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BJP में संसदीय बोर्ड और चुनाव सम‍िति में कौन ज्यादा ताकतवर और किसकी क्या भूमिका? जानें सबकुछ

बीजेपी के संसदीय बोर्ड में बड़ा परिवर्तन हुआ है. नितिन गडकरी और शि‍वराज सिंह चौहान की संसदीय बोर्ड से छुट्टी हो गई है. सुधा यादव, सर्वानंद सोनोवाल और बीएस येदियुरप्पा जैसे चेहरों को संसदीय बोर्ड में जगह दी गई है.  

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डीएनए हिंदीः बीजेपी (BJP) ने संसदीय बोर्ड (BJP Parliamentary Board) और केंद्रीय चुनाव समिति ( BJP Central Election Committee) में कई बदलाव किए है. संसदीय बोर्ड से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) की छुट्टी हो गई है. वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanth) का नाम भी इस लिस्ट से गायब है. वहीं इसमें सर्वानंद सोनोवाल और बीएस येदियुरप्पा को बीजेपी ने बोर्ड में शामिल किया है. आखिर संसदीय बोर्ड बीजेपी में इतना महत्वपूर्ण क्यों है और इसका क्या काम होता है इसे विस्तार से समझते हैं.  

कितना ताकतवर है बीजेपी का संसदीय बोर्ड?
2014 में जब अमित शाह (Amit Shah) को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने संसदीय बोर्ड का गठन किया. इसे बीजेपी की सबसे ताकतवर संस्था माना जाता है. पार्टी से जुड़े सभी बड़े फैसले इसी बोर्ड द्वारा लिए जाते हैं. यही बोर्ड तय करता है कि राज्यों में विधानसभा या विधान परिषद में लीडर किसे बनाया जाएगा. राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्यों में किस पार्टी के साथ गठबंधन किया जाना है उसका फैसला भी यही बोर्ड करता है. इसका फैसला ही अंतिम माना जाता है. इस बोर्ड का काम संसदीय और राज्यों के विधायी समूहों की निगरानी करने का होता है. पार्टी की संसदीय गतिविधियों के संचालन और समन्वय के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी एक संसदीय बोर्ड का गठन करती है. संसदीय बोर्ड ही इससे जुड़े नियम बनाता है. संसदीय बोर्ड बनने के 8 साल बाद बदलाव किया गया है. दरअसल वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति और थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनने से उनकी जगह भी खाली थी. इसके अलावा अरुण जेटली, अनंत कुमार, सुषमा स्वराज भी सदस्य थे, जिनका निधन हो जाने से तीन जगहें खाली थीं. 

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कैसे होता है गठन?
पार्टी अध्यक्ष के अतिरिक्त इसमें दस सदस्य होते हैं. इनमें से एक सदस्य संसद में पार्टी का नेता होता है, जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष संसदीय बोर्ड का प्रमुख होता है. अध्यक्ष पार्टी के महामंत्रियों में से एक को संसदीय बोर्ड का सचिव नियुक्त करता है. अब जब संसदीय बोर्ड का फिर से गठन किया गया है, तो नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को जगह नहीं मिली है. इनकी जगह, बीएस येदयुरप्पा, सर्बानंद सोनोवाल, के. लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव और सत्यनारायण जटिया को नए चेहरे को तौर पर संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है. 

बीजेपी संसदीय बोर्ड में कौन-कौन शामिल?

जगत प्रकाश नड्डा (अध्यक्ष)

नरेंद्र मोदी

राजनाथ सिंह

अमित शाह

बी. एस. येदयुरप्पा

सर्बानंद सोनोवाल

के. लक्ष्मण

इकबाल सिंह लालपुरा

सुधा यादव

सत्यनारायण जटिया

बी एल संतोष (सचिव)

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बीजेपी की केन्द्रीय चुनाव समिति
बीजेपी में केंद्रीय चुनाव समिति की अहम भूमिका होती है. यह समिति संसद और विधानमंडलों के चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को अंतिम रूप देती है. चुनाव अभियानों का भी संचालन करती है. केन्द्रीय चुनाव से लेकर राज्यों के चुनाव और टिकट वितरण में कमेटी की अहम भूमिका होती है. इसके अलावा ये भी तय करती है कि कौन सीधे चुनावी राजनीति में आएगा और कौन इस राजनीति से बाहर रखा जाएगा. चुनावी मामलों की सभी शक्तियां पार्टी की चुनाव समिति के पास हैं. इस समिति में कुल 15 सदस्य होते हैं. इनमें संसदीय बोर्ड से सभी सदस्यों के अलावा 8 निर्वाचित सदस्य होते हैं. महिला मोर्चा की अध्यक्ष पदेन सदस्य होती हैं. 

भाजपा चुनाव समिति में कौन-कौन शामिल 

जगत प्रकाश नड्डा (अध्यक्ष)

नरेंद्र मोदी

राजनाथ सिंह

अमित शाह

बी. एस. येदयुरप्पा

सर्बानंद सोनोवाल

के. लक्ष्मण

इकबाल सिंह लालपुरा

सुधा यादव

सत्यनारायण जटिया

भूपेन्द्र यादव

देवेन्द्र फडणवीस

ओम माथुर

बीएल संतोष (सचिव)

वनथी श्रीनिवास

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