शायरी में वह उर्दू के साथ कई बार अवधी और हिंदी के शब्दों को मिलाकर खूबसूरत प्रयोग भी करते थे. 

मुनव्वर राना बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए भी जाने जाते थे. मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले राना ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए भी नज्म लिखी थी. 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी पर दिए अपने बयानों की वजह से वह चर्चा में आ गए थे. 2015 में अखलाक की  मॉब लिंचिंग के विरोध में उन्होंने अपना साहित्य अकादमी सम्मान वापस लौटा दिया था. हालांकि, पीएम मोदी की मां हीराबेन के निधन पर वह भावुक हो गए थे और उन्होंने कहा था कि अब पीएम को बहुत संभलकर चलना होगा.
 
यह भी पढ़ें:  'अभी जिंदा है मां मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा' कहने वाला शायर हो गया मौन

सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते थे 
2015 में मॉब लिंचिंग की घटना के बाद उन्होंने अपना अवॉर्ड वापस कर दिया था और उन्होंने सामाजिक मुद्दों पर हमेशा अपनी राय रखी थी. 2014 में पीएम मोदी पर दिए बयान की वजह से चर्चा में आए थे लेकिन जब पीएम की मां हीराबेन का निधन हुआ तो मशहूर शायर का दुख सामने आ गया था. उन्होंने कहा था कि यह उनके लिए बहुत मुश्किल वक्त होगा. अब उन्हें फूंक-फूंककर कदम रखना होगा. उत्तर प्रदेश की साहित्य अकादमी के अध्यक्ष पद से उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था.2022 चुनाव में उन्होंने कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ सीएम बनते हैं तो वह यूपी छोड़कर कोलकाता चले जाएंगे.

विवादों से रहा था पुराना नाता 
मुनव्वर राना योगी सरकार के कटु आलोचक थे और उन्होंने कहा था कि सबका साथ सबका विकास सिर्फ नारा है. किसान आंदोलन के वक्त उन्होंने एक शेर लिखा था जिसमें संसद को गिराकर खेत बनाने की बात कही गई थी. 2022 में कार्टून बनाने के लिए फ्रांस की एक टीचर की गला रेतकर हत्या करने को उन्होंने जायज ठहराते हुए कहा था कि मजहब मां की तरह होती है और उसका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. उनके निधन पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने शोक जताया है.  

यह भी पढ़ें: कौन हैं अनीशा गांधी तिवारी, जिनकी मां हैं भारत की 5वीं सबसे अमीर महिला

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement