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गलवान हिंसा के बाद पहली बार मिले भारत और चीन के रक्षा मंत्री, क्या रहा हासिल, संभल जाएंगे LAC पर हालात?

राजनाथ सिंह ने चीन से कहा है कि LAC पर मुद्दों को द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक हल करने की जरूरत है. उन्हें कड़े शब्दों में चीन को बता दिया है कि बिना तेवर बदले इस मुद्दे का कोई हल नहीं होगा.

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और रक्षामंत्री जनरल ली शांगफू.

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डीएनए हिंदी: सीमा विवाद की वजह से साल 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई झड़प के बाद पहली बार चीन के रक्षामंत्री जनरल ली शांगफू भारत दौरे पर आए हैं. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे मुलाकात की और इशारों-इशारों में समझा दिया कि भारत अपनी नीति पर अटल है, समझौता चीन को ही करना होगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 27 अप्रैल को नई दिल्ली में स्टेट काउंसिलर और चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू से मुलाकात की. इस दौरान दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों के विकास के बारे में खुलकर चर्चा की.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अध्यक्ष के रूप में भारत 28 अप्रैल को नई दिल्ली में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करने जा रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ बैठक से पहले गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष जनरल ली शांगफू के साथ यह द्विपक्षीय वार्ता की है. आइए जानते हैं इस बैठक का हासिल क्या रहा?

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- द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों का विकास, सीमाओं पर शांति और शांति के प्रसार पर आधारित है.

- राजनाथ सिंह ने कहा कि एलएसी पर सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रतिबद्धताओं के अनुसार हल करने की जरूरत है. उन्होंने दोहराया कि मौजूदा समझौतों के उल्लंघन ने द्विपक्षीय संबंधों के आधार को नष्ट किया है.

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18 दौर की हो चुकी है सैन्य वार्ता

पूर्वी लद्दाख में LAC पर डेपसांग मैदानी क्षेत्र में डी-एस्केलेशन और विवादास्पद मुद्दों का हल तलाशने के लिए भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की वार्ता भी हो चुकी है. रविवार को दोनों देशों के कोर कमांडरो के बीच यह वार्ता हुई थी. भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की मौजूदा वार्ता से पहले दिसंबर 2022 में यह वार्ता हुई थी.

अब तक हुई बातचीत का क्या रहा हासिल?

कई दौर की बातचीत से सैनिकों ने एलएसी के साथ कई स्थानों से वापसी की है. लेकिन कुछ फॉरवर्ड पोस्ट पर अभी भी बख्तरबंद गाड़ियों, तोपखाने वाने सैन्य उपकरणों के सेनाएं तैनात हैं. भारत ने चीन से सेना के डी-एस्केलेशन करने को कहा है. 

क्या संभल जाएंगे LAC पर हालात?

भारत का पक्ष यह है कि यहां फॉरवर्ड पोस्ट पर स्थिति अप्रैल 2020 से पहले के अनुसार होनी चाहिए. भारत में चीन से कहा कि क्षेत्र में सभी अतिरिक्त सैनिकों और उपकरणों की वापसी करनी होगी. चीन को ये बातें माननी ही होंगी क्योंकि भारत इन बातों से पीछे नहीं हटेगा. भारत ने पहले भी साफ कह दिया है कि जब तक गतिरोध कम नहीं होंगे, भारत और चीन के बीच संबंध सामान्य नहीं होंगे.

बैठक में और किन बातों पर हुई है चर्चा?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 27 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में कजाखिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रुसलान जाक्सिल्यकोव और ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेराली मिजरे के साथ भी अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं. 

दोनों रक्षा मंत्रियों से विचार-विमर्श के दौरान कजाखिस्तान और ताजिकिस्तान के साथ भारत के रक्षा सहयोग के पूरी विस्तृत श्रृंखला की समीक्षा की गई. इस दौरान पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का विस्तार करने के तौर-तरीकों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. 

बैठक में आपसी हित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई. SCO की 28 अप्रैल, 2023 को आयोजित होने वाली रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए सभी रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह के निमंत्रण पर दिल्ली आ रहे हैं. (इनपुट: IANS)

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